नेशनल हाइवे आगरा-मुंबई पर पचोर के समीप डिवाइडर से टकरा गई कार...
नींद की एक झपकी ने ली मां-बेटा सहित चार लोगों की जान, सड़क हादसे में दो परिवार तबाह !
राजगढ़। नेशनल हाइवे आगरा-मुंबई पर पचोर के समीप एक कार चालक की झपकी लगने के कारण डिवाइडर से टकरा गई। इस हादसे में मां-बेटा सहित चार की मौत हो गई है, जबकि तीन घायल हुए हैं। घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। हादसा होता देख वाहन चालक रूके। तभी गुजरात से एक शव छोड़कर वापस गुजरात जा रही एंबुलेंस भी आ पहुंची। एंबूलेंस के स्टाफ व अन्य लोगों ने शवों व घायलों को निकाला।
इस हादसे में मां-बेटा सहित चार की मौत हो गई है, जबकि तीन घायल हुए हैं। सड़क चलते वाहन चालकों ने शवों व घायलों को निकाला व पचोर अस्पताल पहुंचाया। एंबुलेंस सभी को अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने अनमोल और प्रियांश को मृत घोषित कर दिया। जबकि अंशिका, पुष्टम, भोलेनाथ की बहन शिवदेवी, छोटी बहन प्रमीला को गंभीर अवस्था में शाजापुर रेफर किया गया। शाजापुर में भोलेनाथ की दोनों बहनों की भी मौत हो गई।सभी मृतक व घायल उत्तर प्रदेश के गौंड़ा जिले के निवासी हैं।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के गौंड़ा जिले के दुबेपुरवा मोजा भवानीपुर के रहने वाले कुछ लोग वर्षों से गुजरात के सूरत में काम करते हैं। ऐसे में दो कारों में सवार होकर वह परिवार के सदस्यों के साथ अपने कर्त्तव्य स्थल सूरत जाने के लिए गृह गांव से सुबह बुधवार सुबह करीब 10 बजे निकले थे। लगातार गाड़ी चलाते हुए गुरूवार सुबह करीब 6.30 बजे पचोर के समीप भाटखेड़ी जोड़ पहुंचे। जहां पीछे चल रही गाड़ी के चालक भोलेनाथ दुबे की नींद की झपकी लग गई।
बेटे और भतीजे की मौके पर ही मौत
उनकी कार डिवाइडर से टकराकर बुरी तरह से दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में भोलेनाथ दुबे के बेटे अनमोल 16 वर्ष व बहन के बेटे प्रियांश की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि भोलेनाथ की बड़ी बहन शिवदेवी व छोटी बहन प्रमिला की शाजापुर में रेफर होने के बाद मौत हो गई। जिन चार की मौत हुई है उसमें मां प्रमीला पांडे व बेटा प्रियांश पांडे भी शामिल है।
एसपी अमित तोलानी पचोर अस्पताल पहुंचे
बेटे की मौत पचोर में हुई, जबकि मां की मौत शाजापुर में हुई है। इस हादसे में भोलेनाथ दुबे, उनकी पत्नी पुष्टम और बेटी अंशिका घायल हुए हैं। घटना के बाद दोपहर में एसपी अमित तोलानी पचोर अस्पताल पहुंचे थे व भोलेनाथ दुबे से चर्चा की। कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने भी मोबाइल पर भोलेनाथ दुबे से चर्चा की।
सूरत में ही करते है काम
गाड़ी चला रहे भोलेनाथ दुबे ने बताया कि वह पिछले करीब 25 साल से सूरत में ही परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बहनों का परिवार भी 15 साल से वहीं रहता था। सभी लोग साड़ियों की गठानों को ट्रांसपोर्ट तक पहुंचाने का काम करते हैं। अप्रैल माह में गांव आए थे। बच्चों के स्कूलों की छुट्टियां थी इसलिए गांव पर ही रूक गए थे। अब स्कूल खुलना था इसलिए मैं व मेरी बहनों के परिवार के सदस्य गांव से सूरत जा रहे थे। एक रिश्तेदार के निधन के चलते रास्ते में उनके यहां कुछ समय रूके थे। फिर वहां से सूरत के लिए निकले थे।
नींद की झपकी से उजड़ी जिंदगी
भोलेनाथ ने बताया कि सुबह से लेकर पूरी रात मैंने गाड़ी चलाई थी। इस कारण से थकान भी हो गई थी और नींद भी नहीं ली थी। सुबह-सुबह अचानक से नींद की झपकी लग गई। जिसके कारण गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई और हादसा हो गया। एक नींद की झपकी ने दुनिया उजाड़ दी।
भतीजे की शादी में अप्रैल में पहुंचे थे उत्तर प्रदेश
भोलेनाथ दुबे ने बताया कि 30 अप्रैल को मेरे भतीजे की शादी थी। इसलिए 22 अप्रैल को हम लोग सूरत से चलकर गांव पहुंचे थे। 30 अप्रैल को शादी संपन्न होने के बाद बच्चों की छुटिटयां होने के कारण हम गांव पर ही रूके। इस दौरान कई स्थानों पर दर्शन करने भी गए। इसके बाद जब स्कूल खुलने का समय आ गया तो बुधवार को वापस सूरत के लिए जा रहे थे, तभी यह हादसा हो गया।
दूसरी गाड़ी 20 किमी आगे निकल गई थी
उत्तर प्रदेश से दोनों गाड़ियां साथ चल रही थी, लेकिन ब्यावरा के नजदीक से एक गाड़ी घटना के समय करीब 20 किमी आगे पहुंच चुकी थी। जो दूसरी गाड़ी थी उसमें भोलेनाथ दुबे का बड़ा बेटा अमन 18 वर्ष, मृतिका प्रमिला के पति रमेश पांडे, मृतिका शिव देवी के पति दिवाकर तिवारी व दो अन्य छोटे बच्चे सवार थे।
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