G News 24 : मैच हारने के बाद खिलाडी द्वारा रेफरी को दोष देना, वहीं राहुल गांधी करते हैं, ये उनकी आदत बन चुकी है !

 'राहुल गांधी जिस तरह की भाषा का यूज करते है वह लोकतंत्र के लिए जहर जैसी है...

मैच हारने के बाद खिलाडी द्वारा रेफरी को दोष देना, वहीं राहुल गांधी करते हैं, ये उनकी आदत बन चुकी है !

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के एक ट्वीट ने सियासत का माहौल गरम कर दिया है. उनके द्वारा एक बार फिर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया गया जिसके बाद चुनाव आयोग ने करारा जवाब दिया है. उनके द्वारा एक बार फिर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया गया जिसके बाद चुनाव आयोग ने पलटवार किया है. आरोपों का खंडन करते हुए आयोग ने कहा कि मतदाता सूची, मतदान प्रक्रिया और गिनती सभी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के तहत संपन्न हुई थी इसमें किसी तरह की अनियमितता की बात पूरी तरह से गलत है. इस तरह की भाषा लोकतंत्र के लिए जहर जैसी है. 

लोकतंत्र के लिए जहर जैसी भाषा

चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक कुल 6,40,87,588 मतदाताओं ने मतदान किया.  प्रति घंटे लगभग 58 लाख वोट डाले गए, अंतिम दो घंटों में करीब 116 लाख मतदाताओं ने मतदान किया होगा, जबकि 65 लाख वोट डालने का दावा औसत से काफी कम है. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद और कानून का अपमान बताते हुए कहा कि इस तरह की भाषा लोकतंत्र के लिए जहर जैसी है, चुनाव आयोग को बदनाम करना, केवल एक संस्थान पर नहीं बल्कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने कहा कि मैच हारने के बाद रेफरी को दोष देना अब एक नई और बेतुकी आदत बन चुकी है. चुनाव आयोग ने यह भी साफ कर दिया कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को उनके द्वारा किए गए सवालों का जवाब पहले ही 24 दिसंबर 2024 को दिया जा चुका है. उन्हें दिया गया जवाब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. 

पहले भी लगा चुके हैं आरोप

इससे पहले भारतीय निर्वाचन आयोग ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर किए गए "आधारहीन" और "अनुचित" दावों का बिंदुवार जवाब दिया था और वास्तविक तथ्यों को सामने रखा था. तब राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता के साथ समझौता किया गया है. उन्होंने अपने दावे के समर्थन में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का तब उदाहरण दिया था. इसका जवाब चुनाव आयोग की तरफ से दिया गया था. राहुल गांधी ने तब मतदान के आखिरी दो घंटों में 65 लाख वोट डाले जाने के चुनाव आयोग के ''तर्क'' पर सवाल उठाते हुए इसे ''असंभव'' बताया था. 

राहुल गांधी ने किया था ट्वीट

राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि चुनाव की चोरी का पूरा खेल! 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था. अपने आर्टिकल में मैंने विस्तार से बताया है कि कैसे यह साज़िश step by step रची गई, पहला स्टेप था चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल पर कब्ज़ा करना और दूसरा स्टेप वोटर लिस्ट में फर्ज़ी मतदाता जोड़े गए, तीसरा स्टेप- मतदान प्रतिशत बढ़ा चढ़ा कर दिखाए और चौथा स्टेप जहां बीजेपी को जिताना था, वहां टारगेट करके फर्जी वोटिंग कराई गई जबकि पांचवे स्टेप में लिखा था- सबूतों को छुपा दिया गया. 

इसके अलावा लिखा कि ये समझना बिल्कुल मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी बौखलाई हुई क्यों थी लेकिन चुनाव में धांधली भी मैच फिक्सिंग जैसी होती है, जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है. हर ज़िम्मेदार नागरिक को सबूतों को खुद देखना चाहिए, सच्चाई समझनी चाहिए और जवाब मांगने चाहिए. क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर वहां भी, जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी. मैच फिक्स किए गए चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं. उनके इस ट्वीट के बाद चुनाव आयोग ने फिर से उन्हें जवाब दिया है. 

जवाब के बाद फिर राहुल गांधी ने किया ट्वीट

हालांकि राहुल गांधी यहीं नहीं रूके चुनाव आयोग के जवाब देने के बाद उन्होंने फिर ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रिय चुनाव आयोग आप ​​एक संवैधानिक संस्था हैं. मध्यस्थों को बिना हस्ताक्षर के, टाल-मटोल करने वाले नोट जारी करना गंभीर सवालों का जवाब देने का तरीका नहीं है. अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे लेख में दिए गए सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें. टाल-मटोल करने से आपकी विश्वसनीयता सुरक्षित नहीं रहेगी. सच बोलने से आपकी विश्वसनीयता सुरक्षित रहेगी.

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