G News 24 : किसानों एवं आदिवासियों की जमीन नही छोड़ेंगे,संघर्ष नही छोड़ेंगे : बादल सरोज

 भूमि अधिकार सम्मेलन का निर्णय,25 सितम्बर भोपाल मे होगा जंगी प्रदर्शन...

किसानों एवं आदिवासियों की जमीन नही छोड़ेंगे,संघर्ष नही छोड़ेंगे : बादल सरोज

ग्वालियर। केंद्र व प्रदेश सरकारें किसानों एवं आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने की साजिश कर रही है, सत्ता की दम पर सरकार जबरिया बेदखली कर रही है । अटल एक्स वे, ग्रीन फील्ड, साडा, और बाईपास के नाम पर किसानों की सहमति के बगेर ही जमीने छीनी जा रही है । उक्त आरोप अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव बादल सरोज ने भूमि अधिकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए लगाया।

रविवार को  ग्वालियर मे संभागीय स्तर का भूमि अधिकार सम्मेलन संपन्न हुआ । सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तिवारी ने किया, उन्होंने विस्तार से किसानों की जमीनों को एक साजिश के तहत छिनने का आरोप लगाया । सम्मेलन मे घाटीगाँव, छिमक, डबरा क्षेत्र से आये आदिवासियों ने अपने आवास एवं वन अधिकार पट्टे ना देने एवं जबरिया बेदखल किये जाने की दास्तां रखी तो साडा द्वारा तीस वर्ष पहले जमीन लेकर कोई विकास ना करने की बात इस क्षेत्र से आये किसानों ने कही, ग्वालियर विकास प्राधिकार द्वारा प्रस्तावित हवाई अड्डे से अटल गेट तक सड़क हेतु अधिग्रहण मे किसानों की सहमति नही लिए जाने की बात कही ।मालनपुर औधोगिक क्षेत्र के लिए 1988 मे करीब 400 किसानों से जमीन लेते समय पक्की नोकरी का वायदा आज तक पूरा नही किया गया।

ग्रीन फील्ड के नाम से ग्वालियर से झांसी बाईपास सुरेसा से आगरा तक हाईवे की भी यही कहानी है। सबसे बड़ा अधिग्रहण तो अटल एक्सप्रेस वे के नाम पर किया जा रहा है जिसमे एक लाख लोग प्रभावित हो रहे है। उक्त सभी वक्ताओ एवं प्रभावित किसानों का कहना था की हम विकास के विरोधी नही है किंतु विकास की आड़ लेकर किसानों की बर्बादी करने वाली नीति का विरोध किया जायेगा। 

सम्मेलन मे किसान सभा के राज्य महा सचिव अखिलेश यादव  ने प्रस्ताव रखा की अब इन सभी लडाइयों को भोपाल चलकर लड़ा जायेगा। 25 सितम्बर को भोपाल रैली के प्रस्ताव पर सभी ने हाथ उठाकर एवं उत्साह जनक ढंग से समर्थन किया। सम्मेलन ग्वालियर जिला अध्यक्ष तलविंदर सिंह, मुरैना जिला कार्यवाहक अध्यक्ष गयाराम सिंह धाकड़, और भिंड जिला अध्यक्ष प्रेम नारायण माहोर की अध्यक्षता मे शुरू किया गया।

जमीन नही छोड़ेंगे, संघर्ष नही छोड़ेंगे के नारे एवं 25 सितम्बर भोपाल रैली के निर्णय एवं जोशीले नारों के साथ सम्मेलन का समापन किया गया। 

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