पाकिस्तान को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच चुका था इसलिए हमने संघर्ष विराम को अहमियत दी : डार
ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप की मध्यस्थता का सच आखिर PAK ने कबूला !
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक में मध्यस्थता कराने का अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार दावा किया था। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा है कि हमने किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा था। पहले इशाक डार ने माना था कि ऑपरेशन सिंदूर में पाक को इतना नुकसान हुआ था कि उसने संघर्ष विराम को तवज्जो दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद करीब डेढ़ महीने में 20 बार दावा किया था कि उन्होंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराकर संघर्ष को रुकवाया था. भारत मध्यस्थता की बात से लगातार इनकार करता रहा है. अब पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने फिर से कहा है कि पाकिस्तान ने किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा था।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, इस्लामाबाद में मीडिया से बात करते हुए उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, “हमने किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा था.” हालांकि ये पहली बार नहीं है जब बड़बोलेपन के लिए कुख्यात इशाक डार ऐसा बयान दे रहे हों. इससे पहले अगस्त में भी उन्होंने कुछ ऐसा ही बयान दिया था।
उस दौरान इशाक डार ने माना था कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंच चुका था कि उन्होंने हथियार छोड़कर संघर्षविराम को अहमियत दी. उन्होंने कहा था, "इस्लामाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ युद्धविराम में मध्यस्थता के लिए अमेरिका या किसी तीसरे पक्ष से कभी अनुरोध नहीं किया. भारतीय हमले में नुकसान झेलने के बाद पाकिस्तान ने खुद सीजफायर की मांग की थी।
इसके बाद सितंबर में डार ने एक कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि भारत कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए सहमत नहीं हुआ था. डार ने खुलासा किया कि जब पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बारे में पूछा, तो रुबियो ने साफ कहा कि भारत हमेशा से कहता रहा है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है।










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