भारतीय वायुसेना को मिलने जा रहा है ‘सफेद हंस’

वायुसेना की ताकत होगी दोगुनी…

भारतीय वायुसेना को मिलने जा रहा है ‘सफेद हंस’

नई दिल्ली। भारत और रूस की दोस्ती तो दुनियाभर में मशहूर है। इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि भारतीय सेनाओं के पास ज्यादातर हथियार रूसी है। इस दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) रूस के साथ एक बड़ी डील करने जा रही है। भारतीय रक्षा सूत्रों के अनुसार PMO की ओर से मंजूरी मिलने के बाउद IAF  को रूस का सबसे खतरनाक बॉम्बर जेट मिल सकता है। अभी तक हालांकि दोनों देशों की ओर से इस पर कुछ भी नहीं कहा गया है। भारत और रूस TU-160 (Tu 160 Black Jack Bomber)  के लिये डील कर रहे हैं। जिसे सफेद हंस भी कहा जाता है। यह जेट दुनिया का सबसे एडवांस्ड बॉम्बर जेट है और इसे हासिल करने का मतलब वायुसेना की ताकत को दोगुना बढ़ाना है। 

रूस के साथ S-400 और हाइपरसोनिक वेपन टेक्नोलॉजी की डील होने के बाद इस डील का होना दोनों देशों के मजबूत रिश्तों को भी बताता है। रूस का यह बॉम्बर जेट भारत को मिलेगा। इस बारे में पूर्व वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने अपने एक भाषण में इशारा दिया था। उन्होंने चाणक्य फाउंडेशन में एक भाषण देते हुए ओर इशारा किया और फिर इस बारे में पुष्टि की थी। यह बॉम्बर जेट एक हाइपारसोनिक ग्लाइड वेपन है। इसे टोपलोव TU-160 कहा जाता है। नाटो ने इसे ब्लैक जेक नाम दिया है। टीयू 160 ब्लैक जैक बॉम्बर को व्हाइट स्वान (White Swan) भी कहा जाता है।  यह एक सुपरसोनिक वैरिएबल स्वीप विंग हैवी स्ट्रैटेजिक बॉम्बर है।  इसका डिजाइन 1970 में सोवियत संघ के तुपोलेव डिजाइन ब्यूरो ने बनाया था।1987 से यह लगातार रूसी एयरोस्पेस फोर्स में तैनात है। टीयू-160 ब्लैक जैक बॉम्बर 40,026 फीट की ऊंचाई पर अधिकतम 2220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। यह एक बार में 12,300 किलोमीटर तक की ऊड़ान भर सकता है। 

मगर इसे 960 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ाया जाता है। यह विमान 177.6 फीट लंबा है। इसका विंगस्पैन 182.9 फीट है।  ऊंचाई 43 फीट है। खाली एयरक्राफ्ट का वजन 1.10 लाख किलोग्राम है। टेकऑफ के समय अधिकतम वजन 2.75 लाख किलोग्राम तक पहुंच जाता है। टीयू-160 ब्लैक जैक बॉम्बर को चार लोग मिलकर उड़ाते हैं। इसमें एक पायलट, एक को-पायलट, एक बमबॉर्डियर और चौथा डिफेंसिव सिस्टम ऑफिसर होते है। युद्ध के समय इसकी कॉम्बैट रेंज 2000 किलोमीटर होती है, जिसे सबसोनिक गति में बढ़ाकर 7300 किलोमीटर किया जा सकता है।  यह अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है।  आसमान में ऊपर चढ़ने की इसकी गति 14 हजार फीट प्रति मिनट है।

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