तीन माह में खदानें नीलाम नहीं कर सकी राज्य सरकार !

रेत हो गई महंगी…

तीन माह में खदानें नीलाम नहीं कर सकी राज्य सरकार !

 

भोपाल। राज्य सरकार पिछले तीन माह में रेत खदानें नीलाम नहीं कर सकी। इसका असर जल्द ही देखने को मिलेगा। 24 जिलों के ठेके निरस्त होने के बाद अब ठेकेदारों ने भंडारित रेत निकालना शुरू कर दिया है। इस कारण रेत पिछले तीन दिन में तीन सौ रुपये प्रति ट्राली (सौ फीट) महंगी हो गई है। इससे निर्माण कार्यों की लागत भी बढ़ गई है। ज्ञात हो कि वर्तमान में प्रदेश के 24 जिलों की रेत खदानों के ठेके निरस्त हो चुके हैं। जिससे प्रदेश में रेत का संकट खड़ा होने लगा है। वहीं सरकार ने तहसील स्तर पर रेत खदानें नीलाम करने का निर्णय लिया है। रेत खदानें महंगी नीलाम करने की सरकार की खुशी ज्यादा दिन नहीं चली। पहले ही साल प्रदेश की प्रमुख रेत खदान नर्मदापुरम(होशंगाबाद) के ठेकेदार ने खदान छोड़ दी, जिसे दूसरी बार नीलाम किया गया और दूसरी बार भी ठेकेदार खदान नहीं चला पाए।

पिछले डेढ़ साल से खदानें छोड़ने का सिलसिला ऐसा चला कि 39 में से 24 रेत खदानों के ठेके निरस्त हो चुके हैं। अब महज 15 जिलों की खदानों पर रेत की आपूर्ति निर्भर है। इस स्थिति में रेत की मांग की पूर्ति कर पाना मुश्किल है जिसका असर सीधेतौर पर सरकारी और निजी निर्माण कार्यों पर पड़ेगा भोपाल में पिछले तीन दिनों में सौ फीट रेत के दाम चार हजार रुपये से बढ़कर 4300 रुपये हो गए हैं। यही स्थिति आसपास के क्षेत्र में है। उल्लेखनीय है कि भोपाल में प्रतिदिन 120 ट्रक रेत की जरूरत पड़ती है। राज्य सरकार ने जल्दबाजी कर ठेके दे भी दिए, तो नए ठेकेदार अक्टूबर 2022 से पहले खदानों से रेत नहीं निकाल पाएंगे। दरअसल, नीलामी प्रक्रिया पूरी करने में दो माह से ज्यादा समय लग जाएगा। फिर ठेकेदारों को उत्खनन योजना मंजूर कराने और पर्यावरणीय अनुमति लेने में दो से तीन माह लग जाएंगे। तब तक बारिश का दौर शुरू हो जाएगा और खदानों से रेत निकालने पर पाबंदी लग जाएगी।  

ऐसे में महंगी रेत लेना लोगों के लिए मजबूरी होगी। खनिज विभाग ने दिसंबर 2021 तक 14 जिलों राजगढ़, रीवा, रायसेन, छतरपुर, मंदसौर, आलीराजपुर,शिवपुरी, धार, भिंड, शाजापुर, रतलाम, पन्ना जिला सहित दो अन्य खदानें नीलाम करने की तैयारी की थी, पर अब तक इनमें से एक भी जिले की खदानें नीलाम नहीं हो पाई हैं। जिससे इन जिलों की खदानों से रेत चोरी हो रही है। रतलाम, भिंड, पन्ना, बैतूल, ग्वालियर, देवास, नरसिंहपुर और डिंडौरी जिलों में रेत खदानें चला रहे ठेकेदारों ने खदानें समर्पित की हैं, तो भोपाल,होशंगाबाद रायसेन, धार, आलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, शिवपुरी, जबलपुर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, मंदसौर, रीवा, राजगढ़ और शाजापुर जिलों की खदानों के ठेके रायल्टी राशि जमा नहीं होने के कारण खनिज विभाग ने निरस्त कर दिए हैं।

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