इतने पर्यटक पिछले दस साल में कभी नहीं आए…
धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में टूट रहा है पर्यटकों का रिकॉर्ड
भारतीय कश्मीर में इस साल इतने पर्यटक पहुंच रहे हैं जितने पिछले दस साल में कभी नहीं आए। जानकारों का कहना है कि महामारी से राहत और सुरक्षा स्थिति में सुधार का असर नजर आ रहा है। यह सुनिश्चित है कि इस साल दस साल का रिकॉर्ड टूटने वाला है। जनवरी से अब तक तीन लाख 40 हजार पर्यटक कश्मीर की सैर कर चुके हैं और आने वाली गर्मियों में इनके और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। धारा 370 हटने के बाद 2022 में कश्मीर के हालात अलग नजर आते हैं। जम्मू कश्मीर में पर्यटन सचिव सरमद हफीज कहते हैं, "इस साल हम सबसे ज्यादा पर्यटकों की आमद देख रहे हैं। सिर्फ मार्च में 1.8 लाख टूरिस्ट आए हैं। अप्रैल में यह संख्या और बढ़ सकती है।” फूल और अन्य कई तरह की खेती के साथ-साथ पर्यटन भी कश्मीर की अर्थव्यवस्था का आधार है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान लगभग 7 फीसदी है।
‘धरती का स्वर्ग' और ‘पूर्व का स्विट्जरलैंड' जैसे विशेषणों से सुसज्जित यह जगह मुगलों से लेकर अंग्रेजों और अभी यह पर्यटन करने वालो की नम्बर एक पसंदीदा जगह रही है/है। श्रीनगर की डल झील दुनियाभर में मशहूर है और यहां के शिकारों की सैर के लिए ही बड़ी संख्या में लोग आते हैं। पास ही एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है और ग्लेशियर व पहाड़ियां भी लोगों को आकर्षित करती हैं। सचिव पर्यटन कहते हैं कि पर्यटन की संभावना रखने वाले अन्य कई इलाकों की पहचान की गई है और उनका प्रचार किया जा रहा है। वह कहते हैं कि देश के प्रमुख शहरों में विशेष प्रचार अभियान और नई जगहों के खुलने से भी पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। शिकारा चलाने वाले 54 बताते हैं कि महामारी के दौरान उनके पास कोई काम नहीं था।
वह कहते हैं, "अब वे रोजाना 1000-1500 रुपये कमा रहै हैं। हमें आगे भी बढ़िया सीजन रहने की उम्मीद है।” हाउसबोट और होटल मालिकों का कहना है कि अगले दो-तीन हफ्ते के लिए वे पूरी तरह बुक हो चुके हैं और इस आय से उन्हें पिछले कर्ज चुकाने में मदद मिल रही है। 75 वर्षीय टूअर ऑपरेटर गुलाम हसन कहते हैं कि सालों के अंतर के बाद होटल वाले, शिकारे वाले, टैक्सी ड्राइवर आदि अच्छा बिजनस कर रहे हैं। हसन बताते हैं, "होटल के कमरों का किराया 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है और खूब बुकिंग हो रही हैं।” भीड़ का आलम यह है कि टूअर ऑपरेटर कहते हैं कि उन्हें अपने ग्राहकों के लिए होटल नहीं मिल रहे हैं क्योंकि तमाम होटल भरे हुए हैं।
साथ ही, हवाई किराये भी बढ़ गए हैं। दिल्ली स्थित टूअर ऑपरेटर और भारतीय टूअर ऑपरेटर संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रणब सरकार कहते हैं, "अच्छी जगहों पर तो कमरे मिल ही नहीं रहे हैं।” गुजरात, दिल्ली, मुंबई और अन्य समृद्ध इलाकों से टूरिस्ट अब यूरोप को छोड़कर कश्मीर की ओर जा रहे हैं क्योंकि कोविड महामारी के कारण विदेशों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। मैस्कट ट्रैवल्स के मैनेजिंग पार्टनर मोहम्मद यासीन तूमान कहते हैं, "हमारे पास महंगी लग्जरी जगहों की कमी है। कमर्शल ट्रांसपोर्ट सेवा भी उतनी अच्छी नहीं है, जो एक बड़ी चुनौती है।” लेकिन संख्या को देखकर लगता नहीं कि पर्यटक इन बातों की परवाह कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया से आए नवदीप सिंह और उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर कश्मीर घूम रहे हैं। नवदीप बताते हैं, "मैं पूरा यूरोप घूम चुका हूं लेकिन यह जगह ज्यादा सुंदर है। लोग बहुत गर्मजोशी से मिलते हैं और दोस्ताना हैं। हमें तो कोई दिक्कत नहीं हुई।
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