बहन, बेटियों के सशक्तीकरण के लिए काम करना मेरे जीवन का मिशन : CM शिवराज

स्व-सहायता समूह के सदस्यों को वर्चुअली वितरित किए 300 करोड़ रूपए के ऋण

बहन, बेटियों के सशक्तीकरण के लिए काम करना मेरे जीवन का मिशन : CM शिवराज

 

ग्वालियर। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यदि काम करने की तड़प हो तो बहनें चमत्कार कर सकती हैं। माता, बहन, बेटियाँ अभाव और गरीबी में रहने तथा ताने सुनने के लिए पैदा नहीं हुई हैं। महिलाओं को जो सम्मान मिलना चाहिए वह अभी तक नहीं मिला है। बेटा-बेटियों में भेद किया जाता है। माँ, बहन, बेटी के सशक्तीकरण के लिए काम करना मेरे जीवन का मिशन है, यह मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने जो योजनाएँ बनाई उनका उद्देश्य ग्राम स्तर तक महिला सशक्तीकरण को सुनिश्चित करना रहा। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में ग्रामीण राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित स्व-सहायता समूह के सदस्यों को बैंक ऋण वितरित करने कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व-सहायता समूह के सदस्यों को 300 करोड़ रुपए के बैंक ऋण सिंगल क्लिक से वितरित किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचायत स्तर पर समूह के सदस्यों से वर्चुअल संवाद भी किया।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सारगर्भित प्रशिक्षण सामग्री से परिपूर्ण आजीविका कैलेंडर का विमोचन भी किया। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल तथा प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव उपस्थित थे। 

दीप जलाने और मध्यप्रदेश गान के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में देवास जिले में बने पोषण आहार संयंत्र पर केंद्रित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम से सभी जिले और पंचायतें वर्चुअली जुड़ीं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आरंभ करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि महिलाओं के जन्म से लेकर जीवन पर्यंत उनके सशक्तीकरण के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संबल योजना भी क्रियान्वित है। 

साथ ही बेटियों का घर ठीक से बस जाए इसके‍लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अब तक 40 लाख से अधिक बेटियाँ लाड़ली लक्ष्मी बनी हैं। राज्य सरकार लाड़ली लक्ष्मी-दो योजना शीघ्र ही क्रियान्वित करने वाली है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं के लिए स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण सबसे पहले मध्यप्रदेश में दिया गया। महिलाओं के लिए संविदा शाला शिक्षक के 50 प्रतिशत पद पर तथा पुलिस की नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। 

महिलाओं ने भी आत्म-विश्वास के साथ काम कर नया इतिहास रचा है, यह बड़ा सामाजिक परिवर्तन है। इंदौर पाँच बार स्वच्छता में प्रथम आया है, वहाँ की मेयर एक महिला है। महिला सरपंच भी अनुकरणीय कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आर्थिक सशक्तीकरण आत्म-सम्मान और आत्म- विश्वास के लिए जरूरी है।महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त हों, बहनों की आमदनी बढ़े, यह महिलाओं के संपूर्ण सशक्तीकरण के लिए आवश्यक है। आजीविका मिशन में जुड़ी प्रत्येक महिला की न्यूनतम दस हजार रूपए प्रतिमाह आय हो, इस दिशा में राज्य सरकार निरंतर कार्यरत है। बैंकों से सहज और सरल रूप से महिलाओं को ऋण प्राप्त हो, इस उद्देश्य से प्रतिमाह बैंकों के साथ सघन बैठकें की जा रही हैं। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाएँ रूपए-पैसे के डिजिटल लेन-देन के तरीकों को अपनाएँ। आजीविका मिशन की अवधारणा के 13 सूत्र को आत्म-सात करते हुए महिलाएँ पूरे आत्म-विश्वास से आगे बढ़ें, राज्य सरकार हर कदम पर महिलाओं के साथ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक सशक्तीकरण के क्षेत्र में भी महिलाओं की सक्रियता से बदलाव आ रहे हैं। महिला स्व-सहायता समूहों को नशामुक्ति, बाल विवाह की रोकथाम, स्वच्छता, पोषण, पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों में सामाजिक व्यवहार में सकारात्मक बदलाव के लिए भी निरंतर प्रयास करने चाहिए।

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