G News 24 : सुख हो या दु:ख भगवान की भक्ति में कभी पीछे नहीं हटते:मुनिश्री

 आठ दिवसीय 32 मंडलीय सिध्दचक्र महामंडल विधान शुरू हुआ...

सुख हो या दु:ख भगवान की भक्ति में कभी पीछे नहीं हटते:मुनिश्री 

भिंड l इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति जो कुछ भी प्राप्त करता है वह भगवान की कृपा से प्राप्त करता है जब वह कुछ पाने की ललक में रहता है तब वह यह भूल जाता है कि भगवान से हमें यह चीज मांगनी चाहिए या नहीं। भगवान की कृपा से उसकी पूर्ति भी हो जाती है। पूर्ति होने के बाद जो व्यक्ति अपने भगवान के उपकार को भूल जाता है वही संसार में भटकता रहता है। किंतु जो व्यक्ति संसार की हर एक वस्तु को पाकर की भगवान को कभी नहीं भूलता है वह हमेशा सुख शांति से जीवन व्यतीत करता है। यह बात श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने आज सोमवार को भिंड जिला स्थित रानी विरागवां आदिनाथ जैन मंदिर में आयोजित 32 मंडलीय सिध्दचक्र महामंडल विधान के शुभारंभ पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहीं। 

मुनिश्री ने कहा कि हम बचपन से लेकर अब तक हमेशा भगवान की भक्ति करते हैं। सुख हो या दु:ख भगवान की भक्ति में हम कभी पीछे नहीं हटते। भगवान ने आपको सब कुछ दिया है तो बदले में हमने भगवान को क्या दिए हैं इस बात पर विचार करने वाला व्यक्ति निश्चित रूप से धर्मात्मा बन जाता है और भगवान की भक्ति करने लगता है। हमारे पास जो कुछ भी है भगवान की कृपा से आया है इसलिए हम संसार में रहे किंतु भगवान की भक्ति को ना छोड़ें। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में संसार के विषयों में हमेशा जागृत रहते हैं किंतु भगवान की भक्ति में सोए रहते हैं।

मुनिश्री विनय सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में आदिनाथ जैन मंदिर से गाजेबाजे के साथ घटयात्रा निकली गई। घटयात्रा मंदिर से शुरू होकर गांव में भ्रमण करती हुई वापस जैन मंदिर कार्यक्रम स्थल पहुँची। महिला सिर पर मंगल कलश लेकर भक्ति भजनों पर नृत्य करती हुई चल रही थी वही पुरुष लोगा धोती दुपट्टे में जयकारे लगाते चल रहे थे। जगह जगह मुनिश्री विनय सागर महाराज चरानॉ का पादप्रक्षालन कर मंगल आशीर्वाद ले रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर पहुचने पर मुनिश्री के सानिध्य व विधानचार्य पं. राजेन्द्र जैन शास्त्री मगरौनी के मार्ग दर्शन में सिध्दचक्र विधान का शुभारंभ श्री मनोज जैन परिवार दिल्ली ने जैन ध्वजारोहण कर किया। आयोजन में 28 मार्च से 04 अप्रैल तक प्रतिदिन प्रातः 6ः30 बजे से जाप्यानुष्ठान, प्रात 7 बजे से जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक शांन्तिधार, 8ः30 नित्यपूजन व सिध्दचक्र महामंडल विधान होगा। वही शाम 6:30 बजे से महाआरती, शास्त्र प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगे।

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