टैरिफ धमकी को लिया वापस,अब खुद मांग रहे समय...
रूस की ताकत, पुतिन के जलजले के आगे ट्रंप की निकल गई सारी हेकड़ी !
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर टिकी थीं, जब दोनों की मुलाकात में हुई बातें दुनिया के सामने आई तो लोग हैरान रहे. यूक्रेन जंग पर कोई भी नतीजा नहीं निकला, उससे अधिक हैरानी यह थी कि जिस ट्रंप ने रूस को धमकी दी थी, ट्रंप ने ऐलान किया था अगर पुतिन बात नहीं माने तो हम उन पर प्रतिबंध लगाएंगे, लेकिन हुआ अब उस धमकी को भी वापस ले लिया. इस मुलाकात के बाद ट्रंप बैकफुट पर आ गए हैं . यूक्रेन-रूस की जंग पर कोई आधिकारिक समझौता नहीं बन पाया इसके बाद भी उल्टा. पुतिन से मुलाकात की तारीफ करते रहे हैं. और पुतिन की मुलाकात पर दस में दस नंबर देने लगे.
सीएनएन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने रूस के लिए गंभीर परिणाम की धमकी को फिलहाल टाल दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह रूस पर और प्रतिबंध लगाने या अन्य गंभीर परिणाम थोपने से फिलहाल परहेज करेंगे, क्योंकि उन्होंने अलास्का में व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक को बहुत अच्छा बताया है. फॉक्स न्यूज़ के सीन हैनिटी के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि आज जो हुआ, उसके कारण मुझे लगता है कि मुझे अभी इसके बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है "मुझे दो या तीन हफ़्ते या कुछ और समय बाद इसके बारे में सोचना पड़ सकता है, लेकिन हमें अभी इसके बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है.
ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध रोकने का दबाव बनाने के लिए रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी. लेकिन पुतिन द्वारा आमने-सामने की बैठक के लिए सहमत होने के बाद ट्रंप ने उस समय सीमा को टाल दिया है. अब जब पूरी दुनिया की नजरें इस बात पर थीं कि क्या ट्रंप अपनी सख्त धमकियों को अमल में लाएंगे. लेकिन रूस की ताकत और पुतिन की रणनीति के आगे ट्रंप की सारी हेकड़ी निकल गई है.
पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप के बदले हुए सुर नजर आए...
15 अगस्त को अलास्का के जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में ट्रंप और पुतिन ने तीन घंटे तक बात की. मकसद था यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने का रास्ता निकालना. मुलाकात के बाद ट्रंप के बदले हुए सुर नजर आए. फॉक्स न्यूज के शो "हैनिटी" में कहा, "हमारी मुलाकात शानदार रही. हमारी आपस में अच्छी बनी. अमेरिका और रूस दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियां हैं. मैं नंबर एक हूं, वे नंबर दो, और हमारा अच्छा तालमेल बड़ा मायने रखता है." लेकिन कोई सीजफायर या समझौता नहीं हुआ.
ट्रंप की धमकी और रूस का जवाब...
ट्रंप ने जुलाई में कहा था कि अगर पुतिन 50 दिनों में यूक्रेन युद्ध खत्म नहीं करते, तो रूस और उसके व्यापारिक साझेदारों (जैसे भारत, चीन) पर 100% टैरिफ लगाएंगे. लेकिन रूस ने इसे हल्के में लिया. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा, "रूस को इन धमकियों की परवाह नहीं." रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने तो ट्रंप को "नाटकीय" करार दिया और कहा कि रूस पर प्रतिबंधों का असर नहीं होता.
टैरिफ की धमकी वापस, समय की मांग...
अलास्का में कोई ठोस डील नहीं हुई. ट्रंप ने समिट को 10 में से 10 रेटिंग दी है, पहले 50 दिन का अल्टीमेटम देने वाले ट्रंप अब कह रहे हैं कि वह जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएंगे. उन्होंने टैरिफ की बात को ठंडे बस्ते में डाल दिया और कहा कि वह जेलेंस्की और नाटो से बात करेंगे. विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन की सख्ती ने ट्रंप को रणनीति बदलने पर मजबूर किया है.
रूस की ताकत है ...
रूस के पास दुनिया का सबसे ताकतवर देशों में है. तभी तो रूस ने यह भी साफ किया कि वह यूक्रेन में अपनी शर्तों पर ही शांति चाहता है. ट्रंप की धमकियों के बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था स्थिर रही, और मॉस्को स्टॉक एक्सचेंज में 2.7% की बढ़ोतरी देखी गई.
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