G News 24 : पुलिस का अभिनव प्रयास, रंगों के बचाए पैसे और विधवा के लिए बनाया आशियाना

पुलिस जिन रुपयों के रंग होली में ख़रीदती उन रुपये से एक बे-सहारा का घर बना दिया ...

पुलिस का अभिनव प्रयास, रंगों के बचाए पैसे और विधवा के लिए बनाया आशियाना

ग्वालियर। पूरे देश में इस समय का होली का त्योहार मनाया जा रहा है। पड़वा से शुरू हुआ यह रंगोत्सव पांच दिन यानी रंग पंचमी तक चलता है। इस दौरान लोग रंग गुलाल उड़ाने पर काफी पैसा खर्च करते हैं। लेकिन ग्वालियर जिले के एक थाने की पुलिस ने होली पर कुछ अलग ही किया। थाने के लोगों ने रंग और गुलाल पर ख़र्च होने वाले पैसे आपस में जमा किये और वर्षों से झोपड़ी में रहकर गुजर बसर कर रही एक बुजुर्ग महिला के लिए टीन शेड से एक मजबूत घर अपने हाथों से बनाकर दिया। पुलिस द्वारा दी गई इस होली गिफ्ट की चर्चा ग्वालियर से भोपाल तक हो रही है। होली का त्योहार आपसी भाईचारा और शांति से सम्पन्न हो, इसलिये ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने निर्देश दिये थे कि होली से पहले सभी थानों में शांति समिति की बैठक की जाए, जिसके पालन में हस्तिनापुर थाने में यह बैठक आहुत हुई। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उत्तर शियाज केएम, एसडीओपी बेहट संतोष कुमार पटेल और थाना प्रभारी राजकुमार राजावत के द्वारा शांति समिति की बैठक ली गई।

बैठक में थाना प्रभारी द्वारा यह बात रखी गई कि थाने पर हर वर्ष होने वाली होली में पुलिस जितने रुपयों के रंग ख़रीदती है, होली में खर्च करती है। उतने रुपये किसी बेसहारा के कल्याण में खर्च करेगी। बैठक में उपस्थित हस्तिनापुर के प्रमुख ग्रामीणों द्वारा हस्तिनापुर के आदिवासी बस्ती में एक बुजुर्ग विधवा आदिवासी महिला कोमल बाई पत्नी देवी सिंह आदिवासी उम्र 80 वर्ष निवासी हस्तिनापुर के होने की बात बताई। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग महिला का पति बीमारी के कारण इस दुनिया में नहीं रहा और फिर दोनों बेटे गुजर गये। उसके बाद नाती पोतों के सहारे एक झोपड़ी में रहकर जीवन यापन कर रही है। गृह प्रवेश पर थाना प्रभारी ने कन्या भोज भी कराया।

पुलिस अधिकारी बैठक से ही सीधे मौके पर पहुंचे तो देखकर सभी दुखी हो गए। उसकी बहुत ही दयनीय स्थिति थी। वो जिस झोपड़ी में रह रही थी, वो जगह जगह टूटी हुई थी। पुलिस ने होली के दूसरे दिन यानी मंगलवार को जब थाने पर पुलिस की होली खेली जाती है, सभी अफसर थाने से सीधे उसी झोपड़ी पर पहुंचे। सबने खुद अपने हाथों के गैंती फावड़ा लेकर गड्ढे खोदे और पिलर गाड़े। उसके बाद मौके पर एसडीओपी संतोष पटेल व हस्तिनापुर की पुलिस ने अपने हाथों से टीन शेड लगाया व अगल-बगल लकड़ी की टटिया बनाकर ग्रीन नेट से सजाया। साथ ही लीप पोतकर रहने योग्य एक नया आशियाना बनाकर दिया। इस मौके पर गांव के समाजसेवी ऋषभ यादव ने अम्मा के लिए गद्दा, रजाई व कुर्सी दिये। वर्षों से टपकती झोपड़ी में रह रही बुजुर्ग महिला और उसके नाती अपना खूबसूरत नया घर देखकर काफी खुश नजर आए। बल्कि बुजुर्ग महिला की आंखों में तो खुशी के आंसू छलछला उठे।

हस्तिनापुर थाने से रंगों की फेरी निकली, जिसमें पुलिस के साथ गांव वाले ढोल बाजे के साथ निकले।एसडीओपी बेहट संतोष पटेल ने जगह-जगह लोगों को चुनाव जागरुकता गीत गाया, जिसके बोल थे रंग गुलाल लगाना है, वोट डालने जाना है। वोट डालना बहुत जरूरी, वोट के बिन ज़िंदगी अधूरी। लोकतंत्र का जश्न मनाना है, वोट डालने जाना है। इस कार्य में युवा समाजसेवी ऋषभ यादव ग्वालियर के साथ गांव के सरपंच व ग्राम वासी उपस्थित रहे। एसडीओपी बेहट संतोष पटेल का कहना है, यह पहल छोटा है लेकिन है। पुलिस की वर्दी पहनने के बाद मानवता के रंग दिखाने वाली है। इसमें टीम के कप्तान थाना प्रभारी राजकुमार राजावत के साथ कदम से कदम मिलाकर खाकी का सम्मान बढ़ाने वाले सउनि वीर सिंह, हवलदार मनोज, वकील सिंह, आरक्षक सुनील परिहार, देशराज, धर्मेंद्र पवैया, राघवेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, शिवम सिंह, रघुवंशी राठौर, सर्वेश गुप्ता, नागेश शर्मा, सत्येंद्र धाकड़ की सराहनीय भूमिका रही। हम सबके जीवन में इससे सचमुच गर्व का अमिट रंग भर गया।

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