G News 24 : तमिलनाडु में सरकार द्वारा हिंदी भाषा पर बैन लगाए जाने की अफ़वाह वाली खबर हुई वायरल !

 मच गया बवाल, अब जानें पूरी सच्चाई...

तमिलनाडु में सरकार द्वारा हिंदी भाषा पर बैन लगाए जाने की अफ़वाह वाली खबर हुई वायरल !

तमिलनाडु की राजनीति में हिंदी भाषा को लेकर मामला बहुत गरमाया हुआ है. सोशल मीडिया पर ये खबर फैल रही थी कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार विधानसभा में हिंदी होर्डिंग्स, गाने और फिल्मों पर बैन लगाने वाला बिल ला रही है. लेकिन अब सरकार ने इस मामले पर अपनी सफाई दी है और इसे पूरी तरह झूठा बताया है. 

क्या सच में लग गया हिंदी पर बैन?

तमिलनाडु में हिंदी होर्डिंग्स, गानों और फिल्मों पर बैन की खबरें झूठी निकलीं है. स्टालिन सरकार की फैक्ट-चेक यूनिट ने साफ किया कि ऐसा कोई बिल नहीं लाया जा रहा. तमिलनाडु सरकार की फैक्ट-चेक यूनिट ने सोशल मीडिया हैंडल पर साफ-साफ इस मामले पर बयान दिया है और कहा "ये दावा कि स्टालिन सरकार हिंदी भाषा पर पूरी तरह बैन लगाने वाला बिल ला रही है, पूरी तरह गलत है." सरकार ने आगे कहा, "विधानसभा सचिव ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव हमारे पास नहीं आया." ये खबरें तब वायरल हुईं जब कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि तमिलनाडु विधानसभा के आखिरी सत्र में हिंदी बैन का बिल पेश हुआ. लेकिन ये सब अफवाह थी. 

बीजेपी का हमला, डीएमके पर 'हिंदी विरोध' का इल्जाम

इस पूरे विवाद की शुरुआत बीजेपी नेता के अनामलाई के तीखे बयान से हुई. उन्होंने एक्स पर लिखा, "आंध्र प्रदेश के सीएम गूगल के साथ 15 बिलियन डॉलर का एआई डेटा सेंटर डील कर रहे हैं, और तमिलनाडु के सीएम हिंदी बैन करने वाले बिल की बात कर रहे हैं. डीएमके की घटिया राजनीति और गलत प्राथमिकताएं!" अनामलाई ने डीएमके पर तंज कसते हुए इसे 'हिंदी थोपने' का मुद्दा बनाया. वैसे भी तमिलनाडु में हिंदी का मुद्दा पहले भी कई बार राजनीतिक हथियार बन चुका है. डीएमके हमेशा तमिल भाषा और संस्कृति की रक्षा की बात करती है, जबकि बीजेपी इसे भाषाई विभाजन की राजनीति कहती है.

डीएमके का जवाब, विकास और नौकरियों का हिसाब

डीएमके सांसद पी विल्सन ने अनामलाई को करारा जवाब दिया.उन्होंने एक्स पर लिखा, "ये हिंदी बैन बिल की खबर फर्जी है, जैसा कि तमिलनाडु फैक्ट-चेक यूनिट ने साफ किया.क्या अनामलाई को नहीं पता कि स्टालिन की ड्रविड़ मॉडल सरकार ने लाखों करोड़ का निवेश लाया है?" विल्सन ने आंकड़े गिनाए: "2021 से अब तक 893 एमओयू साइन हुए, जिनसे 10,07,974 करोड़ का निवेश और 31,53,862 नौकरियां तमिलनाडु में आईं." उन्होंने अनामलाई को 'अंध भक्त' कहकर तंज कसा और डीएमके की उपलब्धियों पर जोर दिया.

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