जंगल में चरवाहे को मिला नवजातरोता मिला नवजात...
क्रूरता की सारी हदें पार नवजात के मुंह में पत्थर ठूंसकर लगा दिया फेवीक्विक !
भीलवाड़ा के बिजोलिया क्षेत्र के जंगलों में स्थित सीता माता कुंड मंदिर के पास एक नवजात शिशु बेहद अमानवीय हालत में एक चरवाहे को मिला है । नवजात के मुंह में पत्थर ठूंसकर उस पर फेवीक्विक लगा दिया गया था। दिल को झकझोर देने वाली इस घटना को शायद किसी निर्दयी मां ने अंजाम दिया है ! 10-15 दिन के मासूम के मुंह में पत्थर ठूंसकर उस पर फेवीक्विक लगा दिया और उसे पत्थरों में छुपाकर मरने के लिए छोड़ दिया।
चरवाहों ने बचाई जान...
यह घटना मंगलवार शाम को सामने आई, जब जंगल में पशु चराने गए चरवाहा को बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। जब वह नजदीक गया तो पत्थरों के बीच एक नवजात को तड़पता देखकर वो हैरान रह गया। चरवाहा ने अन्य ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद, उन्होंने बिजोलिया पुलिस को इसकी सूचना दी और बच्चे को तुरंत पत्थरों के बीच से बाहर निकाला।
ग्रामीण भंवर सिंह ने बताया कि मंगलवार को एक चरवाहा जब मंदिर के ऊपर की ओर पहुंचा तो उसे कराहने की आवाज सुनाई दी। नजदीक जाकर देखा तो पत्थरों के नीचे मासूम बच्चा दबा पड़ा था। उसने तुरंत अन्य ग्रामीणों को सूचना दी और बच्चे को बाहर निकाला। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेस को बुलाया।
डॉक्टरों ने बताई बच्चे की हालत...
नवजात को कस्बे के अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. मुकेश धाकड़ ने कहा कि बच्चा बेहद कमजोर हालत में लाया गया। उसके मुंह पर फेवीक्विक लगाने से कट के निशान बन गए हैं और गर्मी के कारण शरीर का बायां हिस्सा पूरी तरह से झुलस गया है। फिलहाल, प्राथमिक इलाज के बाद उसकी स्थिति स्थिर है।
भीलवाड़ा चाइल्ड वेलफेयर टीम को सूचना दे दी गई है। जिस पर विनोद राव मौके पर पहुंचे और बच्चे को तत्काल भीलवाड़ा महात्मा गांधी चिकित्सालय के शिशु वार्ड के आयशु वार्ड में रखा गया है, जहां पर बच्चे का इलाज जारी है। बच्चे को आगे की देखभाल के लिए पालना घर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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