स्वस्थिति श्रेष्ठ है तो परिस्थिति का हम पर प्रभाव नहीं पड़ेगा : बी.के. छोटेलाल भाई

 आपसी मन भेद और मत भेद जिस दिन मिट जायेंगे उस दिन जीवन खुशहाल हो जाएगा…

स्वस्थिति श्रेष्ठ है तो परिस्थिति का हम पर प्रभाव नहीं पड़ेगा : बी.के. छोटेलाल भाई 

ग्वालियर l आज संसार में हर व्यक्ति कोई न कोई कारण से अशान्त है। अशांति का मूल कारण दिव्य गुणों की कमी और भाग दौड़ वाली जीवन ऐसे समय में स्वयं की स्थिति को हम मजबूत बनाए तो परिस्थिति का प्रभाव हम पर नही। पड़ेगा। और हम दूसरों को अच्छे मार्ग पर चलने के लिए भी प्रेरित कर सकेंगे इसलिए स्व की स्तिथि पर सबसे पहले काम करना ज़रूरी है । क्योंकि जहाँ स्व स्तिथि श्रेष्ठ है वहाँ परिस्थितयां हो या व्यक्ति हो वह स्वतः ही बदल जायेंगे, हमारे अनुकूल कार्य करने लग जायेंगे। 

अगर वर्तमान समय को  देखें तो कुछ भी अचानक हो जाता है, समय का आज कोई भरोसा नहीं है कब धंधे- आदि में नुकसान हो जाए, स्वास्थ कब ऊपर - नीचे हो जाए या कोई कर्म भोग का हिसाब किताब सामने आ जाए तो ऐसी सब बातें हमारे जीवन में आ सकती हैं परन्तु इन सबका प्रभाव हमारी स्तिथि पर कई बार पड़ जाता है और जिसके कारण हम हलचल में आ जाते। तो स्वयं को इन प्रभावों से मुक्त बनाने का प्रयास करना है कि कोई भी समस्या, परिस्थित या विघ्न मेरी स्व स्तिथि को हलचल में नहीं लाए। मेरे साथ कोई कैसा भी व्यव्हार करे लेकिन मुझे सबके प्रति शुभ भावना, दया भाव, स्नेह भाव रखना चाहिए ऐसा करने पर सामने वाला व्यक्ति भी बदल जायेगा। उक्त विचार ब्रह्माकुमार छोटेलाल भाई ने व्यक्त किये l 

इसी क्रम में ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि आज अधिक से अधिक लोगो की बीमारी का कारण है आपसी मन भेद और मत भेद जिस दिन एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या, घृणा का भाव समाप्त होकर दया के भाव में परिवर्तन हो जायेगा। उस दिन हर व्यक्ति का जीवन स्वस्थ और खुशहाल हो जाएगा।आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थींम के अंतर्गत प्रजापिता  ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा पुराना हाई कोर्ट लेन स्थित संगम भवन सेवाकेंद्र पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से माउंट आबू राजस्थान से ब्रह्माकुमार छोटेलाल भाई, लश्कर ग्वालियर से ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ब्रह्माकुमार डॉꓸगुरचरण भाई, ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित रहे। कार्यक्रम के शुभारंभ में बी.के प्रहलाद ने सभी का स्वागत किया।

Comments