रात्रि गश्त पर निकले सीएसपी का मोबाइल तोड़ा गाड़ी की चाबी छिनी

 6 से ज्यादा मेडिकल छात्र हिरासत में...

रात्रि गश्त पर निकले सीएसपी का मोबाइल तोड़ा गाड़ी की चाबी छिनी

  


ग्वालियर । Sep 14 2022 ।  रात्रि गश्त में निकले आइपीएस अधिकारी के साथ गजराराजा मेडिकल कालेज के छात्रों ने गत रात करीब दो बजे अभद्रता की। उनका मोबाइल छीन लिया और गाड़ी की चाबी निकालकर ले गए। इतना ही नहीं उनके गनमैन के साथ मारपीट भी की। बुधवार अल सुबह पुलिस और जूनियर डॉक्टर (जूडा) आपस में भिड़ गए। यह हालात जूडा द्वारा सीएसपी के साथ की गई अभद्रता के बाद बने। सड़क पर कार में बैठकर शराब पी रहे जूडा को जब सीएसपी ने रोका तो आरोपियों ने उनकी गाड़ी की चाबी छीनकर टायर पंचर कर दिया। इतना ही नहीं उनका मोबाइल भी छीनकर तोड़ दिया और उनके गनर से मारपीट भी की। सुबह पुलिस ने हॉस्टल पर दबिश देते हुए जूडा को खींचकर निकाला और थाने ले गई। पुलिस की कार्रवाई के दौरान कई छात्र हॉस्टल की छत पर भागते नजर आए।

इस मामले में एएसपी मृगाखी डेका ने बताया कि चिकित्सा छात्रों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में दो एफआइआर दर्ज की गई है। केस दर्ज होने से जूनियर डाक्टरों में खासी नाराजगी है। उधर मारपीट की घटना के बाद पुलिस अफसरों के नेतृत्व में फोर्स मेडिकल हास्टल में दाखिल हो गया और जांच की। यहां पुलिस को शराब की खाली बोतलों का ढेर मिला है। एएसपी शहर मृगांखी डेका ने बताया कि गत रात 2 बजे सीएसपी मुरार ऋषिकेश मीणा रात्रि गश्त पर निकले थे। मेडिकल कॉलेज रोड पर कुछ लड़के कार खड़ी करके शराब पी रहे थे। उन्होंने जब लड़कों को रोकने की कोशिश की तो वे कार लेकर रविशंकर हॉस्टल में घुस गए। वे जूनियर डॉक्टर थे। सीएसपी के हॉस्टल में गाड़ी लेकर दाखिल होते ही अन्य जूनियर डॉक्टर भी हॉस्टल से बाहर आ गए। उन्होंने सबसे पहले गाड़ी की चाबी छीनी और टायर पंचर कर दिया। इसके बाद सीएसपी से उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया।

सीएसपी को बचाने आए गनर को मेडिकल छात्र खींचकर अंदर ले गए और बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा। सीएसपी ने वायरलेस सेट पर सूचना दी। वायरलेस सेट पर सूचना मिलते ही एसएसपी अमित सांघी के साथ, एएसपी राजेश दंडोतिया, अभिनव चौकसे, सीएसपी ऋषिकेश मीणा, रत्नेश तोमर, विजय भदौरिया, मुनीष राजौरिया सहित दस थाना प्रभारी और भारी संख्या में फोर्स पहुंचा। मेडिकल कालेज रोड पुलिस छावनी बन गई। और उन्होंने गनर को बचाया। मौके पर मेडिकल कॉलेज के डीन और हॉस्टल वार्डन भी पहुंचे। पुलिस ने प्रबंधन से छीना मोबाइल और चाबी वापस करने और दोषी जूनियर डॉक्टरों को सुपुर्द करने को कहा। साथ ही कानून के अनुसार ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

