मुमकिन नहीं है एक दूसरे के न्यूक्लियर वेपन पर कब्जा करना,वजह जानें ...
भारत पाकिस्तान के बीच चल रहा संघर्ष,अगर न्यूक्लियर वार तक गया,तो हो जाएगी आधी दुनिया तबाह !
भारतीयों के मन में यह सवाल भी आ रहा है. क्या भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियारों पर कब्जा कर सकता है. चलिए आपको बताते हैं.क्या मुमकिन है यह काम !
भारत और पाकिस्तान इस समय युद्ध की कगार पर खड़े हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भीतर कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इसके बाद पाकिस्तान ने आतंकियों का समर्थन करते हुए भारत पर ड्रोन से हमले की कोशिश की जिसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम s400 ने इंटरसेप्ट करके धव्स्त कर दिया.
अभी भी पाकिस्तान की ओर से भारत के सीमा से सटे राज्यों के शहरों में हवाई हमले किए जा रहे हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश न्यूक्लियर पावर है. ऐसे में बहुत से भारतीयों के मन में यह सवाल भी आ रहा है. क्या भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियारों पर कब्जा कर सकता है. चलिए आपको बताते हैं. कितना मुमकिन है यह काम.
मुमकिन नहीं है एक दूसरे के न्यूक्लियर वेपन पर कब्जा करना,वजह है...
आपको बता दें भारत और पाकिस्तान दोनों इस समय युद्ध की और बढ़ते जा रहे हैं. अगर तनाव इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा. तो यकीनन एक पूरी स्केल पर युद्ध देखने को मिल सकता है. ऐसा होता है तो दोनों देश परमाणु संपन्न देश हैं. इसका अंजाम कुछ भी हो सकता है. इस स्थिति में कई लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहा है.
क्या भारत पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा कर सकता है. तो आपको बता दें ऐसा करना काफी मुश्किल काम है. सीधे तौर पर ऐसा करने का कोई भी रास्ता नजर नहीं आता है. राजनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय कानून भारत के लिए ऐसा करने में मुश्किलें खड़ीं करते हैं.
क्यों मुश्किल है यह काम ?
कोई भी देश अपने परमाणु हथियारों को एक जगह स्टोर करके नहीं रखता. इन्हें अलग-अलग सुरक्षित स्थानों पर रखा जाता है. जिस वजह से इन पर कब्जा करना बेहद मुश्किल हो जाता है. अगर भारतीय सरकार इस बात की इजाजत भारतीय सशस्त्र बलों को दे भी देती है. तब भी यह काम कर पाना काफी मुश्किल है.
अगर परमाणु हथियार का इस्तेमाल हुआ तो ?
आपको बता दें भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश हैं. भारत की परमाणु हथियारों को लेकर नो फर्स्ट यूज पाॅलिसी है यानि भारत पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा. मतलब यह है कि भारत परमाणु हथियारों का इस्तेमाल सिर्फ जवाबी कार्रवाई के लिए ही करेगा. यानी अगर भारत पर पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु हमला किया जाता है.
तब ही भारत ऐसा कोई कदम उठाएगा. पाकिस्तान की नीति की बात की जाए तो वहां पहले इस्तेमाल न करने को लेकर इस तरह की कोई नीति नहीं है. लेकिन अगर पाकिस्तान पहला हमला करता हैय तो इस न्यूक्लियर अटैक के बाद पाकिस्तान और भारत ही नहीं बल्कि आधी दुनिया तबाह हो जाएगी.
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