G News 24 : आज पूरे भारत साथ साथ दुनियाभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है,"गणेश चतुर्थी"

 आज गणेश चतुर्थी पर बन रहे हैं कई शुभ योग...

आज पूरे भारत साथ साथ दुनियाभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है,"गणेश चतुर्थी"

नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी 2025 का पावन त्योहार आज 27 अगस्त को पूरे भारत साथ साथ दुनियाभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा और घरों में उनकी स्थापना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि गणपति बप्पा को घर में विराजित करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शुभता का वास होता है। इस शुभ अवसर पर सही समय पर गणेश स्थापना करना अत्यंत फलदायक होता है।

गणेश चतुर्थीइसी के दिन भगवान गणेश का प्राकट्य हुआ था। एक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने स्नान करते समय अपने शरीर के उबटन से एक बालक को बनाया और उसे द्वार पर खड़ा कर दिया, ताकि कोई अंदर न आए। उसी दौरान भगवान शिव वहाँ पहुँचे और जब उस बालक ने उन्हें रोक दिया, तो शिव जी क्रोधित हो गए और उसका सिर काट दिया।

यह देखकर माता पार्वती बहुत दुखी हुईं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव ने बालक को फिर से जीवित किया और एक हाथी के बच्चे का सिर उसके धड़ पर लगाकर उसे नया जीवन दिया। तभी से यह बालक गणेश कहलाया और भगवान शिव ने घोषणा की कि संसार में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाएगी। इसी कारण से गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्म और उनके प्रथम पूज्य बनने के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विघ्नों को दूर करने वाले देवता के स्वागत और पूजन का पर्व है।

गणेश स्थापना मुहूर्त...

गणेश स्थापना का उत्तम मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक रहेगा। इस अवधि को बेहद मंगलकारी और फलदायक माना जाता है। 

अमृत काल- 07:33 से सुबह 09:09 

शुभ चौघड़िया- सुबह 10:46 AM से दोपहर 12:22 PM तक

गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थापित करने का सबसे शुभ मुहूर्त- 11:05 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:40 तक

गणेश चतुर्थी पर राहुकाल का भी रखें ध्यान...

27 अगस्त 2025 को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से राहुकाल शुरू हो रहा है, इसलिए गणेश जी की मूर्ति स्थापना इससे पहले कर लेना शुभ माना जाता है। राहुकाल के समय कोई भी मंगल कार्य करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ काल माना गया है।

गणपति स्थापना से पहले ये करना है...

  1. सबसे पहले एक साफ बर्तन में पानी लें और पूजा के स्थान पर रख दें।
  2. जहाँ आपने पूजा का मंडप या स्थान तैयार किया है, वहां एक चटाई या आसन बिछाकर शांत मन से बैठ जाएं।
  3. फिर हाथ में थोड़ी सी कुशा (घास) और जल लें, और यह मंत्र बोलें:
  4. "ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
  5. यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः।।"
  6.  इसके बाद, उस जल को हल्के से अपने ऊपर और पूजा की सभी चीजों पर छिड़क दें, ताकि वे भी शुद्ध हो जाएं।
  7. फिर तीन बार कुल्ला करें ताकि मुख भी स्वच्छ हो जाए।
  8. अब हाथ में थोड़ा जल लें और यह मंत्र बोलते हुए तीन बार थोड़ा-थोड़ा जल अपने मुंह में डालें:
  9. "ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः, ॐ हृषीकेशाय नमः"
  10. इसके बाद हाथ धो लें।
  11. अब पूजा स्थल पर जहां गणेश जी को स्थापित करना है, वहां थोड़े से साबूत (बिना टूटे) चावल रखें।
  12. फिर उस चावल पर गणेश जी की मूर्ति को आदरपूर्वक स्थापित करें।

गणेश स्थापना नियम...

  1. घर में गणेश भगवान की स्थापना के लिए हमेशा ऐसी मूर्ति चुनें, जिसमें भगवान गणेश की सूंड बाईं ओर झुकी हो। इसे अत्यंत शुभ माना गया है। 
  2. गणपति जी की बैठी हुई प्रतिमा को घर लाना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इससे सुख और समृद्धि का वास होता है।
  3. मूर्ति का चेहरा प्रसन्न और हंसमुख होना चाहिए। साथ ही यह भी देखें कि उनके एक हाथ में आशीर्वाद की मुद्रा हो और दूसरे हाथ में मोदक होना चाहिए।
  4. गणपति स्थापना के लिए प्रतिमा को हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखें। ध्यान रहे उनका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
  5. मूर्ति को चौकी पर रखने से पहले चौकी को अच्छी तरह से साफ करें और गंगाजल से पवित्र करें।
  6. प्रतिमा के पास रिद्धि-सिद्धि का स्थान अवश्य दें। अगर मूर्तियां उपलब्ध न हों, तो उनकी जगह आप सुपारी रख सकते हैं।
  7. गणेश जी की दाईं ओर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। इसके बाद फूल और अक्षत हाथ में लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।

गणेश जी की स्थापना दिशा ...

