G. News :क्लस्टर एवं नवीन व्यवसायिक स्थलों के निर्माण में अपनी पूर्ण भूमिका का निर्वाहन करूंगा : ऊर्जा मंत्री

 MPCCI का 118वां स्थापना दिवस समारोह…

क्लस्टर  एवं नवीन व्यवसायिक स्थलों के निर्माण में अपनी पूर्ण भूमिका का निर्वाहन करूंगा : ऊर्जा मंत्री

ग्वालियर। मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (MPCCI) के 118वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार, दिनांक 24 मई,2023 को इण्डस्ट्रियल क्लस्टर एवं नवीन व्यवसायिक स्थलों की आवश्य कता एवं निर्माण की संभावनायें विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में संभागीय आयुक्त दीपक सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्बारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर, किया गया। तदुपरांत पदाधिकारियों द्बारा अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर स्वागत उद्बोधन में अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि ग्वालियर में इण्डस्ट्री तो हैं परंतु यहां क्लस्टर निर्माण नहीं हो पाया है। यहां पर कंफेक्शनरी, फूड, स्टोन, इंजीनियरिंग आदि के क्लस्टर्स डवलप हो सकते हैं। इसके साथ ही नवीन व्यवसायिक स्थलों के निर्माण की भी पूर्ण संभावनायें हैं। आज का यह कार्यक्रम इन्हीं पर फोकस करके किया गया है। यह कार्यक्रम आज शुरूआत है। इस कार्यक्रम में प्राप्त विचारों एवं संभावनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में चेम्बर निरंतर कार्य करेगा और लक्ष्य तक पहुंचेगा। क्लस्टर डवलपमेंट के संबंध में जानकारी देते हुए सेडमैप की कार्यकारी संचालक अनुराधा सिंघई द्बारा ऑनलाइन प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि क्लस्टर डवलपमेंट के लिए सबसे पहली आवश्य कता ट्रस्ट बिल्डिंग की है। जो इकाईयां क्लस्टर डवलपमेंट की दिशा में आगे बढना चाहती हैं, उन्हें इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्लस्टर डवलपमेंट बहुत खूबसूरत योजना है। मध्यप्रदेश सरकार एवं भारत सरकार का इस योजना पर विशेष जोर है। सैडमैप क्लस्टर डवलपमेंट में मार्गदर्शन की भूमिका का निर्वाहन करता है। इसके लिए आपको एस.पी.व्ही, बनाना होता है। 

इससे आशय एक समूह 10 से 20 लोगों का समूह जिसका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक प्रतिनिधि/सूत्रधार होना चाहिए। इसके बाद डी.पी.आर. बनाकर सिडबी से एप्रूव कराकर शासन के पास भेजना होती है। उसकी स्क्रूटनी करने के बाद क्लस्टर डवलपमेंट का मार्ग प्रशस्त होता है। क्लस्टर के किसी भी स्टेज पर यदि कोई कमी रह जाती है तो उसमें सहायता करने के लिए सैडमेप तत्पर है। आप अपने प्रस्ताव के साथ भोपाल आकर मिल सकते हैं। जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के सहायक प्रबंधक आनंद शर्मा ने राज्य शासन की क्लस्टर योजना के विषय में बताया कि जो भी भूमि क्लस्टर के लिए चिन्हित हो, उसमें 80 प्रतिशत एमएसएमई इकाईयां होना चाहिए। एसपीव्ही में कम से कम 5 सदस्य हों, जिनमें ब्लड रिलेशन नहीं होना चाहिए। उसके बाद विकासक जो कि क्लस्टर के लिए आवश्यएक सुविधाओं का विकास करेगा तथा निवेशक जो कि उसमें निवेश करेंगे। विकासक को दो वर्ष में भूमि विकसित करके देना होगी तथा निवेशक द्बारा शासन को लीजरेंट अदा किया जायेगा। क्लस्टर के तहत स्थापित इकाईयों को शासन की सभी अनुदान योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। एमएसएमई ग्वालियर ब्रांच के डायरेक्टर इनचार्ज राजीव कुमार ने बताया कि क्लस्टर मुख्यत: माइक्रो एवं मीडियम इकाईयों के लिए बनाये जाते हैं। इसमें 5 से 10 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए शासन से 60 से 70% तक अनुदान मिलता है। यदि सभी इकाईयां माइक्रो हैं तो यह ग्रांट 75% तक हो जाती है। बाकी 25% राशि एसपीव्ही को जुटानी होती है। क्लस्टर की डीपीआर टेक्निकली वायबल होना चाहिए तभी वह अप्रूव हो सकेगी। 

