प्रदेश में संभाग स्तर पर बनाए जायेंगे डिजिटल स्टूडियो : उच्च शिक्षा मंत्री

 

केआरजी महाविद्यालय में अकादमिक भवन निर्माण का भूमिपूजन सम्पन्न…

प्रदेश में संभाग स्तर पर बनाए जायेंगे डिजिटल स्टूडियो : उच्च शिक्षा मंत्री

ग्वालियर। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी 10 संभागीय मुख्यालय के महाविद्यालय में डिजिटल स्टूडियो बनाए जायेंगे, जिससे आवश्यकता होने पर छात्र-छात्राएँ ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के कमलाराजा महाविद्यालय के लिए डिजिटल स्टूडियो स्वीकृत किया गया है, जिसका निर्माण शीघ्र ही हो जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह बात शनिवार को यहाँ शासकीय कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के नवीन अकादमिक भवन के निर्माण एवं उन्नयनीकरण कार्य के भूमिपूजन तथा सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी कार्य के लोकार्पण के अवसर पर कही। वे कार्यक्रम के मुख्य अतिथ थे तथा मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के अध्यक्ष श्री आशुतोष तिवारी ने अध्यक्षता की। इस अवसर पर फार्म एवं बीज विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह यादव, बीजेपी के जिला महामंत्री श्री हरीश मेवाफरोश, अन्य जनप्रतिनिधि, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम आर कौशल, गृह निर्माण मण्डल के डिप्टी कमिश्नर श्री एस के सुमन, कार्यपरिषद के सदस्य, महाविद्यालय के प्राध्यापक तथा छात्राएँ उपस्थित थीं। 

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कोरोनाकाल में जब लॉकडाउन हो गया तो स्कूल-कॉलेज भी बंद हो गए। तभी ऑनलाइन पढ़ाई की आवश्यकता महसूस की गई। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के संभाग स्तर पर डिजिटल स्टूडियो निर्माण का निर्णय लिया है, ताकि किसी प्रकार की समस्या आने पर छात्र-छात्राएँ ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यदि प्रदेश के किसी महाविद्यालय में किसी विषय के प्राध्यापक की कमी रहती है तो उस महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई अन्य महाविद्यालय के विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर के द्वारा की जा सके। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सीमित संसाधनों के बाबजूद नई शिक्षा नीति के द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। 

मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है जिसने नई शिक्षा नीति के अनुसार कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनसीसी एवं एनएसएस भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, जिससे प्रदेश के छात्र-छात्राएँ खेल एवं सामाजिक क्षेत्र की गतिविधियों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्राएँ शिक्षा प्राप्त करके समाज एवं देश के प्रति उत्तरदायी हों तथा देश का नाम रोशन करें। उन्होंने इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में अनेक महिलाएँ ऐसी हुई हैं जिन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उनके कार्यों से छात्राओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय को जो सौगात मिली है उसका छात्राएँ अधिक से अधिक लाभ उठाएँ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के अध्यक्ष श्री आशुतोष तिवारी ने कहा कि प्रत्येक छात्रा को अच्छी शिक्षा मिले, शिक्षा प्राप्त करने के लिये अच्छा वातावरण मिले, इसलिए राज्य सरकार ने सभी महाविद्यालयों में मानकों के आधार पर विकास करने का संकल्प लिया है। 

उन्होंने कहा कि छात्राएँ अच्छी शिक्षा प्राप्त करके राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्हें एक ही परिसर में सभी विषयों की शिक्षा प्राप्त हो ऐसा मध्यप्रदेश सरकार का प्रयास है। उन्होंने निर्माण एजेंसी से कहा कि कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जाए जिससे छात्राओं को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम आर कौशल ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि एक करोड़ की लागत से सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी का निर्माण कराया गया है। इसमें विज्ञान के सभी विषयों की प्रयोगशाला एक ही स्थान पर बनाई गई हैं, जिसमें छात्राएँ प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगीं। इसी प्रकार 995 करोड़ की लागत से नवीन अकादमिक भवन का निर्माण किया जायेगा, जिसका आज भूमिपूजन हुआ है। गृह निर्माण मण्डल के डिप्टी कमिश्नर श्री एस के सुमन ने भवन निर्माण के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय की पत्रिका “प्रयास” का भी अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. हरीष अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।

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