घर में गणेश जी की मूर्ति उत्तर-पूर्व दिशा, जिसे ईशान कोण कहा जाता है, में स्थापित करनी चाहिए। इस दिशा को देवताओं का स्थान माना जाता है और इसे सबसे पवित्र दिशा माना गया है। जब गणेश जी की प्रतिमा इस दिशा में रखी जाती है, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है। ईशान कोण में गणेश जी की उपस्थिति से ऐसा माना जाता है कि भगवान का आशीर्वाद पूरे घर में फैलता है और वातावरण शांत तथा मंगलमय बना रहता है। यही वजह है कि वास्तु शास्त्र भी यही सलाह देता है कि गणपति की मूर्ति इस दिशा में स्थापित की जाए।

गणेश पूजन सामग्री लिस्ट...

  • मौसमी फल, धूप, दीप
  • गंगाजल, कपूर, जनेऊ
  • सिंदूर, गणेश मूर्ति, कलश, मोदक
  • केला, आरती की किताब, सुपारी
  • चंदन, फूल, अक्षत, पान का पत्ता
  • लकड़ी की चौकी, केले के पौधे
  • पीला और लाल रंग का कपड़ा, नए वस्त्र
  • दूर्वा, नारियल, सुपारी, लाल चंदन, पंचमेवा, मोदक
  • प्रसाद के लिए कुछ मिठाई भी मंगा लें।

गणेश जी के प्रिय भोग...

  • मोदक – मीठा और नरम होने के कारण गणेश जी को बहुत प्रिय है; चढ़ाने से धन और समृद्धि मिलती है।
  • मोतीचूर के लड्डू – मिठास से भरे और पूरण से युक्त लड्डू गणेश जी को खुश करते हैं; इच्छाएं पूरी होती हैं।
  • पूरन पोली – पारंपरिक मिठा भोग है जो बप्पा को प्रिय है; इसे चढ़ाने से घर में शांति और सुख आता है।
  • खीर – दूध और मेवे से बनी खीर गणेश जी को प्रिय है; अर्पण करने से परिवार में प्रेम और आनंद बढ़ता है।

गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन क्यों नहीं करना चाहिए !

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन अगर कोई व्यक्ति चंद्र दर्शन करता है तो उसे "मिथ्या दोष" लग जाता है। इसका अर्थ है कि उस व्यक्ति पर बिना कारण के झूठे आरोप, खासकर चोरी जैसे इल्ज़ाम लग सकते हैं। इसलिए, लोग इस दिन चंद्र दर्शन से बचते हैं ताकि उन्हें किसी तरह की बदनामी या अपयश का सामना न करना पड़े।

चंद्र दर्शन वर्जित समय ...

27 अगस्त 2025 (गणेश चतुर्थी): सुबह 09:28 बजे से रात 08:57 बजे तक चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। अगर भूल से देख लिया जाए, तो "सिंह पुराण" के अनुसार गणेश चतुर्थी व्रत की कथा या गणेश जी के किसी मंत्र का जाप करने से दोष कम हो सकता है।

गणेश चतुर्थी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग ...

आज गणेश चतुर्थी पर ब्रह्म योग, शुक्ल योग और शुभ योग एक साथ बन रहे हैं, जो बहुत ही दुर्लभ माना जा रहा है।
  1. ब्रह्म योग- ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं की शक्तियाँ एक साथ सक्रिय रहती हैं। यह योग किसी भी पूजा को बेहद शक्तिशाली और फलदायक बना देता है।
  2. शुक्ल योग- जो भी लोग इस दिन गणेश जी की पूजा, आरती और उपासना करते हैं, उनके जीवन में शुभता बढ़ती है। घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  3. शुभ योग- यह योग भक्तों के जीवन में शुभ लाभ लाता है। आमदनी में वृद्धि होती है, नुकसान कम होता है और घर में रहने वाले लोग स्वस्थ रहते हैं।

गणेश चतुर्थी के विशेष उपाय...

  • गणेश जी की पूजा करते समय पीला वस्त्र पहनें, जिससे घर में शांति और शुभ ऊर्जा बनी रहती है।
  • मदार के फूल की माला बनाकर जल से धोकर गणेश जी को चढ़ाएं, इससे अचानक धन लाभ होता है।
  • गणेश जी की मूर्ति के सामने एक पैर पर खड़े होकर आंख से आंख मिलाकर दर्शन करें, इससे घर में बरकत और रुके हुए काम बनते हैं।
  • गणेश जी के सामने पद्मासन में बैठकर हल्दी मिलाकर हवन करें, तो रोग दूर होते हैं और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • दोनों हाथ ऊपर उठाकर गणेश जी को साष्टांग प्रणाम करें, इससे पूरे परिवार को सुख-समृद्धि और बप्पा की कृपा मिलती है।
  • गणेश चतुर्थी के 10 दिनों में वाहन, सोना, वस्त्र या संपत्ति खरीदने से घर में धन, शांति और सौभाग्य बढ़ता है।

गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया...

ऐसा माना जाता है कि घर में गणपति बप्पा की स्थापना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। यदि आप भी इस शुभ अवसर पर गणेश स्थापना की योजना बना रहे हैं, 

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