G News 24 : सीजफायर के बाद सिंधु जल समझौते और बंद अटारी-वाघा बॉर्डर का क्या होगा !

 10 सवालों के 10 जबाव से समझिए पूरी स्टोरी ...

सीजफायर के बाद सिंधु जल समझौते और बंद अटारी-वाघा बॉर्डर का क्या होगा ! 

नई दिल्ली।  भारत-पाकिस्तान के बीच लागू हुए संघर्ष विराम के बाद कई अहम सवाल खड़े हो रहे हैं कि, क्या पाकिस्तान पर भरोसा किया जा सकता है? क्या सीमा पर जारी तनाव खत्म होंगे? कैसे दोनों देश संघर्ष विराम के लिए राजी हुए और दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष का क्या भविष्य होगा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते चरम पर है। भारत ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सात मई की रात में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंक के नौ ठिकानों को ध्वस्त किया गया। इसके साथ ही भारत के इस ऑपरेशन में कई कुख्यात आतंकी भी ढेर हुए। जिसके बाद से पाकिस्तान ने हर दिन सीमा पर युद्धविराम का उल्लंघन किया और सीमावर्ती जिलों में गोलीबारी, ड्रोन, मिसाइल से हमले किए गए। जिसका भारतीय सेना की तरफ से माकूल जवाब दिया गया। इस दौरान देखते-देखते दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन गई।

पाकिस्तान लगातार तरह-तरह के मिसाइल-ड्रोन के जरिए भारत के अहम रक्षा ठिकानों के साथ-साथ नागरिक इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे भारत ने अपने उन्नत वायु रक्षा प्रणाली से नाकाम कर दिया। भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान के आठ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए उसे भारी नुकसान पहुंचाया। भारत की ताबड़तोड़ कार्रवाई से पाकिस्तान के रक्षा प्रणाली की कमर टूट गई, जिससे घबराए पाकिस्तान ने भारत के सामने संघर्ष विराम को प्रस्ताव रखा। दोनों देशों के बीच करी 87 घंटे बाद संघर्ष विराम लागू हो गया, लेकिन इसके चार घंटे बाद ही पाकिस्तान ने अपनी कायराना हरकत शुरू कर दी। भारत-पाकिस्तान के बीच लागू हुए संघर्ष विराम के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं...

भारत का बयान

भारत पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले संघर्ष पर 10 मई की शाम पांच बजे विराम लगा, जब दोनों देशों ने आपसी बातचीत के बाद संघर्षविराम लागू करने का फैसला किया। इसके बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 'पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने आज दोपहर 3:35 बजे भारतीय डीजीएमओ को फोन किया। उनके बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष भारतीय मानक समयानुसार 1700 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे। आज दोनों पक्षों को इस सहमति को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सैन्य संचालन महानिदेशक 12 मई को 1200 बजे फिर से बात करेंगे।'

वहीं संघर्ष विराम की पुष्टि करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि भारत और पाकिस्तान के बीच आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी है। भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लगातार दृढ़ और अडिग रुख अपनाया है। वह ऐसा करना जारी रखेगा।

पाकिस्तान की गीदड़भभकी 

संघर्ष विराम को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक्स ने लिखा कि पाकिस्तान और भारत ने तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम पर सहमति जताई है। पाकिस्तान ने हमेशा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है!

जबकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ संघर्षविराम समझौते के बाद देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्किये का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि तुर्किये ने पाकिस्तान का साथ दिया, जिसके लिए वे दिल से शुक्रगुजार हैं। उन्होंने चीन को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने शनिवार रात 11:30 बजे झूठे दावे करते हुए भारत को गीदड़भभकी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने हमला करके गलती की है, उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा।

क्या भरोसे के लायक है आतंक का आका पाकिस्तान !

86 घंटे 55 मिनट बाद लागू संघर्ष विराम को पाकिस्तान ने मात्र चार घंटे बाद ही तोड़ दिया। दोनों देशों ने शाम पांच बजे संघर्ष विराम की घोषणा की और इसके चार घंटे बाद रात नौ बजे के करीब फिर पाकिस्तान ने कायराना हरकत को अंजाम देते हुए सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन के जरिए घुसपैठ करने की कोशिश की। जानकारी के मुताबिक, घोषणा के कुछ ही घंटों बाद से सीमा पर धमाकों की खबरें आईं। पंजाब, गुजरात, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन देखे जाने की भी खबरें मिलीं। भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया है और सेना ने इसका माकूल जवाब दिया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री को रात 11 बजे फिर से प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी देनी पड़ी। हालांकि, भारत ने फिलहाल पाकिस्तान के भीतर किसी खास लक्ष्य पर कोई नया हमला नहीं किया है, ताकि हालात और न बिगड़ें। जिससे एक बार फिर से पाकिस्तान पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है।

पाकिस्तान के दुस्साहस का भारत क्या देगा जवाब !

भारत ने संघर्ष विराम लागू होने के बाद स्पष्ट किया था कि, भारतीय सेनाएं संघर्ष विराम सहमति का पालन करेंगी, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना पूरी तरह से तैयार, सतर्क और मातृभूमि की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि सेना ने सीमा पर कड़ी नजर रखी हुई है और उसे किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए ठोस और सख्त कदम उठाने के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, शस्त्र बल स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर सीमा उल्लंघन की किसी भी घटना की पुनरावृत्ति होने पर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या सीमा से वापस लौटेंगी भारतीय सेनाएं !

