अपने प्लॉट को कचरा घर न बनने दें अन्यथा प्लॉट का नामांतरण होगा निरस्त : कलेक्टर

अंतरविभागीय समन्वय बैठक में हुई स्वच्छता सर्वेक्षण की समीक्षा...

अपने प्लॉट को कचरा घर बनने दें अन्यथा प्लॉट का नामांतरण होगा निरस्त : कलेक्टर

 

ग्वालियर। ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में स्थित आवासीय प्लॉट में कचरा फेंकने की प्रवृत्ति को सख्ती से रोका जाए। आवासीय प्लॉट के मालिकों को साफतौर पर बता दें कि वे अपने प्लॉट को बाउण्ड्रीवॉल इत्यादि के जरिए सुरक्षित करें और प्लॉट को कचरा घर बनने दें। यदि बार-बार सचेत करने के बाबजूद प्लॉट मालिक द्वारा सहयोग किया जाए अर्थात प्लॉट में कचरा मिले तो ऐसे प्लॉट को नगर निगम के आधिपत्य में लेने और नामांतरण निरस्त करने की कार्रवाई की जाए। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में नगर निगम के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने यह भी कहा कि खाली प्लॉट में कचरा फेंकने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करें और उनसे जुर्माना भी वसूला जाए। उन्होंने नगर निगम आयुक्त से कहा कि कचरा संग्रहण के लिये शहर के हर गली-मोहल्ले में कचरा संग्रहण वाहन प्रतिदिन पहुँचे। इसमें ढ़िलाई सामने आने पर संबंधित कचरा वाहन चालक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि व्यवसायिक क्षेत्रों में दिन में दो बार, बस स्टेण्ड इत्यादि सार्वजनिक स्थलों पर हर घंटे और रिहायशी इलाकों में दिन में कम से कम एक बार झाड़ू अवश्य लगे। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री किशोर कान्याल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी, अपर कलेक्टर श्री एच बी शर्मा श्री इच्छित गढ़पाले, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं सभी एसडीएम मौजूद थे। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में जोर देकर कहा कि व्यवसायिक क्षेत्रों के दुकानदारों को साफ तौर पर ताकीद कर दें कि वे अपनी दुकानों के बाहर अनिवार्यत: डस्टबिन रखें। साथ ही ग्राहकों से कहें कि डस्टबिन में ही कचरा डालें। यदि कोई ग्राहक या राहगीर सड़क पर कचरा फेंकता मिले तो उसकी सूचना नगर निगम के अधिकारियों को दें। साथ ही  उसका नाम मोबाइल फोन नम्बर नोट की कोशिश भी करें ताकि उसके घर जाकर जुर्माना वसूल किया जा सके। कलेक्टर श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि व्यवसायिक क्षेत्रों के जो दुकानदार डस्टबिन रखकर सड़क पर कचरा फैलाने के लिये जिम्मेदार बन रहे हैं, उनकी दुकानें एक हफ्ते तक सील करने की कार्रवाई की जाए।

कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस वार्ड में उनकी ड्यूटी लगी है उसमें प्रतिदिन पहुँचें और खाली प्लॉटों पर जमा कचरे को साफ करायें। उन्होंने कहा स्थानीय निवासियों एवं नगर निगम के अमले के सहयोग से इस काम को अंजाम दें। इसमें किसी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी। अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने शहर में जोनल स्तर पर और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत स्तर पर प्रभावी ढंग से सुशासन शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने शिविर की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की। साथ ही निर्देश दिए कि प्रयास ऐसे हों कि शहर और गाँव के हर मोहल्ले के निवासियों तक शिविर की सूचना पहुँचे, जिससे वे अपनी समस्याओं का समाधान करा सकें। उन्होंने कहा कि शिविर लगाने के एक हफ्ते बाद निराकरण की सूचना देने के लिये फोलोअप शिविर भी लगाए जाएं।

जिले में 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग के प्रथम डोज के कोरोना टीकाकरण से शेष सभी बच्चों को जल्द से जल्द टीके लगवाएँ। जिले में अगले शुक्रवार तक कुल 6 हजार 500 बच्चों को प्रथम डोज के टीके लगवाने का लक्ष्य सभी एसडीएम को दिया गया है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूलों में अध्ययनरत जिन बच्चों को द्वितीय डोज का टीका लगवाने की बारी गई है, उन्हें अभियान बतौर टीके लगवाएं। कलेक्टर श्री सिंह ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीके लगाने की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जल्द से जल्द सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रिकोशन डोज लगवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने भू, रेत शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करने पर बैठक में विशेष बल दिया। उन्होंने कहा इस मुहिम को और तेज करें। माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ-साथ उनकी परिसम्पत्तियां भी शासन हित में जब्त की जाएँ। बैठक में सीएम हैल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए।

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