इंदौर अग्निकांड में बड़ा खुलासा, आग लगी नहीं लगाई गई थी !

CCTV में कैद हुई घटना इमारत में ही खड़ी बाइक पर पेट्रोल डालकर लगाई थी आग…

इंदौर अग्निकांड में बड़ा खुलासा, आग लगी नहीं लगाई गई थी !

इंदौर की स्वर्ण बाग कॉलोनी की मल्टी में लगी आग के मुख्य आरोपी संजय उर्फ शुभम दीक्षित को पुलिस ने शनिवार रात लोहा मंडी इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस से बचने के चक्कर में उसके हाथ-पैर भी टूट गए। जिसके बाद पुलिस उसे घायल हालत में देर रात एमवाय अस्पताल लेकर पहुंची। आरोपी पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित था। युवक ने शुक्रवार देर रात एकतरफा प्यार के चलते मल्टी में रहने वाली युवती की स्कूटी में आग लगाई थी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई। ये खुलासा मकान के नजदीक लगे CCTV फुटेज से हुआ। फुटेज में आरोपी वाहन में आग लगाता दिखा। युवती से उसकी कहासुनी हुई थी। इसके बाद आरोपी ने उसी युवती के दोपहिया वाहन में आग लगाने की साजिश रची। यही आग पूरी बिल्डिंग में फैल गई। इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि आग लगाने वाले आरोपी का नाम संजय उर्फ शुभम दीक्षित है, जो कि झांसी का रहने वाला है। 

आरोपी सालभर पहले ही इंदौर आया था और छह महीने पहले तक इसी बिल्डिंग में किराएदार के रूप में रहा था। पुलिस ने बताया कि यह मामला एकतरफा प्रेम संबंध का है। आरोपी इसी बिल्डिंग में रहने वाली एक युवती से प्यार करता है। युवती की शादी कहीं और तय हो गई थी। लेकिन वो उसी से शादी करना चाहता था। इसी बात लेकर दोनों में विवाद हुआ था। युवती से भी पूछताछ की गई है। वह फिलहाल खतरे से बाहर है। पुलिस के मुताबिक आरोपी और युवती के बीच दस हजार रुपए सहित अन्य मामलों में विवाद भी हुआ था। इसके बाद संजय ने छह महीने पहले घर छोड़ दिया था। उसने इंदौर में कई जगहों पर नौकरी की है। पुलिस के मुताबिक संजय के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाएगा। उससे पूछताछ में और भी खुलासे होंगे। 

CCTV फुटेज में शुक्रवार रात 2.54 बजे सफेद शर्ट पहने एक युवक आता दिखाई दिया, जिसने पार्किंग में खड़े एक वाहन से पेट्रोल निकाला और वहीं आग लगा दी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है, लेकिन क्राइम ब्रांच और अन्य टीम को आरोपी को पकड़ने के लिए लगा दिया गया है। आग लगाने के बाद यह लड़का फुटेज में जाता हुआ भी दिखाई दिया। कुछ देर बाद लड़का फिर से इसी इमारत में आता है। वह इमारत में लगे CCTV कैमरे और बिजली के मीटर के साथ छेड़छाड़ करता दिखाई दे रहा है। इसके बाद वह यहां से फिर से रवाना हो जाता है। हालांकि स्वर्ण बाग की जिस बिल्डिंग में आग लगी है उसके CCTV पूरी तरह से जल गए हैं। पुलिस ने इस क्षेत्र से तीन घरों के CCTV फुटेज व DVR बरामद किए हैं। इंदौर में शुक्रवार देर रात दो मंजिला इमारत में आग लग गई। इस अग्निकांड में 7 लोगों की मौत हो गई।


 मृतकों में 2 महिलाएं और 5 पुरुष है। कुछ जिंदा जले और कुछ का दम घुट गया। यह बिल्डिंग घनी आबादी के बीच है। लोगों का कहना है कि पार्किंग में भी आग थी। लोगों को भागने की जगह नहीं मिली तो गैलरी से कूदकर जान बचाई। इन्हें चोटें आई हैं और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुरुआती जांच में बिजली जाने की वजह से आग लगने का पता चला था। रात को बिजली गुल थी। जब बिजली आई तो MCB में आग लग गई। आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप ले लिया। पुलिस के मुताबिक, बचाव दल ने 9 लोगों को इस अग्निकांड से रेस्क्यू भी किया है। 12 लोगों को अस्पताल ले जाया गया था। इनमें से 7 की मौत हो चुकी है। रहवासियों का कहना है कि फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए। इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद पहुंची। आसपास के रहवासियों ने कुछ लोगों को रस्सी के सहारे बिल्डिंग से नीचे उतारा।

 मृतकों में ईश्वर सिंह सिसौदिया (45), नीतू सिसौदिया (45), आशीष (30), गौरव (38) और आकांक्षा अग्रवाल (25) शामिल हैं। देवास की रहने वाली आकांक्षा ने 15 दिन पहले ही अपना जन्मदिन मनाया था। जश्न के फोटो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए थे। आकांक्षा के माता-पिता नहीं हैं। वह यहां लिव इन में रह रही थी। मरने वालों में 40 और 45 वर्ष के दो लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। मृतकों में एक दंपती भी शामिल हैं। ईश्वर सिंह सिसोदिया और नीतू की दम घुटने से मौत हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। घटना के वक्त बिल्डिंग में 15-16 लोग थे। बिल्डिंग के मालिक के मोहल्ले में 4 मकान हैं, जो किराए से दिए हैं। लोग कह रहे हैं कि कहीं भी सेफ्टी नहीं है। उसके खुद के मकान पर तो मोबाइल कंपनी का टावर लगा है। 

अग्निकांड वाली बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला ने बताया कि हालात बहुत भयानक थे। आग का पता चला तो डायल 100 और फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए। इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद फायर पहुंची। विकराल रूप ले चुकी आग पर हम रहवासियों ने जैसे-तैसे काबू पाया। आग बुझी तो देखा लोगों की जलने से मौत हो गई थी। फायर ब्रिगेड समय पर आती तो शायद इनकी जान बच जाती। कुछ लोग दम घुटने के कारण मर चुके थे। कई लोगों ने बिल्डिंग की गैलरी से कूदकर जान बचाई। इनमें से 5 बुरी तरह घायल हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने एमवाय हॉस्पिटल जाकर घायलों को देखा। कलेक्टर ने की 7 लोगों के मौत की पुष्टि की है। कलेक्टर बोले कॉलोनी अवैध है। अवैध निर्माण की होगी जांच। घायलों को भी मिलेगा मुआवजा दिया जाएगा। घायलों से मिलने जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी अस्पताल पहुंचे।

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