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संघर्ष विराम की घोषणा के बाद कहा कि फिलहाल दोनों पक्ष भारतीय मानक समयानुसार पांच बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर दी है। लेकिन इस मुद्दे पर दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशक 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से बातचीत करेंगे। वहीं रक्षा मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में बताया गया कि भारतीय सशस्त्र बल पूरी तरह से तैयार, सतर्क और भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जिसका साफ मतलब है कि अभी सेनाएं सीमाओं पर अलर्ट मोड में रहेंगी और 12 मई को होने वाली बातचीत के बाद ही सेनाओं के सीमा से लौटने पर फैसला होगा।

सिंधु जल समझौते का क्या होगा !

शनिवार शाम पांच बजे संघर्ष विराम की घोषणा के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि, दोनों देशों के बीच सिर्फ सीजफायर के मुद्दे पर ही चर्चा हुई है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है पाकिस्तान पर लगाए गए सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे। इसमें सिंधु जल संधि, अटारी और वाघा बॉर्डर बंद होना, पाकिस्तानियों का वीजा रद्द करना, बंदरगाहों एक-दूसरे के साथ आयात-निर्यात, जमीनी पत्र सेवा समेत सभी प्रतिबंध पाकिस्तान पर लागू रहेंगे।

अटारी-वाघा बॉर्डर खोल दिए जाएंगे !

दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को देखते हुए फिलहाल अटारी-वाघा बॉर्डर बंद ही रखे जाएंगे। बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान पर कई कड़ी प्रतिबंध लगाए थे। जिसमें अटारी और वाघा बॉर्डर भी बंद करना शामिल है। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान से आए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस उनके देश लौटने का निर्देश जारी किया था। इसमें सभी वर्ग के वीजाधारक शामिल थे।

क्या आईपीएल फिर से शुरू होगा !

भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष की स्थिति और सुरक्षा कारणों से इंडियन प्रीमियर लीग के 2025 संस्करण को बीच में रोकना पड़ा था। बता दें कि, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आठ मई को दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के बीच खेला जा रहा मुकाबला सुरक्षा करणों से बीच में ही रोक दिया गया था। जिसके अगले दिन इंडियन प्रीमियर लीग के अधिकारियों ने घोषणा की थी कि टूर्नामेंट के आगामी मैच एक सप्ताह के अतंराल के बाद खेले जाएंगे। वहीं 10 मई को दोनों देशों के बीच लागू हुए संघर्ष विराम के बाद इंडियन प्रीमियर लीग के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि 11 मई रविवार यानी आज आईपीएल के फिर शुरू करने को लेकर अहम फैसला लिया जाएगा।

संघर्षविराम के लिए क्यों तैयार हुए दोनों देश !

भारत हमेशा से शांति की बात करता रहा है और संघर्ष के साथ-साथ संभावित युद्ध को भी टालना चाहता है। भारत का यही रुख पाकिस्तान के साथ जारी संघर्ष के दौरान भी देखने को मिला है। जहां भारत ने किसी भी तरह दूसरे पक्ष को उकसाने की कोशिश या कार्रवाई नहीं की। इसी का नतीजा ये था कि भारत ने पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे तमाम हमलों को रोका और जवाबी कार्रवाई में उन्हीं जगहों को निशाना बनाया जहां से हमले किए जा रहे थे। इसके बाद जब पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम की अपील की गई तो भारत ने अपनी शर्तें रखते हुए संघर्ष विराम को लागू करने पर सहमति जताई। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से इस संघर्ष विराम का श्रेय लेने की पूरी कोशिश की गई है।

पाकिस्तान को भारी नुकसान का दावा

भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने बताया कि पाकिस्तान को इस संघर्ष में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पाकिस्तान के कई बड़े एयरबेस गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उसकी वायु रक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो गई है कि अब वह अपने आकाश की रक्षा नहीं कर पा रहा। भारतीय वायुसेना ने रफीकी, मुरिद, चकला, रहीम यार खान, सुक्कुर, चूनियां, पस्सरूर और सियालकोट में मौजूद पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को एयर-लॉन्च हथियारों से निशाना बनाया है।

भारत के खिलाफ कैसे अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान !

भारत की तरफ से हमेशा आतंकवाद और सीमा पार आतंकी हमलों को विरोध किया गया है। जिसका दुनिया के तमाम देशों ने समर्थन भी किया है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक रणनीति अपनाते हुए पाकिस्तान के आतंकवाद के समर्थन की पोल खोल थी और अपने लिए समर्थन भी जुटाया था। वहीं जब दोनों देश संघर्ष की स्थिति में पहुंच गए तो दुनिया भर तमाम देशों के साथ-साथ इस्लामिक देशों (तुर्किये और अजरबैजान को छोड़कर) ने भी भारत का ही समर्थन किया। भारत के साथ तनाव को लेकर दुनिया के पचास मुस्लिम देशों में से सिर्फ ये दो देश ही हैं जो शुरुआत से पाकिस्तान के साथ खड़े रहे। जिससे भारत के सामने पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया। 

भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अब आगे क्या !

10 मई की शाम पांच बजे संघर्ष विराम लागू होने कुछ घंटे पहले ही भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके अनुसार, भारत की जमीन पर किसी तरह का आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और भारत सरकार उसका उसी तरीके से जवाब देगा। इससे ये साफ हो गया कि, भविष्य में किसी तरह के आतंकी हमले पर भारत तुरंत कार्रवाई करेगा और किसी भी देशों को किसी तरह का स्पष्टीकरण देने के लिए बाध्य नहीं होगा।

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