दीर्घकालिक पेयजल योजना से शहर में 2050 तक पेयजल की आपूर्ति होगी : श्री सिंधिया

स्वच्छता शहर विकास से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों की हुई समीक्षा…

दीर्घकालिक पेयजल योजना से शहर में 2050 तक पेयजल की आपूर्ति होगी : श्री सिंधिया

 

ग्वालियर। सम्पूर्ण ग्वालियर शहर की पेयजल समस्या के स्थायी निदान की दिशा में अहम निर्णय हुआ है। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में शहर की दीर्घकालिक पेयजल आपूर्ति योजना को जनप्रतिनिधियों की सहमति से अंतिम रूप दिया गया। दीर्घकालिक पेयजल योजना में चंबल प्रोजेक्ट, कोतवाल डैम, अपर ककैटोककैटो - पहसारी जलाशय और तिघरा से  ग्वालियर शहर को अगले 28 वर्षों तक हर साल लगभग 464 एमएलडी पानी की निर्वाध आपूर्ति का प्रावधान किया गया है। लगभग 1100 करोड़ रूपए की लागत से यह पेयजल आपूर्ति योजना मूर्तरूप लेगी। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि दीर्घकालिक पेयजल योजना से ग्वालियर शहर के लिए वर्ष 2050 तक पेयजल आपूर्ति हो सकेगी।

शनिवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में शहर की दीर्घकालिक पेयजल योजना, ग्रामीण क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत नल से घर-घर पानी एवं स्वच्छता अभियान सहित शहर विकास से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, लघु उद्योग विकास निगम की अध्यक्ष इमरती देवी, बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल,  जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष मनीषा यादव, पूर्व विधायकगण रमेश अग्रवाल, रामबरन सिंह गुर्जर मदन कुशवाह, भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण कौशल शर्मा मोहन सिंह राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण माजूद थे।

साथ ही पुलिस महानिरीक्षक अनिल शर्मा, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया की अध्यक्षा में आयोजित हुई बैठक में जानकारी दी गई कि शहर की दीर्घकालिक पेयजल योजना में चंबल प्रोजेक्ट के जरिए 90 एमएलडी, कोतवाल डैम से 60 एमएलडी और अपर ककैटो - ककैटोपहसारी जलाशयों से पाइप लाईन के जरिए 120 एमएलडी पानी तिघरा जलाशय के माध्यम से शहर को उपलब्ध होगा। वर्तमान में हर साल कम से कम 192 एमएलडी पानी की उपलब्धता रहती है। इसके अलावा रीसाइकिलिंग के जरिए भी 40 एमएलडी पानी शहर को उपलब्ध कराने का प्रावधान दीर्घकालीन पेयजल योजना में किया गया है।

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