राष्ट्रीय घ्वज से बड़ी मूर्ति हो नहीं सकती...
ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अम्बेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर हुआ विवाद !
ग्वालियर। हाईकोर्ट परिसर ग्वालियर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा लगाये जाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वकीलों के 2 पक्ष आमने-सामने आ गये है। एक पक्ष बुधवार को बाबा साहब की मूर्ति को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गया। उनका कहना है कि उनके पास अनुमति है और आज 14 मई को मूर्ति की स्थापना की जानी है, जैसे ही क्रेन के जरिये मूर्ति लगाने का प्रयास शुरू हुआ। दूसरे पक्ष हाईकोर्ट बार एसोसियेशन ने इसका विरोध करते हुए हंगामा कर दिया। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए हाईकोर्ट के अन्दर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
हालात ऐसे हो गये कि बुधवार को सुनवाई के लिये पहुंचे पक्षकार को बाहर ही बैठना पड़ा। दरअसल, एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में जैसे ही बाबा खंडपीठ में जैसे ही बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति लगाये जाने की बात सामने आई, विवाद शुरू हो गया। बार एसोसियेशन ने बताया है कि हाईकोर्ट की 7 सदस्यीय बिल्डिंग कमेटी ने परिसर में मूर्ति लगाये जाने की अनुमति नहीं दी है। इसके बावजूद अम्बेडकर के अनुयायी वकीलों का एक गुट मूर्ति लेकर हाईकोर्ट पहुंच गये। वहीं, ग्वालियर हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष, एडवोकेट अनिल मिश्रा ने कहा है कि यदि हाईकोर्ट परिसर में कोई भी मूर्ति लगाने का काम सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग कर सकता है। लेकिन उसके पहले मूर्ति का टेण्डर जारी होने की अनुमति देनी होगी।
शासन से अनुमति लेकर टेण्डर जारी करना आवश्यक होता है, उनका आरोप है कि यह मूर्ति भ्रष्टाचार के पैसे से कुुछ असामाजिक तत्व हाईकोर्ट परिसर में लगाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा है जिस जगह मूर्ति लगाने की कोशिश की जा रही है वहां ऑपरेशन सिन्दूर के बाद राष्ट्रीय ध्वज ’’तिरंगा‘‘ स्थापित कर दिया गया है। देश में राष्ट्रीय ध्वज से बड़ी कोई भी मूर्ति नहीं हो सकती, यदि इसके बावजूद मूर्ति लगाई जाती है तो इससे ग्वालियर ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है, 2 अप्रैल जैसे जातिगत उपद्रव की स्थिति बन सकती है।
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