केन्द्र सरकार द्बारा क्लस्टर के तहत कॉमन फेसिलिटी सेंटर के लिए 18 करोड़ रूपये तथा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 करोड़ रूपये तक दिये जाते हैं। डीपीआर एप्रूवल तथा सब्मिट करने के बाद आप उसकी स्थिति ऑनलाइन चैक कर सकते हैं। ग्वालियर में इण्डस्ट्रियल क्लस्टर स्थापित हों इसके लिए हम पूर्ण सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे आयुक्त ग्वालियर संभाग दीपक सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि चेम्बर के स्थापना दिवस पर चेम्बर के मिशनरी पूर्वजों को हमें नमन करना चाहिए जिन्होंने इसकी स्थापना की। आप सभी को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई शुभकामनायें। आपने कहा कि आप किसी भी शहर को देखें तो वहां सरार्फा बाजार, बर्तन बाजार, किराना बाजार आपको समान रूप से मिलेंगे। किसी एक जगह किसी वस्तु का उत्पादन या व्यापार करने की सोच पूर्व से रही है। ग्वालियर शहर में जो पुराने बाजार अथवा इण्डस्ट्रियल एरिया हैं। उनमें अब स्थान नहीं हैं तो हमें नये बाजार, नवीन स्थान पर स्थापित करने ही होंगे। चेम्बर की पहल अच्छी है। चेम्बर को मास्टर प्लान के साथ एसोसिएशन व जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर लांग टर्म और शॉर्ट टर्म प्लान बनाकर कार्य करना चाहिए। आप पहले नवीन क्लस्टर/बाजार की संभावनाओं को आईडेंटिफाय करें फिर सेक्टरवाइज बैठक करें तब हम किसी परिणाम पर पहुंच पायेंगे। इस पहल से हम ग्वालियर को नवीन और आधुनिक पहचान दिलाने में कामयाब होंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ऊर्जा मंत्री, मध्यप्रदेश शासन प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि सकारात्मक सोच/चर्चा का परिणाम जरूर निकलता है। आपने कहा कि हम पहले स्वर्ण रेखा नदी पर एलीवेटेड रोड की कल्पना करते थे जो कि आज साकार होने जा रही है। 

इसी प्रकार आज जो हम क्लस्टर डवलपमेंट और नवीन व्यवसायिक स्थलों की चर्चा कर रहे हैं, यह भी एक दिन जरूर साकार होगी। हमारा ग्वालियर म.प्र. की स्थापना के समय औद्योगिक रूप से समृद्घ था, उसका यह स्वरूप हम वापिस ला सकते हैं। आज इसकी शुरूआत हुई है। इसको पंख लगाने का कार्य हमारे मुख्यमंत्री जी, श्री सिंधिया व आपका यह सेवक करेगा।  हमें पूर्व में स्थापित चीजों का विस्तार करना है, इस पर अमल होगा। शासन की ओर से मैं आपको इसका विश्वाास दिलाता हॅूं। इस पर शीघ्र ही चेम्बर व अधिकारियों के साथ बैठक  कर  चर्चा की जायेगी। गारबेज शुल्क पर आपने कहा कि ग्वालियरवासियों को अन्य महानगरों से ज्यादा शुल्क नहीं देना पड़ेगा, आपके साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। साथ ही विद्युत बिल जमा करने में 2000 रूपये का नोट स्वीकार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा। सवाल-जवाब सेशन में खालिद कुरैशी, आशीष जैन, संजय धवन, दिलीप पंजवानी, संतोष जैन, उमेश उप्पल, पूर्व कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल, दीपक जैस्वानी, महेन्द्र गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष-सुरेश बंसल, राजेश माखीजा द्बारा अपनी जिज्ञासा संबंधी प्रश्न किये गये जिनका कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्बारा समाधान किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। कार्यक्रम का संचालन मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल तथा आभार कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल सहित पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-जगदीश मित्तल सहित काफी संख्या में कार्यकारिणी समिति सदस्यगण व चेम्बर सदस्यगण उपस्थित रहे।

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