केरल में heavy rainfall और landslide से अब तक 31 लोगों की मौत

राहत और बचाव कार्य सुचारू रुप से जारी…

केरल में भारी बारिश और लैंडस्लाइड से अब तक 31 लोगों की मौत

केरल में भारी बारिश और बाढ़ के कहर से अब तक मरनेवालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है. इधर, केरल में बाढ़ प्रभावित जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है. राहत और बचाव कार्य सुचारू रुप से चल रहा है. आधी रात से ही रुक-रूक कर कई इलाकों में बारिश हो रही है. वक्की बांध 10 बजे खोला जा रहा है, जिसके बाद पटनमथीटा के निचले इलाकों में आज बाढ़ की संभावना है. इधर, एनडीआरएफ की विशेष टीम तैनात की गई है. पंबा नदी पर बने कक्की बांध के गेट खोले जाएंगे. बांध से आने वाला पानी निचले इलाकों को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से फोन पर बात की और बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से बातचीत की और केरल में भारी बारिश तथा भूस्खलन के मद्देनजर स्थिति पर विचार-विमर्श किया. 

अधिकारी घायलों और प्रभावितों की सहायता के लिए काम कर रहे हैं." पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं सभी के सुरक्षित रहने और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं." उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "यह दुखद है कि केरल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कुछ लोगों की मृत्यु हो गयी. मेरी संवदेनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.’’ गौरतलब है कि केरल के कई जिलों में हो रही जोरदार बारिश से जहां एक तरफ नदी-नाले उफान पर हैं तो वहीं भूस्खलन ने समस्या और बढ़ा दी है. केरल में दो दिनों की बाढ़ और बारिश ने दो दर्जन से ज्यादा जिंदगी लील ली है. रविवार रात तक केरल में 26 लोगों की जान चली गई है. कोट्टयम जिले में सबसे ज्यादा 13 लोगों की मौत हुई. इडुक्की में 9 और अलपुझा जिले में 4 लोगों की मौत हुई है. 

केरल में जमीन से जगह-जगह तबाही की ऐसी ही तस्वीरें नजर आ रही हैं. लोगों के आशियाने पूरी तरह से ढह गए. पानी ने घरों में घुसपैठ कर लोगों से सबकुछ छीन लिया. केरल में प्रकृति के इस प्रहार के पीछे की वजह है-अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र है, जिसकी वजह से तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा, कोट्टयम और इडुक्की जिले में भारी बारिश हुई. भारी बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया. मनीमाला, मीनाचल और पुलगयार नदियों ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि कहीं-कहीं नदियों का जलस्तर 30 फीट तक बढ़ गया. केरल के ज्यादातर बांध भी अपनी क्षमता से ज्यादा भरे हुए हैं. केरल के लोगों के लिए परेशानी की बात ये है कि इस आफत की बारिश से अभी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग के मुताबिक पथनमथिट्टा, एर्नाकुलम, कोट्टयम, इडुक्की, त्रिशुर में आज भी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. 

तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलपुझा, पलक्कड, मल्लपुरम, वायनाड और कोझिकोड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. साथ ही 40 किलोमीटर घंटे तक की स्पीड से तेज हवाएं चल सकती हैं. बाढ़ बारिश और उसके बाद हुई जमीन धंसने की घटनाओं ने कई इलाकों का संपर्क पूरी तरह से खत्म कर हो गया है. केरल के कोने-कोने में आई आफत के बीच सेना, नौसेना समेत एनडीआरएफ की कई टीमें राहत और बचाव के काम में जुटी हुई हैं. लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने के साथ साथ बंद पड़े रास्तों को खोलना प्राथमिकता है. 2018 के बाढ़ में हुई तबाही को ध्यान में रखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट पर है. केरल में मौसम की तल्खी को देखते हुए अगले आदेश तक पर्यटन स्थलों को भी बंद कर दिया गया है.

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