मलबे की चपेट में आए कई घर ...
जम्मू के कठुआ में बादल फटने से भारी तबाही, 4 लोगों की मौत !
किश्तवाड़ में बादल फटने से आई आपदा के कुछ ही दिन बाद अब कठुआ में बादल फटा है. किश्तवाड़ आपदा में अब तक 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. रविवार (17 अगस्त) को कठुआ जिले के जोड़ इलाके में बादल फटने से भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है. मलबे की चपेट में कई घर आ गए हैं. अब तक 4 लोगों की मौत की खबर आ चुकी है.
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी दी है कि जंगलोट क्षेत्र में बादल फटने की सूचना मिलने के बाद उन्होंने एसएसपी कठुआ शोभित सक्सेना से बात की. आपदा में 4 लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा, रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग को नुकसान पहुंचा है, जबकि पुलिस स्टेशन कठुआ प्रभावित हुआ है. नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत बचाव कार्य में जुट गए हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.
जम्मू पठानकोट नेशनल हाईवे का एक हिस्सा भी मलबे की चपेट में आया है. नेशनल हाईवे की एक ट्यूब को बंद कर दिया गया है. अभी नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल है. राहत और बचाव कार्य के लिए रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई हैं.
जम्मू-कश्मीर के राजकीय मेडिकल कॉलेज (GMC) और अस्पताल में किश्तवाड़ आपदा में गंभीर घायल हुए 25 लोगों की बड़ी सर्जरी हुई और उनकी जान बचाई गई. 14 अगस्त की रात को गंभीर रूप से घायल 66 मरीजों को जीएमसी जम्मू ले आया गया. उसी रात लोगों की जान बचाने के लिए लगभग 25 बड़ी सर्जरी की गई.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने से प्रभावित लोगों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की. आपदाग्रस्त गांव के दौरे के दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों के प्रति 'एकजुटता और तत्काल राहत के उपाय' के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता की घोषणा की तथा उन्हें दीर्घकालिक सहायता का आश्वासन भी दिया.
सीएम उमस अबदु्ल्ला ने शनिवार को बताया था कि 60 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि 100 से अधिक घायल हुए और 82 अन्य लापता हैं. उन्होंने काह था कि आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.
संरचनात्मक क्षति के लिए मुख्यमंत्री ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए एक लाख रुपये, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50,000 रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त संरचनाओं के लिए 25,000 रुपये की घोषणा की.
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