दोपहिया वाहन को बूथ पार करने पर भारत में कहीं भी कोई शुल्क नहीं देना होता है...
भारत में इन लोगों को नहीं देना पड़ता टोल टैक्स, कही आपका भी तो फ्री नहीं !
टोल राजस्व भारतीय अर्थव्यवस्था के राजमार्ग बुनियादी ढांचे के विकास और रखरखाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हाल के दिनों में, टोल कलेक्शन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारे आधुनिकीकरण किए गए हैं.सड़क का उपयोग करने वाले सभी व्यक्तियों पर समान रूप से कर लगाया जाता है। निस्संदेह, NHAI ने यह निर्धारित किया है कि सड़क का उपयोग करने वाले सभी व्यक्तियों पर समान रूप से कर लगाया जाएगा, फिर भी एक लिस्ट है, जिसमें आने वाले लोगों को टोल टैक्स से छूट प्राप्त है. NHAI के नियमानुसार छूट पाने वालों इन लोगों में कहीं आप तो शामिल नहीं हैं आइए जानते हैं।
1.कौन हैं वो लोग, जिनका नहीं लगता टोल टैक्स !
- -भारत के राष्ट्रपति
- -भारत के उपराष्ट्रपति
- -भारत के प्रधानमंत्री
- -भारत के मुख्य न्यायाधीश
- -लोकसभा के अध्यक्ष
- -राज्यों के राज्यपाल
- -राज्यों के मुख्यमंत्री
- -सुप्रीम कोर्ट के जज
- -हाई कोर्ट के जज
- -संसद सदस्य (सांसद)
- -राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य (एमएलसी)
- -विधानसभाओं के सदस्य (विधायक)
बता दें कि राज्य के नेताओं को यह छूट आमतौर पर सिर्फ उनके संबंधित राज्यों के भीतर ही मिलती है.
2.इन्हें भी मिलती है छूट
- -भारत सरकार के सचिव
- -लोकसभा के सचिव
- -राज्यसभा के सचिव
- -सेना, नौसेना और वायु सेना के चीफ ऑफ स्टाफ
- -कमांड क्षेत्रों के कमांडर
- -राज्यों के मुख्य सचिव
- -राज्यों की विधानसभाओं/विधान परिषदों के सचिव
3.पुलिस को भी छूट
- -वर्दी में ड्यूटी पर आते-जाते रक्षा मंत्रालय के अधिकारी
- -वर्दी में ड्यूटी पर आते-जाते पुलिस विभाग के अधिकारी
4.आपातकालीन सेवाएं
एम्बुलेंस,फायर ब्रिगेड,शव वाहन को भी छूट मिलती है. इसके अलावा मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी टोल देने से छूट प्राप्त है.
5.दोपहिया वाहनों को भारत में छूट दी गई है
दोपहिया वाहनों को भी करदाताओं की सूची से छूट दी गई है. इसलिए, सड़क का उपयोग करने वाले किसी भी दोपहिया वाहन को बूथ पार करने पर कोई शुल्क नहीं देना होता.
विशेष - बिंदु क्रमांक 1 व 2 में शामिल लोगोँ को टोल में छूट क्यों दी जाती है क्योंकि इनके द्वारा सरकारी सड़क के साथ साथ संसाधनों का सबसे ज्यादा उपभोग किया जाता है। इसके अलावा इनकी आय भी अच्छी-खासी होती है। जब ये बगैर कार केड के(तीन से कम वाहनों का उपयोग निजी यात्रा के रूप में ) टोल का उपभोग करें तो इनसे भी सामान्य नागरिक की तरह टोल वसूला जाना सुनश्चित किया जाना चाहिए !
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