भाजपा को इस बार तीन विधानसभा सीटों में जीतने के लिए करना पड़ेगा संघर्ष !

 नए दावेदार और पार्टी में उपजे असंतोष और गुटबाजी के चलते ...

भाजपा को इस बार तीन विधानसभा सीटों में जीतने के लिए करना पड़ेगा संघर्ष !


ग्वालियर। ग्वालियर में तीन विधानसभा सीटों नए दावेदार और पार्टी में उपजे असंतोष और गुटबाजी के चलते भाजपा को तीन विधानसभा सीटों में जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा l ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण और ग्वालियर विधानसभा सीटों पर गणित गड़वड़ाया हुआ लग रहा है l अभी  इन सीटों पर भाजपा का कब्जा है और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर इस सीट के प्रबल दावेदार हैं लेकिन इस सीट पर भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया को बीजेपी यहां से टिकिट दे सकती है और अब तो  राजेश सोलंकी ने भी महूदगी का अहसास भी करा दिया है l संघ की पृष्ठभूमि से आए राजेश सोलंकी ने बीते रोज ग्वालियर विधानसभा में दीपदान यात्रा का आयोजन कर अपने होने का एहसास करा दिया। आर एस एस में विभाग कार्यवाह रह चुके राजेश सोलंकी ने ग्वालियर में पहली बार देव दीपावली के मौके पर दीपदान यात्रा का आयोजन किया। ऐसे में प्रद्युम्न सिंह तोमर के सामने एक और दावेदार सामने आ गए। संघ पृष्ठभूमि से आने वाले राजेश सोलंकी को पार्टी नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता है।इसके आलावा कांग्रेस के सुनील शर्मा भी यहां अपनी मौजूदगी का एहसास कराते रहे हैं l 

ग्वालियर में एक और विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस से सतीश सिकरवार विधायक हैं, लेकिन उनसे पराजित भाजपा के मुन्नालाल गोयल खुद को भाजपा का प्रबल दावेदार मान रहे हैं। वह सिंधिया खेमे से हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें टिकट दिलाने के लिए सिंधिया भी अड़ सकते हैं। लेकिन यहां पर दो और दावेदारों के कारण पेच फंस रहा है। इनमें एक है भाजपा के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर के बड़े बेटे देवेंद्र प्रताप तोमर और दूसरे हैं पूर्व मंत्री माया सिंह के बेटे पीतांबर सिंह। दोनों ही नेता पुत्र इस सीट पर अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। 

अब बात करते हैं तीसरी विधानसभा सीट ग्वालियर दक्षिण की। यहां से लगातार विधायक रहे नारायण सिंह कुशवाह कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक से महज 121 वोटों से चुनाव हार गए थे, इस लिहाज से आने वाले विधानसभा चुनाव में स्वाभाविक और पहली दावेदारी नारायण सिंह कुशवाह की ही बनती है। इस सीट पर पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता की भी नजर हैं और यह तीनों ही चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो इन तीनों सीटों पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए कड़ी चुनौती है। भाजपा की दिक्कतें यहीं तक सीमित नहीं हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में दो बड़े क्षत्रप नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया उभर कर सामने आए हैं। इन दोनों ही गुटों में समन्वय का अभाव है, जो साफ नजर आता है।

Comments