पकिस्तानी मुस्लिम आतंकवादियों से करवाया गया...
पहलगाम आतंकी हमला,मोदी को घेरने की साजिश तो नहीं थी !
भारत में हिन्दूओ की तरफ से कांग्रेस की अंतिम शरण स्थली सुप्रीम कोर्ट को काबू में करने के बयान एकाएक चौतरफा आने लग गए थे, जजों की काबिलियत व नियुक्तियों पर जनता का विश्वास उठ रहा था और जनता जजों को गरियाने लग गई थी। जनता द्वारा माँग की जाने लगी कि सुप्रीम कोर्ट पर भी न्यायिक सर्जिकल स्ट्राइक की जाए
ताकि अपने पूरे कार्यकाल में लगातार राष्ट्रविरोधी फैसले देने वाले जजों की छंटनी की जा सके ! उधर पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के प्रति बढ़ रही हिंसक घटनाओं को लेकर ममता सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की मांग तेजी से उठने लगी थी। इस फैसला होता उससे पहले ही पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दे दिया गया। अब एनआईए पता लगा ही लेगी की पाकिस्तान के हमलावर आतंकियों को किसने और क्यों मदद की !
पहलगाम में पाकिस्तानी मुस्लिम आतंकियों ने धर्म पूछकर हिन्दूओ का किया था नरसंहार ...
इस घटना से पूरा देश क्रोध में उबल रहा है, अब फिलहाल हिन्दू सुप्रीम कोर्ट के मुद्दे को छोड़कर आतंकियों के पोषक पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात करने लग गया है। मौका तो कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के लिए था लेकिन आपदा में अवसर तलाशने वाले मोदी को उसका मौका एकाएक मिल गया 1947 के षड्यंत्र को समूल नाश करने का !
विपक्षी दलों बाद में अहसास हुआ कि उन्होंने क्या कर दिया !
सर्वदलीय बैठक बुलाकर पूरे विपक्ष से भी आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही करने की बात पर हामी भरवा ली। लेकिन किसी भी विपक्षी दलों के मालिकों को यह पता ही नहीं था कि उन्होंने हामी भरी किस प्रकार की कार्यवाही की है। हामी भरने के बाद बाहर आए तो समस्त विपक्षी दलों के नेताओं के चेहरे से हवाइयाँ उड़ी हुई थी। समस्त विपक्षी दलों के नेताओं को महसूस हो गया था कि सर्वदलीय बैठक में भरी हुई हामी उनके अस्तित्व के लिए खतरा बन जायेगा क्योंकि उनका वोट बैंक जो उनसे छिटकने वाला है।
बाहर निकल आते ही कोई इधर भागा, कोई उधर
राहुल गांधी सीधे कश्मीर गये और उमर अब्दुल्ला से मिले, ऐसा लगता है कि पहलगांव आतंकी हमला अंजाम दिए जाने के बाद से ही मोदी ने कांग्रेस द्वारा पैदा की गई सभी समस्याओं का एक साथ निवारण करने का अवसर इस आतंकी आपदा में हथिया लिया है।
सर्वदलीय बैठक में हामी भरने के बाद डैमेज कंट्रोल करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा पाकिस्तान को बचाने, भारत में रह रहे मुस्लिम घुसपैठियों को बचाने, विपक्ष समर्थित हिन्दूओ को मनचाहे बयान दिलवाने व उन वीडियो को वायरल करने की मुहिम शुरू कर दी गई है। सब कुछ अच्छा साबित करने के लिए फेक वीडियो विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को भेजकर उनसे बनवाए जा रहे हैं। और यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि इस घटना के पीछे सिर्फ केंद्र और उसकी सुरक्षा एजेंसियां ही जिम्मेदार हैं।
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