सड़कों पर अतिक्रमण को लेकर महापौर मौन !

 

व्यापार मेला सहित तमाम हॉकर्स जोन के ग्राउंड वर्ष भर रहते हैं खाली फिर भी  हॉकर्स डटे हैं  सड़कों पर...

सड़कों पर अतिक्रमण को लेकर महापौर मौन ! 

अतिक्रमण मुक्त सड़कों को लेकर अब से लगभग दो वर्ष पूर्व ग्वालियर संभाग आयुक्त  और तत्कालीन नगर निगम प्रशासक आशीष सक्सेना ने मोतीमहल स्थित सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बाजारों-सड़कों पर हाथ ठेले, गुमटी वालों के अतिक्रमण पर प्रशासन की निष्क्रियता से जुड़े प्रश्न का गोलमाल जवाब  दिया था कि सरकार स्वयं ऐसे कमजोर वर्ग को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने के लिए हर तरह  की मदद कर रही है। बार- बार पूछे जाने पर भी नगर निगम प्रशासक ने सड़कों को  अतिक्रमणरहित करने के लिए कार्रवाई करने की बात नहीं की । 

अभी भी यही मानसिकता है ! ग्वालियर की  नवनिर्वाचित महापौर डॉ. शोभा सतीश सिकरवार ने भी अभी तक सड़क के किनारे अपना व्यवसाय चलाने वाले इन वेंडर्स को हटाने के लिए नगर निगम प्रशासन को कोई दिशा निर्देश नहीं दिए हैं। यही कारण है कि कटोराताल थीम रोड जिस पर करोड़ों रुपए के कार्य कराने के बाद भी फुटपाथ पर होकर से जमे हुए हैं,गांधी रोड जहां न्यायाधीशों, आईएएस, आईपीएस अफसरों के बंगले हैं, को छोड़ दें तो हर सड़क पर ये  रेहड़ी वाले बैठे हुए हैं। इस वजह से ट्रैफिक जाम होता है, प्रदूषण बढ़ रहा है। आमजन को अपने गंतव्य पर पहुंचने  के लिए घण्टों लग जाते हैं। कई बार तो एम्बुलेंस तक को दिक्कत आती है। अतिक्रमण मुक्त सड़कों को लेकर बार बार कार्यवाही के रूप में तोड़फोड़ तो होती है लेकिन अतिक्रमण की असली वज़ह को समाप्त नहीं किया जाता है l और ये असली वज़ह है सड़कों  पर पार्किंग एवं हॉकर्स जो सड़कों पर जमे हैं l 

न्यायालय कह चुका है कि सड़कें और फुटपाथ आमजन की आवाजाही के लिए हैं । चूंकि वोट बैंक का मामला है इसलिए हर दल सत्तापक्ष हो या विपक्ष सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराने के पक्ष में खड़ा होता दिखाई नही दिखाई देता है।  

महापौर ने  अपने चुनाव प्रचार अभियान में वादा किया था कि वह ग्वालियर शहर को साफ-सुथरा, सुंदर, समस्या रहित बनाएंगी, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होगा, परिस्थितियों को देखकर तो बिलकुल नहीं लगता। शहर में जहां देखो वहां सड़कों पर आवारा पशु घूमना, सड़क किनारे पर वाहन पार्किंग, हॉकर्स द्वारा सड़कों के किनारे कारोबार, इनमें से अधिकतर हॉकर्स तो शहर के भी नहीं लगते। ऐसा लगता है कि कहीं बाहर से आकर यहां जम गए हैं और अपना कारोबार कर रहे हैं। अपूर्व क्षेत्र को ही देख लीजिए कोरोना काल से पहले फुलवा क्षेत्र में एक भी ड्राई फ्रूट्स मेवा विक्रेता नहीं था लेकिन अब देखो तो कितने सारे फ़ड लगने लगे हैं। इसी तरह से महापौर के  घर के पास सनातन धर्म मंदिर रोड पर ही हर रोज शाम से  रात तक डोसे वाले , पावभाजी वालों का अतिक्रमण रहता है। दुकानदार-रेहड़ीवालों को मौका दिया जा सकता है। फूलबाग मैदान भी इन्हें उपलब्ध कराया जा सकता है। इसी प्रकार लक्ष्मण तलैया के होकर जोन में शिंदे की छावनी पालिका बाजार शब्द प्रताप आश्रम आदि के हॉकर्स को स्विफ्ट किया जा सकता है। महाराज बाड़े पर गोरखी  परिसर में भी हॉकरों-वेंडरों की बिठाया जा सकता है। इसी  प्रकार और भी खाली स्थान देखे जा सकते हैं। हॉकर जोन को  फिर से बसाने की जरूरत है।


Comments