शॉर्ट सर्किट से घर में लगी भीषण आग, जिंदा जला युवक

ग्वालियर के डबरा में दिल दहला देने वाली घटना…

शॉर्ट सर्किट से घर में लगी भीषण आग, जिंदा जला युवक

ग्वालियर के डबरा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। घर में शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी ने भीषण आग का रूप ले लिया और घर के मुखिया शिवचरण की जिंदा जलकर मौत हो गई। देर रात लगी आग में घिरा शिवचरण चिल्लाया तो आवाज सुनकर बाहर आए जवान बेटे ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि घर में घुसना तक मुश्किल हो रहा था। कुछ मिनट तक आग में घिरा शिवचरण आदिवासी चीखता रहा, लेकिन जैसे-जैसे आग की लपटें तेज होती गईं, शिवचरण की चीख सिसकियों में बदल गई। उधर, आग की सूचना पर पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो 10-15 घर और चपेट में आ जाते। 

पुलिस ने शिवचरण के शव को लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। डबरा देहात के सालवई गांव स्थित झंडा का पुरा निवासी 50 साल का शिवचरण बेटे अनिल आदिवासी के साथ टपरे नुमा मकान में रहता था। पास ही एक अन्य टपरे में बड़ा बेटा सुनील अपने परिवार के साथ रहता है। शिवचरण शनिवार रात बाजार से लौटा और खाना खाने के बाद सो गया। छोटा बेटा अनिल एक रिश्तेदार के घर शादी समारोह में शामिल होने गया था। देर रात अचानक शिवचरण के घर में आग लग गई। आग लगने का पता उस समय लगा जब लपटें तेज उठने लगीं। आसपास के घरों से लोग और सुनील बचाने आया, लेकिन आग काफी तेज थी। अंदर घिरे शिवचरण चीख रहा था, लेकिन कुछ ही देर में वह झुलसता गया और वहीं जिंदा जलकर उसकी मौत हो गई। 

दमकल दस्ते के प्रभारी विवेक ने बताया कि आग लगने का कारण बिजली के तार से निकली चिंगारी है। टपरे नुमा घर में घास भी काफी मात्रा में लगी थी। बिजली के तार से चिंगारी निकली और घास पर गिरी, जिससे घास जलने लगी। कुछ ही मिनट में आग की लपटें पूरे घर में फैल गईं। उस समय शिवचरण गहरी नींद में होगा, इसलिए उसे पता नहीं चला होगा, लेकिन जब आग की दमक लगी तो वह चिल्लाया, पर तब तक काफी देर हो चुकी थी। आग से घर में रखा गृहस्थी का सामान भी जलकर राख हो गया। अभी पुलिस मृतक के बेटे से पूछ रही है कि घर में क्या-क्या सामान रखा था। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस और दमकल दस्ता समय पर पहुंच गया, लेकिन एम्बुलेंस को कॉल करने के बाद भी वह घंटों तक गांव में नहीं पहुंची। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश था।

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