नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के 18वे विशेष वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ

ग्वालियर मे संपन्न होने जा रहा है तीन दिवसीय आयोजन…

नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के 18वे विशेष वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ

 

ग्वालियर। यूनियन के अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्र की अध्यक्षता में ग्वालियर मे संपन्न होने जा रहे इस आयोजन में उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज झांसी आगरा मुख्यालय मंडल से बड़ी संख्या में यूनियन के पदाधिकारी,सक्रिय कार्यकर्ता, और प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। तीन दिवसीय इस आयोजन में रेल मंत्रालय एवं भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों पर चर्चा होगी। यूनियन के महामंत्री आर.डी. यादव ने बताया की कोरोना काल के चलते यह विशेष अधिवेशन अपने निर्धारित समय पर होकर आज विलंब से ऐसे समय आरंभ होने जा रहा है जब भारत सरकार मुद्रीकरण के नाम पर रेलवे का निजीकरण करने के लिए रेलवे स्टेशनों, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, रेलवे स्टेडियम, रेलवे  ट्रैकस, पैसेंजर ट्रेनें, माल गोदाम, कोंकण रेलवे, रेल कॉलोनियों आदि सहित तमाम रेलवे संपत्तियों को बेचने बेचने के लिए आतुर दिख रही है। उन्होंने बताया कि 150 से ज्यादा ट्रेनों को प्राइवेट ऑपरेटरों से चलवाया जा रहा है।

उत्पादन इकाइयों एवं प्रिंटिंग प्रेसों को बंद करने की कोशिश केवल सरकार द्वारा लगातार इसलिए की जा रही है जिससे कि उद्योगपतियों और पूंजी पतियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। आज रेलवे में 3:30 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं लेकिन उन पदों को भरने के मामले में सरकार की योजनाएं केवल ढाक के तीन पात की कहावत की तरह चरितार्थ हो रही है उन्होंने कहा कि रेल कर्मचारियों से निर्धारित अवधि से ज्यादा घंटे कार्य कराया जा रहा है। लोको पायलटों से संरक्षा के विपरीत गार्ड का काम लेना, रनिंग कर्मचारियों के लाइन बॉक्स को समाप्त करना, पुरानी पेंशन को बाहल ना करना। 43600 से अधिक पेंशन पाने वाले कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता का लाभ ना देना। वर्दी भत्ता जोखिम भत्ता आदि सहित तमाम मांगों को नकारना जिससे रेल कर्मचारियों का हित प्रभावित हो रहा है।

आयोजन की अध्यक्षता कर रहे से शिव गोपाल मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान तमाम रेलवे कर्मचारियों ने ड्यूटी करते हुए शहादत दी। कोरोना काल के दौरान अपनी अपने परिवार की परवाह करते हुए रेल कर्मचारियों ने लोगों को भोजन दवा दूध आदि सामग्री पहुंचाई। संकटकाल में जिस रेलवे बॉस में कार्यरत कर्मचारियों ने देश की सेवा की। ऐसी रेलवे के ढांचे को सरकार कैसे चेंज बंद कर सकती है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा यदि रेलवे का प्राइवेटीकरण,निगमीकरण किया जाता है तो हम उसे बचाएंगे और राष्ट्र को भी बचाएंगे तथा रक्त की अंतिम बूंद तक रेल तथा देश की सेवा करेंगे।

  • श्री मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार यदि रेलवे का निजीकरण करती है तो जितने भी देश के जितने भी बड़े रेलवे स्टेशन है वहां रेल बचाओ देश बचाओ समितियों का गठन किया जाएगा और इन समितियों के माध्यम से सरकार के इस कदम का विरोध किया जाएगा विरोध स्वरूप देश में जगह-जगह आंदोलन किए जाएंगे और सरकार को इस कदम को वापस लेने के लिए मजबूर किया जाएगा।
  • दूसरी मांग नई पेंशन को समाप्त कर सभी कर्मचारियों के लिए पुनः पुरानी पेंशन लागू की जाए
  • तीसरी मांग 43600रुपये की सीमा समाप्त कर सभी रेल कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता दिया जाए
  • और अंतिम मांग के रूप में ईपास की बाध्यता समाप्त कर मैनुअल पास पीटीओ विकल्प के रूप में जारी किया किया जाने का मुद्दा इस अधिवेशन में उठाया जा रहा है।
  • अधिवेशन में नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मैंस यूनियन के केंद्रीय कार्यकारिणी एवं तीनों मंडलों के मंडल अध्यक्ष मंडल मंत्री सहित झांसी एवं ग्वालियर के सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित हो रहे हैं।

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