बांके बिहारी मंदिर परिसर में बनने जा रहे कॉरिडोर को लेकर पुजारी कर रहे हैं विरोध ...
मथुरा में पुजारियों का अनूठा विरोध,बांके बिहारी जी की देहरी पर इत्र लगाकर जताया विरोध !
मथुरा। बांके बिहारी जी का मंदिर शनिवार को पुजारियों के अनूठे विरोध प्रदर्शन का गवाह बना. पुजारियों ने बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर एक पर विरोध प्रदर्शन के दौरान कॉरिडोर के विरोध में नारेबाजी की. साथ ही मंदिर की देहरी पर इत्र सेवा की.पुजारी वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के स्वरूप में बदलाव नहीं चाहते हैं।
बांके बिहारी मंदिर के पुजारी प्रस्तावित कॉरिडोर का पिछले कुछ दिनों से जमकर विरोध कर रहे हैं. शनिवार को मंदिर के पुजारियों ने मंदिर की देहरी पर अनूठा विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मंदिर की देहरी पर इत्र लगाया और सरकार की बुद्धि को ठीक करने के लिए पूजा की. मंदिर के पुजारी वृंदावन के स्वरूप में बदलाव नहीं चाहते हैं और कॉरिडोर बनने से उन्हें वृंदावन की धार्मिक पहचान खोने का डर सता रहा है.
बांके बिहारी मंदिर शनिवार को पुजारियों के अनूठे विरोध प्रदर्शन का गवाह बना. पुजारियों ने बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर एक पर विरोध प्रदर्शन के दौरान कॉरिडोर के विरोध में नारेबाजी की. साथ ही मंदिर की देहरी पर इत्र सेवा की. पुजारियों ने कहा कि यह इत्र सेवा सरकार की बुद्धि को ठीक करने के लिए की गई है. इस दौरान मंदिर मंत्रोच्चार से गूंज उठा.
पुजारियों की ये है चिंता
बांके बिहारी मंदिर के पुजारी वृंदावन के स्वरूप में बदलाव नहीं चाहते हैं. उनका मानना है कि कॉरिडोर बनने से वृंदावन की प्राचीन कुंज गलियों और धार्मिक पहचान को नुकसान होगा. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुजारियों ने कहा कि कॉरिडोर और न्यास बनने से वृंदावन कुंज की गलियों का महत्व खत्म हो जाएगा. हालांकि सरकार का दावा है कि इससे श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी. साथ ही सरकार को उम्मीद है कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
दो मंजिला कॉरिडोर का प्रस्ताव
श्री बांके बिहारी मंदिर' को पांच एकड़ क्षेत्र में बांके बिहारी कॉरिडोर में बदलने का प्रस्ताव है. यह दो मंजिला बनाया जाएगा. इसमें तीन प्रवेश द्वार होंगे. कॉरिडोर मंदिर को यमुना नदी से जोड़ेगा जैसा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी देखा गया है.सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मंदिर के खजाने से 500 करोड़ रुपये का उपयोग कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए किया जाएगा और यह जमीन ठाकुर बांके बिहारी जी के नाम पर ही रहेगी.
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