हिंदी आत्मा, व्यवहार एवं प्रबंधन की भाषा है :प्रो.डॉ. राजरानी शर्मा

 जेयू के अर्थशास्त्र अध्ययनशाला में हिंदी दिवस का हुआ आयोजन...

हिंदी आत्मा, व्यवहार एवं प्रबंधन की भाषा है :प्रो.डॉ. राजरानी शर्मा 


ग्वालियर। बुधवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के एमबीए के छात्र/छात्रायों ने हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में हिंदी की सेवानिवृत्त प्रो.डॉ. राजरानी शर्मा उपस्थित थीं। 

मुख्य अतिथि ने अपने उद्बबोधन में कहा में कहा कि हिंदी आत्मा, व्यवहार एवं प्रबंधन की भाषा है। प्रबंधन के साथ-साथ यदि हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ होगी तो आपको सफलतापूर्वक नई-नई ऊंचाइयों को छू सकेंगे। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि हमे अपनी मातृभाषा पर गौरान्वित होना चाहिये एवं अपनी भाषा के साथ विचारों में मौलिकता का होना नितांत जरूरी है। विशिष्ठ अतिथि प्रो. एस के शुक्ल ने बताया कि हमे हिन्दी भाषा को सर्वोपरि रखते हुए अन्य भाषाओ का सम्मान करना चाहिए साथ ही दैनिक जीवन में हिन्दी भाषा का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे तभी हमारी हिन्दी भाषा को विश्व में मान-सम्मान मिलेगा।  कार्यक्रम के समन्वयक डॉ एस के सिसोदिया जिन्होंने सुनियोजित तरीके से हिंदी दिवस का कार्यक्रम संपन्न कराया। छात्रों के बीच में पोस्टर/हिंदी लेखन/भाषण/कविता प्रतियोगिता तथा नाटकों का मंचन किया गया।

अतिथियों का स्वागत डॉ. एस डी. सिसोदिया ने किया एवं आभार डॉ कल्पना शर्मा ने दिया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकों में डॉ. दीपा अनवर, डॉ. शिबकुमारी सिंह, डॉ. कोमल राघव, डॉ. कृतिका प्रधान, डॉ. गंगोत्री शर्मा उपस्थित थे।  कार्यक्रम में अध्ययन शाला के समस्त शिक्षक गण एवं स्टाफ वह छात्र छात्राओं ने उत्साह पूर्वक सहभागिता कर कार्यक्रम को सफल बनाया। विशेष अतिथि के रुप में प्रो. एसके शुक्ला व कार्यक्रम की अध्यक्षता अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. जेएन गौतम ने की।

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