'टैरिफ या व्यापार पर कोई बात ही नहीं हुई,अपनी ही मर्जी से चौधरी बनने चले थे ट्रम्प ...
सीजफायर पर ट्रंप के झूठे दावों को लेकर विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब !
डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया और संभावित न्यूक्लियर वॉर को रोका। लेकिन हर बार उन्हें अपनी फजीहत ही करानी पड़ी है। एक बार फिर से भारत की तरफ से ट्रंप के टैरिफ की धमकी के बाद सीजफायर वाले दावे को सिरे से खारिज किया गया है। भारत की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वाले दावे को सिरे से खारिज किया गया है। भारत ने गुरुवार को साफ-साफ कहा कि इस महीने पाकिस्तान के साथ हुए युद्धविराम के लिए अमेरिका से हुई बातचीत में टैरिफ का मुद्दा चर्चा का हिस्सा नहीं था। भारत ने इस बात से इनकार किया कि भारत द्वारा पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी शिविरों पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद से दोनों देशों के बीच हुई चर्चाओं में अमेरिका के साथ व्यापार पर कोई चर्चा हुई थी।
विदेश मंत्रालय ने की बोलती बंद
प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “मैं आपको 13 मई को स्पष्ट की गई स्थिति के बारे में बताता हूं। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद से इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार या टैरिफ का मुद्दा नहीं आया। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी स्पष्ट किया था कि यह सीधे DGMO के माध्यम से स्थापित किया गया था।” जायसवाल ने आगे दोहराया कि संघर्ष विराम की अपील इस्लामाबाद से आई थी, विशेष रूप से पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) की ओर से, जिन्होंने दिल्ली में अपने समकक्ष से संपर्क किया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई अमेरिकी हस्तक्षेप नहीं था।
ट्रंप प्रशासन ने किया झूठा दावा
विदेश मंत्रालय की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की एक संघीय अदालत को बताया कि टैरिफ की धमकी ने अमेरिका को भारत-पाकिस्तान के बीच 3 दिनों की लड़ाई के बाद सीजफायर कराने में मदद की।
बता दें कि भारत-पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हुए थे। इसके बाद ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने सीजफायर कराया और संभावित न्यूक्लियर वॉर को रोका। बाद में, भारत के विदेश मंत्रालय ने उनके दावे का खंडन किया और कहा कि सैन्य संघर्ष विराम दोनों देशों के बीच डीजीएमओ-स्तरीय वार्ता का परिणाम था। आज एक बार विदेश मंत्रालय ने अपने साप्ताहिक ब्रीफिंग में बयान जारी कर साफ कर दिया कि व्यापार के किसी मुद्दे पर बात सीजफायर के बीच बात ही नहीं हुई।
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