नेशनल हेल्थ मिशन के संचालक और अपर संचालक से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की वार्ता विफल ...
वार्ता विफल संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे !
ग्वालियर। नेशनल हेल्थ मिशन के संचालक और अपर संचालक से वार्ता विफल होने के बाद संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। सोमवार को दो संविदाकर्मी भूख हड़ताल पर बैठे। वहीं अब ताली और थाली बजाकर एचयार मैन्युअल का विरोध किया जा रहा है। दूसरी तरफ संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं जमीन पर आ गिरी हैं और अब मरीज निजी अस्पतालों की तरफ इलाज के लिए रुख करने लगे हैं।
भोपाल में प्रदर्शन करने की अनुमति न मिलने के बावजूद संविदाकर्मियों ने 2 मई को धरना देने की योजना बना ली है। संविदा नीति 2023 लागू करने की मांग को लेकर जिले भर के लिए करीब 800 संविदाकर्मी पिछले सात दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। फूलबाग पर इनका धरना जारी है।
इसी क्रम में सोमवार से क्रमिक भूख हड़ताल की शुरुआत हो गई। पहले दिन अर्पित माहेश्वरी और अभिषेक सिकरवार भूख हड़ताल पर हैं। संविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मवीर शुक्ला ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती और लिखित में जवाब नहीं मिलता तब तक हम हड़ताल जारी रखेंगे, फिर चाहे जो कुछ भी हो जाए।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सरकारी व्यवस्थाएं पूरी तरह से जमीन पर आ गिरी हैं। अस्पतालों के वार्ड में कर्मचारी नहीं हैं। नियमित स्टाफ पर काम का अत्यधिक बोझ बढ़ गया है। स्टाफ नर्स एक वार्ड से दूसरे वार्ड में जा-जाकर मरीजों की देखभाल और दवाएं दे रही हैं। पैथोलॉजी में जांच प्रभावित हो रही हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए जो मरीज सरकारी व्यवस्थाओं पर भरोसा रखते हैं, उनका विश्वास डगमगा गया है, और वह प्राइवेट अस्पतालों का सहारा ले रहे हैं।
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