G News 24:आप के पास सजा देने के पावर नहीं हैं। ये हाई कोर्ट के पास है: हाई कोर्ट

सीज रेत को रिलीज करने के मामले में कोर्ट की टिप्पणी...

आप के पास सजा देने के पावर नहीं हैं। ये हाई कोर्ट के पास है: हाई कोर्ट 

ग्वालियर। हाई कोर्ट की युगल पीठ ने सोमवार को सीज रेत को रिलीज करने के मामले में टिप्पणी कर कहा कोर्ट नहीं होता तो आप लोग आम लोगों के साथ क्या करते। आप लोग जिला न्यायालय के आदेश को मानते ही नहीं हैं। क्योंकि सजा देने के पावर नहीं हैं। ये हाई कोर्ट के पास हैं। यदि कुछ लिख दिया तो नौकरी चली जाएगी। कोर्ट की फटकार के बाद खनिज विभाग के क्षेत्रीय निदेशक संतोष कुमार पटले, खनिज अधिकारी दिनेश कुमार ने न्यायालय से अपनी गलती के लिए माफी मांगी। कोर्ट ने उन्हें माफी देते हुए चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की गलती नहीं करेंगे। खनिज विभाग के डायरेक्टर भी कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने कहा अधीस्थ अधिकारियों ने आदेश की पूरी जानकारी नहीं दी, जिसके चलते ऐसा हुआ।

दरअसल वर्ष 2014 में रवि मोहन त्रिवेदी ने भिंड जिले में एक लाख 94 हजार 516 क्यूबिक मीटर रेत का भंडारण किया था। इस रेत को जिला प्रशासन ने सीज कर दिया था। त्रिवेदी को रेत के भंडार की अनुमति थी। जब मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पहुंचा तो न्यायिक मजिस्ट्रेट ने रेत को रिलीज करने का आदेश दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट का आदेश 2021 में हाई कोर्ट से कन्फर्म हो गया। रवि मोहन त्रिवेदी के पक्ष में आदेश हो गया, लेकिन रेत को रिलीज नहीं किया गया। इसके बाद दोबारा हाई कोर्ट में रवि मोहन त्रिवेदी ने याचिका दायर की। 14 मार्च 2023 को चीफ जस्टिस ने भी आदेश का पालन करने के आदेश दिए थे, लेकिन खनिज विभाग ने फिर भी अनदेखी कर दी। हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने को लेकर खनिज विभाग के डायरेक्टर, क्षेत्रीय निदेशक, खनिज अधिकारी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी कर पक्ष रखने के लिए बुलाया था। तीनों अधिकारी न्यायालय में उपस्थित हुए थे।

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