आदत बुरी सुधार लो सो हो गया भजन : संत रमेशभाई

सांईधाम में श्रीमद्भागवत कथा का चौथा दिन…

आदत बुरी सुधार लो सो हो गया भजन : संत रमेशभाई

ग्वालियर। सांई भक्त मंडल ट्रस्ट द्वारा फूलबाग मेें आयोजित हो रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सांईधाम गोपीगीत के श्लोकों की दिव्य ध्वनि से तरंगित हो उठा। संत रमेशभाई ओझा ने श्रोताओं से कथा के दौरान बीड़ी,सिगरेट, गुटखा जैसे व्यसनों से मुक्ति का संकल्प लेने का आह्वान किया। जब उन्होंने व्यासपीठ से भजन आदत बुरी सुधार लो, सो हो गया भजन...को स्वर दिया, तो श्रद्धालु श्रोता भी सुर में सुर मिलाकर उनकी बात को शिरोधार्य करने का संकेत देते नजर आए। उन्होंने अपनी ही कथा का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि कथा का मुख्य यजमान हर 15 मिनट बाद उठकर पांडाल से बाहर जाता था।

मैंने व्यासपीठ से उनसे पूछा कि ऐसा क्यों करते हो भाई, तो वो तो नहीं बोले पत्नी ने बताया कि बीड़ी पीने जाते हैं। तब मैंने उन्हें व्यासपीठ से ही कहा कि साढ़े तीन इंच की बीड़ी इतने भारी भरकम व्यक्ति को हर 15 मिनट मेें उठा ले जाती है,ये ठीक है क्या। इसके बाद कथा के समापन तक उन्होंने बीड़ी नहीं पी। कथा समापन के बाद हमसे बोले जब पांच दिन दिन में इसके बिना रह लिया तो हमेशा के लिए क्यों नहीं रह सकता हूं और उसके बाद उन्होंने बीड़ी के व्यसन से सदा के लिए मुक्ति पा ली।

संतश्री ने कहा कि कथा स्वदोषों के दर्शन के लिए है। कथा में दिखावे के लिए आए। कथा सुनते वक्त अपने अंतर्मन में झांके और देखे कि कोई दोष तो नहीं हैं और अगर है तो उसे दूर करने का संकल्प लें। आपके भीतर भी यदि कोई व्यसन है तो कथा में संकल्प लेकर बुरी आदत छोड़ दो,लेकिन हम दूसरों के दोष तो दूर करना चाहते हैं लेकिन खुद के दोषों को देखने की चेष्टा नहीं करते हैं। हमें अपनी कमजोरी को ढूंढकर दूर करने की कोशिश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन घरों मेें गीता, रामायण, श्रीमद्भागवत जैसे ग्रंथ मौजूद रहते हैं, वो घर मंदिर हो जाता है, इसलिए हमें इन ग्रंथों को अपने घर में जरूर रखना चाहिए। ये हमारी आगामी पीढ़ी को भी संस्कार देंगे, साथ ही बुद्धि के साथ शुद्धि, सुचिता, और विवेक जाग्रत करेंगे। 

इन ग्रंथों में प्रभु का कथामृत है और गोपीगीत में कहा है कि तुमसे तुम्हारी कथा श्रेष्ठ है। संत रमेशभाई ने कहा कि भगवान को यदि प्रसन्न करना है तो अच्छे और सच्चे इंसान बनकर ईश्वर से प्रेम करो। भगवान के प्रति प्रेम का नाम ही भक्ति है,साथ ही उन्होंने आगाह किया कि कथा पाडांल में मर्यादा का पालन करें। खासकर सिर्फ फोटो खिंचाने के लिए व्यासपीठ के मंच पर चढ़े। यह ध्यान रहे कि बिना नहाकर पूर्ण शुद्धता होने पर ही व्यासपीठ को नमन करने आएं। मंदिर में जिसप्रकार कुछ भी नहीं खाते,इसी प्रकार कथा पांडाल में भी मर्यादा रहना चाहिए। तीर्थ में दर्शन और दान के साथ सत्संग भी करना चाहिए।

रामचरित मानस की चौपाई बड़े भाग मानस तन पावा चौपाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बड़े ही भाग्य से हमें मानव शरीर मिला है। देवता भी इसे प्राप्त करने के लिए तरसते हैं। नेताओं पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य जरूर पहले वानर रहा होगा। चुनाव आते ही कैसी गुलाटी मारता है इस पार्टी से इस पार्टी में कूद लगाता है, क्योंकि वो विचार की नहीं स्वार्थ की राजनीति करते हैं .मनुष्य का ह्रदय जब तक चंचल रहेगा वो वानर की तरह उछल कूद करता रहेगा।

जूलियन हक्सले के मुताबिक वानर से मनुष्य बनने के बाद भी विकास की प्रक्रिया सतत जारी है। तो यह नर से नारायण बनने की प्रक्रिया है। कथा के आश्रम में जाने मात्र से व्यक्ति पूज्य हो जाता है, इसलिए विषय रूपी अंधकूप में जीवन को व्यर्थ गंवाने से अच्छा है मन को प्रभु में लगा लो। हम पानी बिजली व्यर्थ होने की चिंता करते हैं लेकिन जीवन व्यर्थ हो रहा है, इसकी चिंता कौन करेगा?  बीती हुई आयु वापस नहीं सकती है, इसलिए कथा से जुड़े। कथा उपदेश नहीं उपचार है। कथा जीवन का शौक नहीं अनिवार्यता है।

इस मौके पर पूर्व मंत्री एवं कथा के मुख्यमार्गदर्शक अनूप मिश्रा ने अतिथियों को दुपट्टा पहनाकर स्वागत सम्मान किया। इस मौके पर जडेरुआ सरकार संत रमेशलाल पूर्वमंत्री रुस्तम सिंह इंदौर विधायत जीतू जिराती, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर, पूर्व.डीआईडी हरिसिंह यादव, भाजपा महानगर के सहप्रभारी अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक रामबरन सिंह गुर्जर, भिंड जिलाध्यक्ष संजीव कांकर, जयसिंह कुशवाह, केडी सोनकिया, संजय शर्मा, कमल शर्मा, ब्रजेश राजपूत सहित हजारों श्रोताओं ने कथा श्रवण किया।

आज होगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव...

सांईभक्त मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष योगेश शुक्ला ने बताया कि 13 मार्च रविवार को कथा पांडाल में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा होगी। इस मौके पर समूचे पांडाल को जन्मोत्सव की थीम पर सजाया जाएगा। यजमान राजीव माहेश्वरी ने इस मौके पर कृष्ण जन्म पर आधारित सजीव झांकियों का संयोजन किया है। माखन मिश्री का भोग लगाकर वितरण किया जाएगा।

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