अग्निपथ में 4 साल सेना की नौकरी करना बकवास स्कीम है !
मनरेगा में 100 दिन गड्ढा खोदना रोजगार की गारंटी है...
अग्निपथ में 4 साल सेना की नौकरी करना बकवास स्कीम है !
अग्निवीर के नाम पर तमाशा क्यो, जो गलत है उसको सुधारने के लिए विरोध करिये। बिना पूर्ण जानकारी के जल्दबाजी में अंधविरोध करके अपनी ही व्यवस्था को घाव देना, अपनी ही संपत्ति फूकना कहा तक ठीक है।
अभी 2 दिन अग्निवीर स्कीम को आए हुए नहीं और सड़कों पर उग्र प्रदर्शन शुरू, इन प्रदर्शन करने वालों में 90% जानते भी नहीं की यह स्कीम है क्या...
भारत में लोग इतनी जल्दी गुमराह क्यों हो जाते हैं, जिन चीजों पर प्रदर्शन करना चाहिए उन पर कभी प्रदर्शन नहीं किया। जो ज्वलंत समस्याएं है उन पर मौन बैठे रहते है परंतु जिन चीजों में सुधार हो सकता है, बात हो सकती है , जिन चीजों के लिए थोड़ा समय लेकर सोचना चाहिए उन पर भी तुरंत सड़कों पर आकर ड्रामा करना कहां तक उचित है। कुछ हज़ार युवाओं के प्रदर्शन को पूरे देश का विरोध दिखाने में हमारी मीडिया माहिर है ही। ऐसी ही विरोध योजना के ज़रिए बेहतर कृषि कानूनों को रद्द कराया जा चुका है और फिर वही तमाशा शुरू हो चुका है। हो सकता है कुछ खामियां हो तो सुधारने के लिए अपना पक्ष रखो, अभी ये योजना लागू नही हुई है...
पहले ही जिहादियों ने हिंसा और उपद्रव करके देश को परेशान किया हुआ है पर उसके लिए कुछ नही बोलोगे, ऐसे कैसे देश चलेगा। शायद कुछ समाज विरोधी लोग ऐसा ही चाहते है इसलिए हिंसा कराने में लगे है वरना इस स्कीम में सुधार भी हो सकता है।
हम हर बात में सिर्फ नकारात्मक प्रभाव को सोचकर विरोध करते है और सकारात्मक पक्ष को छुपा जाते है... क्या गलत तरीको से जीवन मे सभी चीजों को करना अधिकतर लोगों की मानसिकता बन चुकी है।
अब जरा सोचिए... जो अग्निवीर बनेंगे अभी वो क्या कर रहे है, अगर उनके पास बेहतर कैरियर है तो टेंशन क्यो और अगर कुछ नही है तो अग्निवीर बनने में नुकशान क्या... ज्यादातर 18-19 साल में ग्रेजुएशन पूरी हो जाती है। 21 साल तक भर्ती हो सकते हो।
इस योजना से वो बच्चे भी एक सम्मानित बेहतर जीवन के हकदार हो सकते है जो पढ़ाई में अच्छे न होने के कारण नौकरी की परीक्षा पास नही कर पाते। क्षमता है तो उन 25% में जगह बनाओ जिनको परमानेंट किया जाएगा।
आज देश मे देशभक्त, अनुशाषित व विपत्ति में देश के काम आने वाली सामाजिक वर्क फ़ोर्स की कमी है। हालात आप देख ही रहे है, बाहर और अंदर से युद्ध कब छिड़ जाए कुछ नही पता।
आपका जीवन, नौकरी व परिवार तभी तक सुरक्षित है जब तक देश मे कानून व्यवस्था का राज है। जिहादियों द्वारा दिया जाने वाला जुम्मे का चुम्मा आप देख ही रहे हो।
जिनको लगता है 4 साल भर्ती वाले सीरियस होकर सेवा नही देगे तो वो सेना के ट्रेनिंग को जानते ही नही, 6 महीने की ट्रेनिंग आपके माइंडसेट को जीवन के हर क्षेत्र में देश सर्वोपरि रखने वाली बना देगी। वहां सीखा अनुसाशन व कर्तव्यनिष्ठा जीवन मे अपना रास्ता बनाने की विशेष क्षमता विकशित करेगी... 4 साल बाद मिले पैसे कैसा भी रोजगार करने का प्लेटफार्म तैयार करने में मदद करेंगे।
मतलब 4 साल बाद निकले युवा
ईमानदार व अनुशाषित होंगे,
देशभक्त होंगे
और किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार भी होंगे...
आगे चलकर गृहयुद्ध देश के अंदर से होगा जिसमे ये नौजवान देश की रक्षा घर से और गली से कर सकेंगे।
भारत एक नया इजराईल होगा। ये सामाजिक सुरक्षा का इन्वेस्टमेंट है, सुधार के लिए विरोध करिये न कि गुमराह होकर। सब जानते है कि जीवन मे हम जो भी बनते है उसमें हमारी समझ व निर्णय लेने की क्षमता, एक्शन लेने की हिम्मत व आंतरिक अनुशाशन का सबसे ज्यादा रोल होता है। एक अग्निवीर को यही सब तो दिया जा रहा है।
Comments
Post a Comment