338 करोड़ रूपये खर्च कर बने हजार बिस्तर के अस्पताल में पानी का भस्टाचार का रिसाव

 नहीं थम रहा भ्रष्टाचार का पहिया तभी तो गुणवत्ता किया गया समझौता ...

338 करोड़ रूपये खर्च कर बने हजार बिस्तर के अस्पताल में पानी का भस्टाचार का रिसाव


ग्वालियर l हजार बिस्तर अस्पताल में पानी का रिसाव हो रहा है। 5 मार्च 2019 में हजार बिस्तर अस्पताल की नींव रखी गई थी। तब अस्पताल का प्रोजक्ट 338 करोड़ की लागत का था जिसे 30 महीने में पूरा किया जाना था, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी अस्पताल अबतक पूरी तरह से तैयार नहीं हो सका। हालांकि लागत राशि 338 करोड़ से बढ़कर 397.5 करोड़ पर जा पहुंची है। भवन की लागत राशि तो बढ़ाई गई, लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। अस्पताल निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को पीआईयू के इंजीनियर प्रेमनारायण रायपुरिया उजागर कर चुके हैं। जिस मामले में न्यायालय द्वारा मुख्य अभियंता से लेकर भोपाल में बैठे आला अफसरों के नाम पर नोटिस जारी हाे चुके हैं। 

इसके बाद भी अस्पताल निर्माण में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा जिसका जीता जागता उदाहरण भवन में हो रहा बारिश के पानी का रिसाव है। हजार बिस्तर अस्पताल में तीन भवन से मिलकर बना है। जिसे ए, बी और सी ब्लाक का नाम दिया गया है। इन तीन भवन को जोड़ा गया है। भवन के ज्वाइंट पर ज्वाइंट रिस्पोंसर सीट, डाक्टर फिक्सिंग कैमिकल, लेस चादर का उपयोग कुछ स्थानों पर नहीं हुआ। ज्वाइंट पर सीधी रेत व सीमेंट भर दी गई जिससे बारिश के पानी का रिसाव सबसे अधिक इन्हीं ज्वाइंट पर हो रहा है। 

इसके अलावा छत पर अभी पुट्टी व टाइल्स न लगे होने व पानी का भराव होने से रिसाव हो रहा है। अस्पताल के भवन में फायर का काम 80 फीसद पूरा हो चुका है। कुछ स्थान पर पाइप कनेक्शन अधूरे हैं तो कहीं कहीं पर पाइप डालना शेष है तथा पानी छोड़ने वाले बाल गायब हैं। अस्पताल परिसर में 5 बोरिंग में से एक ही चालू है। पीएचई की पाइप लाइन अबतक नहीं डल सकी। भवन से सीवर लाइन जोड़ने का काम अधूरा है, सीवर लाइन का 80 फीसद काम पूरा हो चुका है। भवन का रंग-रोशन का काम 75 फीसद पूरा हो चुका है। ग्रीन बल्ट एरिया 75 फीसद तैयार है। ग्रेनाइट लगाने व पत्थर घिसाई का 15 फीसद काम बचा है।

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