'बंद’ के दौरान हिंसा की घटनाओं के बाद अमरावती में curfew

अब तक 20 लोग गिरफ्तार…

'बंद’ के दौरान हिंसा की घटनाओं के बाद अमरावती में कर्फ्यू

महाराष्ट्र के अमरावती में ‘बंद’ के दौरान हिंसा की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं भी तीन दिनों तक बंद कर दी गईं. पुलिस ने बताया कि बीजेपी की ओर से कथित तौर पर बुलाए गए बंद के दौरान शनिवार सुबह उग्र भीड़ ने दुकानों पर पथराव किया. त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक घटना के विरोध में अमरावती में मुस्लिम संगठनों द्वारा शुक्रवार को आयोजित रैली के दौरान हुए पथराव के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया गया था. इस मामले पर गृह मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र में हिंसा और आपत्तिजनक बयानबाजी की सूचना मिली है, जिनका उद्देश्य त्रिपुरा के बारे में फर्जी खबरों के आधार पर शांति और सद्भाव को बिगाड़ना है. मंत्रालय ने कहा ‘‘यह बहुत चिंताजनक है और यह आग्रह किया जाता है कि हर कीमत पर शांति बनाए रखी जाए.’’

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि हाल के दिनों में त्रिपुरा में किसी भी मस्जिद के ढांचे को नुकसान पहुंचाने का कोई मामला सामने नहीं आया है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘इन घटनाओं में किसी व्यक्ति के साधारण या गंभीर रूप से जख्मी होने अथवा बलात्कार या मौत की कोई शिकायत नहीं मिली है जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया है.’’ शुक्रवार और शनिवार को पथराव की घटनाएं होने के बाद किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत शहर में कर्फ्यू लगा दिया, 

आदेश के अनुसार, चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति को छोड़कर लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है और किसी एक जगह पर पांच से ज्यादा लोगों के एकत्र होने की भी इजाजत नहीं है. त्रिपुरा में हुई घटनाओं के विरोध में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल में रैलियां निकाली थीं और इस दौरान पथराव की घटनाएं हुई थीं. शुक्रवार को हुई घटनाओं के संबंध में पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार अन्य को हिरासत में लिया है. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को आठ हजार से अधिक लोग ज्ञापन सौंपने के लिए अमरावती के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जमा हुए थे, 

जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित ज्यादती को रोकने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि ज्ञापन सौंपकर जब लोग निकल रहे थे तो कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत चित्रा चौक और कपास बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ. इस बीच, विपक्षी दल बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा का उद्देश्य राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को अस्थिर करने का है. राउत ने औरंगाबाद में पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार गिरने वाली नहीं है और हिंसा फैलाने वालों के असली चेहरे जल्द ही बेनकाब होंगे.

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