G News 24 : नियम बनाने वाले कैसे नियमों की धज्जीयां उड़ाते हैं ये देखना है तो जाइए पंजीयन कार्यालय !

 पंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्री कराने की पूरी व्यवस्था निजी लड़कों के भरोसे !

नियम बनाने वाले कैसे नियमों  की धज्जीयां उड़ाते हैं ये देखना है तो जाइए पंजीयन कार्यालय !

ग्वालियर। नियम बनाने वाले सरकारी विभाग ही कैसे नियमों  की धज्जीयां उड़ाते हैं ये देखना है तो पंजीयन कार्यालय चले  जाइए। पंजीयन कार्यालय में नियम-कायदों को तोड़कर रजिस्ट्री कराने के खेल में बड़ा गठजोड़ है।सूत्र बताते हैं कि यहां एजेंट यानी निजी लड़कों के भरोसे पूरी व्यवस्था है जो उप पंजीयकों के कार्यालयों में जमे रहते हैं। जिम्मा सर्विस प्रोवाइडर के खुद आने का है और पूरी प्रक्रिया खुद संपादन कराने का नियम है, लेकिन प्रोवाइडर पंजीयन कार्यालय में आते ही नहीं है। 

रजिस्ट्री के लिए दूर-दराज से आने वाले ग्राहकों को पकड़ने के कारण पूरे नियम टूटते हैं। एक सर्विस प्रोवाइडर के पास तीन से चार लड़के रहते हैं जिस कारण यह पूरी व्यवस्था बेपटरी हो रही है। उप पंजीयक के पत्र के कारण पंजीयन कार्यालय में हड़कंप तो है लेकिन इसके बाद भी वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों को कोई मानने को तैयार नहीं है। एक अप्रैल से नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू होना है, इसलिए नियम मानने की बजाए सभी अधिकारी ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्री करने में जुटे हुए हैं। पंजीयन कार्यालय में नियमों को तोड़कर रजिस्ट्री की जा रही हैं। 

सूत्र बताते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर संपत्ति की फोटो, सीमाओं से लेकर आइडी में भी फर्जीवाड़ा कर रजिस्ट्री संपादित करा रहे हैं। पंजीयन कार्यालय के ही उप पंजीयक मनोज कुमार सिहारे ने विभाग में इस मनमानी का चिट्ठा खोल 23 ऐसे केसों का ब्यौरा व टूटने वाले नियमों को लिखकर वरिष्ठ जिला पंजीयक और जिला पंजीयक को पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि इससे उप पंजीयक की भूमिका कटघरे में आ सकती है और शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। पत्र में यह भी लिखा है कि सर्विस प्रोवाइडर से नियमों की पूर्ति के लिए कहा जाता है तो ऐसे देखते हैं जैसे आठवां अजूबा देख लिया हो। 

वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उप पंजीयक की आपत्तियों को सही ठहराकर नियमों से काम करने के निर्देश जारी किए हैं। उप पंजीयक मनोज कुमार सिहारे ने शिकायती पत्र में लिखा है कि विगत कुछ दिनों से इस कार्यालय में पंजीयन के लिए बुक स्लाटस के द्वारा दस्तावेज प्रारूपण में भारतीय स्टांप अधिनियम रजिस्ट्रीकरण अधिनियम व मप्र रजिस्ट्रीकरण नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। 

इस प्रकार के दस्तावेज प्रारूपित होने से उप पंजीयक के सामने कानूनी उलझनें उत्पन्न हो सकतीं हैं, बल्कि शासन को राजस्व की हानि भी हो सकती है। पंजीयन विभाग में उप पंजीयक ने एक नहीं कई आपत्तियां उठाईं हैं जिन्हें वरिष्ठ अधिकारियों ने सही भी ठहराया है। वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि सभी उप पंजीयकों को निर्देश जारी किए गए हैं। हकीकत में इनका पालन नहीं हो रहा है। वहीं इन दिनों कार्यालय में भीड़ भी काफी है इसलिए कोई देखने वाला नहीं है।

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