राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया...
हमारा ब्रेन लंबे समय तक याद रख सकता है इमेज,कलर और तीसरा म्यूजिक : डॉ गुरचरण सिंह
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रभु उपहार भवन माधौगंज में आयोजित बाल व्यक्तिव विकास शिविर में केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी बच्चों को दिव्य गुण जैसे - हर्षितमुखता, नम्रता, धैर्यता, मधुरता, विनम्रता, सहनशीलता, ईमानदारी आदि गुणों को विद्यार्थी जीवन में आवश्यक बताते हुए इन्हें अपनाने की सीख दी और सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया।
बीके प्रहलाद भाई ने सभी बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मानसिक विकास हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें सोचने, समझने, निर्णय लेने और अपने व्यवहार को बेहतर बनाने में मदद करता है। जब हमारा मन मजबूत होता है, तो हम हर परिस्थिति का सामना आत्मविश्वास के साथ कर सकते हैं।
एक बच्चा जितना अधिक सवाल पूछता है, जितना अधिक नई चीजें सीखने की कोशिश करता है, उतना ही वह मन से मजबूत होता है। और रचनात्मक कार्य करने की क्षमता उसकी बढ़ जाती है। हमें हमेशा कुछ नया जानने की कोशिश करनी चाहिए। पढ़ाई के अलावा कहानियाँ, कविता, खेल, चित्रकारी, संगीत जैसी चीजें भी हमारे मन को सशक्त बनाती हैं। अपने बड़ों की बातें ध्यान से सुनना, अपने अनुभव से सीखना और कभी हार न मानना – ये सब मन को शक्तिशाली बनाने के लक्षण हैं।
जो बच्चे अपनी सोच में सकारात्मकता लाते हैं, वे जीवन में हर चुनौती को अवसर में बदल सकते हैं। हमेशा यह याद रखो कि यहाँ पर बैठा हर एक बच्चा अपने आप में विशेष है। हर दिन खुद से कहो – “मैं सीख सकता हूँ, मैं आगे बढ़ सकता हूँ, हर कार्य मेरे लिए आसान है। परमपिता परमात्मा ने मुझे इस धरती पर सुंदर कार्य करने के लिए भेजा है।
प्रेरक वक्ता बीके डॉ गुरचरण सिंह ने कहा कि शिक्षा (एजुकेशन) के चार आयाम होते हैं लिखना, पढ़ना, समझना और याद करना। पहले तीन आयाम तो आसानी से सीख जाते है, परंतु किस प्रकार से हमें चीजों को याद करना है, यह हमें सीखने की आवश्यकता है। याद करने के लिए बच्चे ज्यादातर चीजों को रटते हैं। जिससे एग्जाम के समय पर भूलने के चांसेस ज्यादा होते हैं। ब्रेन साइंस एक ऐसी तकनीक है। जिससे हम चीजों को आसानी से याद कर सकते है। उसको एग्जाम में अच्छे से लिख सकते हैं। ब्रेन साइंस हमें बताता है कि हमारा ब्रेन तीन प्रकार से चीजों को ज्यादा लंबे समय तक याद रख सकता है एक है इमेज, दूसरा है कलर और तीसरा है म्यूजिक। इसी तकनीक को अप्लाई करते हुए अगर हम पढ़ाई को इमेज में कन्वर्ट करके याद करें तो याद करना आसान होगा और एग्जाम के समय पर उसको रिकॉल करना और आसान हो जाएगा।
इसी प्रकार से हम नंबर्स को भी अलग अलग टेक्निक्स के द्वारा याद करके अनेक प्रकार की तारीख और सीक्वेंस याद कर सकते हैं जो रूटीन में याद करने में बड़ी मुश्किल आती है। अतः सभी बच्चों को और बड़ों को भी चीजों को याद करने के लिए ब्रेन साइंस तकनीक अप्लाई करना चाहिए। ब्रेन साइंस से चीजों को याद करने के लिए अलग-अलग टेक्निक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि पर्सनल इमेजिंग सिस्टम, दूसरा लिंक मेथड, तीसरा प्लेटफार्म मेथड, टी मेकिंग मेथड और नंबर्स को याद करने के लिए हार्मनी मेथड फिगर एंड फीचर मेथड इस प्रकार से अलग-अलग टेक्निक्स का इस्तेमाल करके हम चीजों को सहजता से याद कर सकते हैं और उससे भी महत्वपूर्ण एग्जाम में रिकॉल कर सकते हैं और अच्छे नंबर स्कोर कर सकते हैं। शिविर में डॉक्टर गुरचरण ने बच्चों को भारत के पूर्व प्राइम मिनिस्टर्स के नाम किस प्रकार से याद रख सकते है वह तकनीक सिखाई।
शिविर को संबोधित करते हुए बीके जीतू ने कहा कि अनुशासन डर से नहीं, समझ और प्रेम से आता है। जब बच्चे अपने अंदर की शांति से जुड़ते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से अनुशासनप्रिय बन जाते हैं। साथ ही बच्चों को शिविर में व्यवस्थित दिनचर्या, सात्विक भोजन, सकारात्मक सोच, और सेवा-भावना जैसे गुणों को जीवन में अपनाने की बात बताई। आज के बच्चों में यदि बचपन से ही अच्छे संस्कार डाले जाएं, तो वे भविष्य में जिम्मेदार और सशक्त नागरिक बन सकते हैं।
कार्यक्रम में बच्चो को अनेकानेक रचनात्मक एक्टिविटी कराई गई
इस अवसर पर रेखा अरोरा, रीता मिड्ढा, प्रभु दयाल जी, बीके सुरभि, बीके रोशनी सहित बिभिन्न कक्षाओं के अनेकानेक बच्चे एवं उनके पैरेंट्स उपस्थित थे।
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