बाल विवाहको लेकर जीरो टॉलरेंस' नीति,2026 तक राज्य से बाल विवाह खत्म हो जाएगा...
सीएम का ताबड़तोड़ एक्शन,4000 लोगों को भेजा जेल,5000 से ज्यादा पर केस दर्ज !
बाल विवाह के खिलाफ असम पुलिस का व्यापक अभियान जारी है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बाल विवाह के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति की घोषणा के बाद से लगातार कार्रवाई की जा रही है. अब असम पुलिस अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई की है. असम पुलिस ने तीन खास अभियानों के तहत 5,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं और 4,000 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया है.
असम के सीएम ऑफिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बाल विवाह के खिलाफ अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी. सीएम ऑफिस ने एक्स पोस्ट करके बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ कड़ा अभियान शुरू किया है.'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत तीन खास अभियानों में अब तक 5,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 4,000 से ज्यादा लोगों को अरेस्स्ट किया गया है.
तीनों फेजों में चला विशेष अभिययान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि बाल विवाह को लेकर तीन फेजों में अभियान चलाया गया है. पहला फेज फरवरी 2023 में शुरू हुआ. इसके बाद दूसरा फेज अक्टूबर 2023 में चलाया गया और तीसरा फेज दिसंबर 2024 में चलाया गया है. इस अभियान के तहत असम पुलिस ने अब तक 5,523 मामले दर्ज किए और 4,954 लोगों को गिरफ्तार किया है.
सीएम सरमा का बाल विवाह खत्म करने का संकल्प
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले साल दिसंबर में दावा किया था कि 2026 तक राज्य से बाल विवाह खत्म हो जाएगा. इसी के तहत असम में लगातार कार्रवाई जारी है. मुख्यमंत्री सरमा ने एक बयान में कहा था, 'मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद मैंने राज्य से बाल विवाह की बुराई को खत्म करने का संकल्प लिया था. शुरुआत में हमने बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में करीब 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया था/ बाद में पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद गिरफ्तारियों की संख्या घटकर 2,000 हो गई थी.'
'संतुष्ट मोइना योजना'
बताते चलें कि असम में बाल विवाह से लड़ने के लिए 'संतुष्ट मोइना योजना' शुरू की गई है. राज्य सरकार की 'संतुष्ट मोइना' पहल का टारगेट 1,500 करोड़ रुपए के खर्च के साथ 10 लाख स्टूडेंट्स को कवर करना है.
0 Comments