पुलिस के नाम पर ग्रामीण से पैसे ऐंठने वाले कथित पत्रकार पर मामला दर्ज

कई कथित पत्रकार कर रहे हैं पुलिस के नाम दलाली…

पुलिस के नाम पर ग्रामीण से पैसे ऐंठने वाले कथित पत्रकार पर मामला दर्ज

 

शिवपुरी। पुलिस से मामला सुलटाने के नाम पर  एक कथित पत्रकार ने दलित दम्पत्ति से एक लाख रूपये पुलिस थाने को दे देने के नाम पर ऐठ लिए थे जिनमे से 50 हजार रुपये  सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन के हस्तछेप के बाद वापस कराये गये थे। शेष राशि ग्रामीण को जब नहीं लौटाई तो आज बैराड़ थाना पुलिस ने कथित पत्रकार साबिर खान  के विरुद्ध धारा 420 अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत प्रकरण कायम कर लिया है। शिवपुरी में एक बड़ा रैकिट गरीब लोगों की मेहनत कि कमाई उन्हें बहलाफुसला कर हड़प रहा है। कई लोग स्वम को पत्रकार बताकर पुलिस के नाम पर दलाली के अड्डे चला रहे हैं , पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के पास वाईट लेने के बहाने पहुंचने वाले कई लोग दफ्तरों के बाहर अशिक्षित ग्रामीण लोगों को धोंस दिखाकर पैसे हडप रहे हैं। आदिवासियों के साथ सहरिया क्रांति संयोजक के पास बैराड़  थाना अंतर्गत आने वाले हुसेनपुर गाँव का घनीराम शाक्य रोता हुआ आया।

अपनी व्यथा सुनाइ जिस पर संयोजक संजय बेचैन ने तत्काल बैराड़ थाना प्रभारी को उनके नाम पर लिए गए रुपयों कि जानकारी दी तो वे सन्न रह गए , मामला बिगड़ते देख कथित पत्रकार साबिर खान  ने 50 हजार तो वापस दे दिए लेकिन शेष पैसे बाद में देने का आश्वाशन दिया था, काफी मांगने के बाद भी जब उसने ग्रामीण को पैसे नहीं लौटाए तो आज उसने बैराड़ थाना में मामला दर्ज करा दिया है। गत 6 दिसम्बर  को धनीराम शाक्य के भाई वीरू के साथ पडोसी  की लडकी भाग गई , लडकी के भाग जाने की  रिपोर्ट उसके परिजनों ने बैराड़ थाना में दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस पूछताछ करने धनीराम के घर आई , घर पर मिले मिली उसकी  बहन इंद्रा, चमेली ,भावना और कमलेश को अपने साथ थाने ले गई। फिर धनीराम के भाई काशीराम को ले गई महिलाओं को छोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने सभी रिश्तेदारों को पूछताछ हेतु बुलाने लगी  जिससे उसके घर में अशांति का माहोल व्याप्त हो गया।

बारबार पुलिस के घर आने से परेशान  धनीराम ने अपने साडू अतर सिंह शाक्य पुत्र कल्ला  शाक्य निवासी लालमाटी से सम्पर्क किया कहा कि हमारा इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है उसके बाद भी पुलिस हमे परेशान कर रही है। जिस पर  उसके साडू ने कहा कि एक पत्रकार साहब हैं जो सभी बड़े पुलिसवालों के साथ उठते- बैठते हैं मेरे परचित हैं अपन उनसे सलाह लेते हैं। इसके बाद कथित पत्रकार को फोन लगाया तो उसने कहा कि पुलिस तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ेगी पूरे एक लाख रूपये लगेंगे टी आई से बात हो गई है उसने कहा कि पुलिस को पटाना पड़ेगा नहीं तो सब घर आरोपी बन जायेगा। यह सुनकर धनीराम और घवरा गया। बातचीत के बाद अगले दिन धनीराम शिवपुरी आया कोर्ट पर लगभग 3 बजे वह कथित पत्रकार उसे वहीं खड़ा मिला जिसे 90 हजार रूपये नकद दिए 10 हजार रूपये गाँव ले जाकर दिए दिए तब उसने बोला कि अब कोई दिक्कत नहीं आयेगी ये पैसे टी आई बैराड़ के पास पहुंच जाएंगे। इस आश्वाशन के बाद प्रार्थी वापस गाँव पहुंच गए।

इसके बाद  भी जब उसके घर पुलिस कि परिक्रमा जारी रही तो धनीराम ने पत्रकार  से कहा कि साहव हमने पैसे पहुंचा तो दिए अब क्यों सता रही है पुलिस तो उसने उलटा जबाब दिया कि क्या 1 लाख में पुलिस खरीद थोड़ी ली। फिर जब भी फोन लगाते थे तो अब फोन काट रहा है। पूरा मामला उसने शिवपुरी आकर सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन को बताया तो उन्होंने बैराड़ थाना प्रभारी को फोन पर मामला बताया , जिसे सुनकर वे सन्न रह गए उन्होंने कहा कि यदि पुलिस के नाम पर गलत भय दिखाकर किसी पत्रकार ने पीसी लिए हैं तो मैं मामले कि जाँच करूँगा पीढित को न्याय दिलाऊंगा , पुलिस के नाम पर गलत तरीके से पैसे हडपने कि शिकायत की खबर कथित पत्रकार को खिन से लग गई और वो धनीराम को हाल 50 हजार रूपये लौटा गया। अभी शेष राशि उसने बाद में देने को बोला लेकिन वादे अनुरूप  राशि नही लौटाई तो धनीराम ने बैराड़ थाना में प्रकरण दर्ज करा दिया है।

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