सुबह 5 बजे तक भी जब प्रबंधन नहीं माना तो सीएसपी ने आला अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद मामला डीजीपी तक पहुंचा। कुछ ही देर में भारी संख्या में पुलिस बल हॉस्टल पहुंचा। पुलिस हॉस्टल कमरे से जूडा को खींचकर बाहर निकालने लगी। पुलिस के तेवर देखकर हॉस्टल में हंगामा मच गया। डंडा चलता देख जूडा छत की ओर भागे। वे बचने के लिए आसपास की छतों पर कूदने लगे। इस दौरान कुछ छात्र गिरकर घायल भी हुए। पुलिस ने भी भाग रहे छात्रों को दौड़कर पीटा। छीना हुआ मोबाइल और गाड़ी का चाबी सीवरेज चैंबर में मिली। गनर की शिकायत पर झांसी रोड थाने में बलवा और शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। 6 से ज्यादा मेडिकल छात्रों को हिरासत में लेकर उनकी कार भी जब्त कर ली गई है। एएसपी शहर मृगांखी ने बताया कि बार-बार दोषी जूडा से बाहर आने को लेकर अनाउंस किया गया, पर वे नहीं आए। हॉस्टल परिसर में गंभीर अपराध हुआ है, इसलिए जूडा को हॉस्टल से निकालकर थाने ले जाया गया है। जांच में जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे।इस मामले की शिकायत भोपाल तक पहुंची है। पुलिस मुख्यालय से पुलिस अफसरों से बात की गई है। वहीं संचालनालय चिकित्सा शिक्षा से इस संबंध में मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों से बात की गई है।

पुलिस ने जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ डकैती की धारा में केस दर्ज किया है। तनाव को देखते हुए मौके पर एसएसपी अमित सांघी, मेडिकल कॉलेज के डीन समेत करीब 100 से ज्यादा पुलिस जवान मौजूद रहे। छात्र गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भी मामले में चुप है, लेकिन सूत्रों की माने तो जूनियर डॉक्टर हड़ताल की तैयारी में जुट गए हैं। सूचना यह भी है कि अस्पताल में ड्यूटी कर रहे जूनियर डॉक्टर भी वहां से निकल चुके हैं। पुलिस ने गनर वाइस राम धाकड़ की शिकायत पर 10 से 12 डॉक्टरों पर धारा 147, 148, 149 के तहत बलवा और धारा 353 शासकीय कार्य में बाधा, 294, 506बी मारपीट और धमकाने समेत धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने लूट का मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस अधिकारी पहले मोबाइल और चाबी लूटने की बात कह रहे थे। जिसे बाद में रविशंकर हॉस्टल के सीवरेज चैंबर से बरामद किया था।

यह विवाद अभी और बढ़ सकता है। क्योंकि छात्रों पर एफआइआर दर्ज न करने की मांग डाक्टर कर रहे हैं। अगर एफआइआर होती है तो विवाद बढ़ सकता है।  एक एडवोकेट ने बताया कि इन मामलों में दोष सिद्ध होने पर 3 साल की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। ऐसे में यदि मेडिकल छात्रों पर दोष सिद्ध हो जाता है, तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। साथ ही उनका भविष्य खराब हो जाएगा। वे सरकारी नौकरी भी नहीं कर सकेंगे। इस बारे में अधीक्षक जेएएच डा. आरकेएस धाकड़ ने बताया कि सीनियर रेजिडेंट्स गाड़ी से जा रहा था। ऐसा कहना है वह शराब पिया था। उसे रोका तो वह नहीं रुका। वह अंडर ग्रेजुएट हास्टल में घुस गया तो सीएसपी भी यहां चले गए। यहां विवाद की स्थिति बनी। यहां चीफ वार्डन भी पहुंचे, मामले को निपटाने की कोशिश की, लेकिन मामला नहीं सुलझा। इसके बाद विवाद बढ़ गया और पुलिस ने छात्रों को पकड़ लिया। 

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