के एन राजन्ना को सच बोलने पर मिली सजा,मंत्री पद से हटाए गए...
वोट चोरी का राग अलाप रही कांग्रेस को उसी के मंत्री के एन राजन्ना ने दिखाया आइना !
"जब मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ हुई थी, तब कांग्रेस सत्ता में थी और पार्टी नेताओं को इस मामले को तब उठाना चाहिए था जब यह हो रहा था, न कि अभी। उन्होंने कहा, "मतदाता सूची कब तैयार हुई? यह तब तैयार हुई जब हमारी अपनी सरकार सत्ता में थी। उस समय, क्या सब लोग आंखें बंद करके चुपचाप बैठे थे... ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं - हमें शर्म आनी चाहिए। हमने उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया,"
कर्नाटक के मंत्री और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी रहे केएन राजन्ना को वोट चोरी पर अपनी टिप्पणी के कारण सोमवार को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। इसपर उन्होंने कहा है कि वह एक "बड़ी साजिश" का शिकार हुए हैं और जल्द ही दिल्ली जाकर राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे और सारी "गलतफहमी दूर करेंगे"। सूत्रों ने बताया था कि राजन्ना के इस्तीफे की मांग राहुल गांधी ने ही की थी, जो कांग्रेस के इस आरोप का नेतृत्व कर रहे हैं कि चुनाव आयोग बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं को लाने में भाजपा के साथ मिलीभगत कर रहा है - यह मुद्दा अब एक व्यापक राजनीतिक विवाद बन गया है।
अब अपनी सफाई में बोले राजन्ना...
केएन राजन्ना ने कहा, मैं राहुल गांधी, K C वेणुगोपाल और पार्टी अध्यक्ष से मिलूंगा और जो गलतफहमी हुई है उसे दूर करूंगा, मैं और मेरे साथ कुछ MLA जल्द ही दिल्ली जाएंगे। आलाकमान ने जो फैसला किया है उसे मानना पड़ेगा, राहुल गांधी इस देश के बड़े नेता हैं। राहुल गांधी ने वोट चोरी को लेकर एक देश व्यापी अभियान खड़ा किया है और हम सभी उसका समर्थन करते हैं।
राजन्ना के इस बयान से मचा है घमासान...
केएन राजन्ना ने टिप्पणी की थी कि जब मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ हुई थी, तब कांग्रेस सत्ता में थी और पार्टी नेताओं को इस मामले को तब उठाना चाहिए था जब यह हो रहा था, न कि अभी। उन्होंने कहा, "मतदाता सूची कब तैयार हुई? यह तब तैयार हुई जब हमारी अपनी सरकार सत्ता में थी। उस समय, क्या सब लोग आंखें बंद करके चुपचाप बैठे थे... ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं - हमें शर्म आनी चाहिए। हमने उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया," और भाजपा को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए एक तैयार हथियार थमा दिया।
बयान के बाद मंत्री पद से हटाया गया...
विधानसभा समेत पूरे दिन इस मुद्दे पर चले विवाद के बाद, उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। उसके बाद सोमवार की आज देर शाम, राजन्ना ने कहा, "मैं अभी कोई विवरण नहीं दूगा, आप इस्तीफ़ा, निष्कासन या जाने देना जैसे शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इन सबके पीछे एक बड़ी साज़िश और योजना है।" सूत्रों ने बताया कि सिद्धारमैया राजन्ना को हटाने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के साथ बातचीत के बाद उन्होंने यह बात मान ली।
सूत्रों ने बताया कि राजन्ना और उनके करीबी विधायक और मंत्री अपने अगले कदम पर विचार कर रहे हैं और आगे की चर्चा के लिए सिद्धारमैया से फिर मिलने की संभावना है। सूत्रों ने यह भी कहा कि राजन्ना के लिए यह एक नाजुक स्थिति है। कांग्रेस आलाकमान अब इस मामले पर कड़ी नज़र रख रहा है और एक और विवादास्पद बयान उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का कारण बन सकता है।
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