G News 24 : सिंधु जल संधि सस्पेंशन के बाद शहबाज शरीफ सरकार बना रही है डायमर भाषा बांध !

 भारत और स्थानीय लोगों के विरोध के चलते यह बीच में अटका हुआ था ...

सिंधु जल संधि सस्पेंशन के बाद शहबाज शरीफ सरकार बना रही है डायमर भाषा बांध !

 पाकिस्तान दुनियाभर में जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोना-पीटना मचाने के बाद भारत पर  दबाव नहीं बना सका तो उसने जल भंडारण क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई है. अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने संधि को बहाल करने के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन उसे कोई तवज्जो नहीं मिली.शहबाज शरीफ ने मंगलवार (1 जुलाई, 2025) को भारत पर पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जल भंडारण क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया है. शहबाज शरीफ का कहना है कि डायमर भाषा बांध और अन्य संसाधनों का उपयोग करके गैर-विवादास्पद जल भंडारण क्षमता बनाएंगे. 

ये बांध खैबर पख्तूनख्वा के गिलगित-बाल्टिस्तान के डायमर जिले के बीच बनाया जा रहा है.

डायमर भाषा बांध खैबर पख्तूनख्वा के कोहिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान के डायमर जिले के बीच बनाया जा रहा है. इसका निर्माण इमरान खान सरकार में शुरू किया गया था, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई थी क्योंकि यह अवैध क्षेत्र में बनाया जा रहा था. यही नहीं स्थानीय लोग भी डैम का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तब तक वह बांध नहीं बनने देंगे. हालांकि, शहबाज शरीफ ने कहा है कि साल 1991 में प्रांतों के बीच हुए जल समझौते में जल क्षमता बढ़ाने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि हम अपने संसाधनों के साथ अगले साल तक इसको बना लेंगे.

सिंधु जल संधि में कैसे किया गया पानी का बंटवारा?

साल 1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता से 6 नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी, जिसके तहत रावी, ब्यास और सुतलज नदी का पानी भारत को और सिंधु, झेलम और चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान को दिया गया. पाकिस्तान को 80 प्रतिशत पानी की आपूर्ति सिंधु, झेलम और चिनाब नदी से होती है, लेकिन जब से भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित किया है, तब से पाकिस्तान की हालत खस्ता है और इसलिए  वह अलग-अलग पैंतरे अपना रहा है. 

सिंधु जल संधि की बहाली के लिए पाकिस्तान ने क्या-क्या किया?

पहले उसने युद्ध की धमकियां देकर भारत को डराने की कोशिश की, जब उससे काम नहीं बना तो दुनियाभर में जा-जाकर अपना रोना रोया और भारत पर दबाव बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का भी इस्तेमाल किया, लेकिन उसका ये पैंतरा भी कामयाब नहीं हो सका. वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को सलाह दी है कि ये भारत और उसके बीच का मामला है तो बात करके इसको निपटाए. उधर, भारत का कहना है कि पहले पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर (POJK) और आतंकवाद का मसला सुलझेगा, उसके बाद ही किसी और मुद्दे पर बात होगी. ये सारी चाल नाकाम होने के बाद पाकिस्तान ने जल भंडारण क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है.

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