G News 24 :आंतरिक व बाहरी सुरक्षा के साथ दुश्मन को आश्चर्यचकित करने की क्षमता जरूरी:डॉ.दुबे

 जब बाबर ने हमारे देश पर आक्रमण किया तब हमारे यहां तोप से कोई परिचित नहीं था। इसलिए भारत की पराजय हुई

आंतरिक व बाहरी सुरक्षा के साथ दुश्मन को आश्चर्यचकित करने की क्षमता जरूरी:डॉ.दुबे

ग्वालियर। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के साथ दुश्मन देश को आश्चर्यचकित करने की क्षमता होना बहुत जरूरी है। देश तभी मजूबत होगा जब हम सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक संपन्नता के साथ आत्मनिर्भर होंगे। यह बात प्रज्ञा प्रवाह मध्यभारत प्रांत ग्वालियर के तत्वावधान में स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर विमर्श श्रंखला के अंतर्गत मासिक संगोष्ठी में वक्ताओं ने कही। शुक्रवार को महाराज बाड़ा स्थित केन्द्रीय पुस्तकालय में आयोजित संगोष्ठी का विषय वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत की बाह्य एवं आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां एवं सुरक्षा तंत्र में स्व का भाव था। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर के संयुक्त संचालक दीपक पाण्डेय ने की। वक्ता के रूप में डीआरडीओ ग्वालियर के पूर्व डायरेक्टर डॉ. डीके दुबे, डीआईजी बीएसएफ  राजेश शर्मा, मेजर शशि भूषण शर्मा, एडिशनल एसपी राजेश दंडौतिया, एनसीसी अधिकारी श्रीमती रितु भार्गव उपस्थित रहीं। विषय प्रवर्तन एमएलबी महाविद्यालय में सैन्य विज्ञान के प्राध्यापक राजेन्द्र वैद्य ने किया। 

वक्ता डॉ.दुबे ने कहा कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए आंतरिक और बाहरी रूप से सुरक्षित होना बहुत जरूरी है। भविष्य में परंपरागत नहीं बल्कि आर्टिफिशियल युद्ध होंगे। रासायनिक और साइबर अटैक होंगे। उन्होंने कहा कि दुश्मन देश को इस तरह पराजित करें कि वह हतप्रभ रह जाए। उन्होंने बाबर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब बाबर ने हमारे देश पर आक्रमण किया तब हमारे यहां तोप से कोई परिचित नहीं था। इसलिए भारत की पराजय हुई। उन्होंने कहा कि आज हम रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर होते जा रहे है। डॉ.दुबे ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि डीआरडीओ ग्वालियर के पास रासायनिक हमला करने पर इसका अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इसके प्रमाण उपलब्ध कराने की मान्यता प्राप्त है। 

मेजर शशि भूषण शर्मा ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू की गलत नीतियों की वजह से आज भी हम जम्मू-कश्मीर में समस्याओं से जूझ रहे हैं। हालांकि आज हमने काफी हद तक आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगा दिया है। भारत की सीमा लांघने में अब पाकिस्तानी घुसपैठियों की रूह कांपने लगी है। सेना के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं। रितु भार्गव ने कहा कि सुरक्षा के लिए शैक्षणिक संस्थानों में एनसीसी कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कैडेट देश में विपत्ति आने पर अपना अहम योगदान देते हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में विषय प्रवर्तन करते हुए प्राध्यापक राजेन्द्र वैद्य ने कहा कि जैसे सभ्यता और संस्कृति परस्पर जुड़ाव लिए हुए हैं वैसे ही राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा है। वस्तुत: राष्ट्रीय हितों के पोषण के लिए ही सुरक्षा के विभिन्न आयाम और प्रतिमान अपनी भूमिका का निर्वाह करते हैं। अतिथि परिचय डॉ.नीलम महेन्द्रा ने दिया। अतिथियों का स्वागत राजकिशोर वाजपेयी, मदन भार्गव, श्रीमन नारायण शर्मा, राकेश जैन, डॉ.सीमा निर्वेद पांडे ने किया। कार्यक्रम का संचालन कु.जान्हवी नायक ने एवं आभार प्रज्ञा प्रवाह मध्यभारत प्रांत के सह संयोजक अजय कुमार जैन ने व्यक्त किया।

भारत की स्थिति अब मजबूत:शर्मा

डीआईजी बीएसएफ राजेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में सैन्य और आर्थिक दृष्टि से भारत स्थिति अपने पड़ौसी देशों की तुलना में अच्छी है। आंतरिक रणनीति मजबूत होने से देश में आतंकवादी भी कम हुए हैं। कश्मीर में पहले हालात सुधरे हैं। सीमा पर आवागमन की स्थिति भी सुधरी है।

साइबर अटैक से बचना होगा: दंडौतिया

एडिशनल एसपी श्री दंडौतिया ने कहा कि वर्तमान का दौर साइबर अटैक का है। दुश्मन इसके माध्यम से हमारे संस्थानों पर अटैक कर हमारे सिस्टम को ध्वस्त करना चाहेंगे। इससे हमें बचना होगा। इसके लिए जागरुक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक विचारधारा के प्रवाह से देश निश्चित रूप से मजबूत होगा।

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