घुसपैठ की कोशिशों को पाकिस्तानी कवर फायर का समर्थन मिला...
50 से अधिक आतंकवादियों ने की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश !
22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिशें काफी बढ़ गई हैं, जिससे सुरक्षा अधिकारियों में चिंता बढ़ गई है. भारत के सीमा पार ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध विराम को लेकर समझौते के बावजूद यह बढ़ोतरी हुई है. खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि पिछले दो हफ्तों में 50 से अधिक आतंकवादियों ने, उरी, कुपवाड़ा, हीरानगर और सुंदरबनी जैसे क्षेत्रों का इस्तेमाल करके भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की है.
यह कोशिश तब हो रही थी जब सीमाओं पर बड़े हथियारों से गोलाबारी हो रही थी. इन घुसपैठ की कोशिशों को कथित तौर पर पाकिस्तानी तोपखाने से कवर फायर का समर्थन मिला है, जो कि ऐसी घुसपैठों के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों को विचलित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति है. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने पुष्टि की है कि इनमें से कई कोशिशों को विफल कर दिया गया है. 8 मई को सांबा सेक्टर में एक उल्लेखनीय घटना घटी, जहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया, जिसमें सात भारी हथियारों से लैस आतंकवादी मारे गए. उन्नत निगरानी प्रणालियों के माध्यम से इस गतिविधि का पता लगाया गया.
हालांकि कुछ घुसपैठिए पकड़े जाने से बचने में सफल रहे, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों की फिर से मौजूदगी के बारे में चिंता बढ़ गई. विश्लेषकों का सुझाव है कि घुसपैठ में यह वृद्धि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के पुनर्निर्देशित सैन्य फोकस का फायदा उठाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है.एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, 'नियंत्रण रेखा के ऊपरी इलाकों में पिघलती बर्फ के कारण आने वाले हफ्तों में घुसपैठ की और कोशिशें होने की संभावना है.' जवाब में, सुरक्षा एजेंसियां अपने घुसपैठ विरोधी अभियानों को तेज कर रही हैं, क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए गश्त शुरू कर रही हैं और अतिरिक्त सैनिकों के साथ कमजोर जिलों को मजबूत कर रही हैं.
पहलगाम नरसंहार के बाद भारत-पाक संबंधों में काफ़ी तनाव पैदा हुआ है, भारत की मजबूत सैन्य प्रतिक्रिया ने शत्रुता को और बढ़ा दिया है. बड़े संघर्ष की आशंकाओं के बीच संयम बरतने की वैश्विक अपील के ज़ोर पकड़ने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत किया जा रहा है. नए घुसपैठिए आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ने और स्लीपर सेल को नष्ट करने के लिए कई जगहों पर अतिरिक्त चेक पॉइंट लगा दिए दिए गए हैं, निगरानी प्रयासों को बढ़ा दिया गया है.
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