गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ पहुंचकर केन्द्रीय मंत्री सिंधिया

यहां आया यह मेरा सौभाग्य है...

गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ पहुंचकर केन्द्रीय मंत्री सिंधिया 

ग्वालियर। मंगलवार को अचानक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ के गुरु दरबार में मत्था टेक कर आशीर्वाद लिया। वहां चल रहे कार्यक्रम के बारे में प्रबंधन से जानकारी ली और वहां मौजूद संगत से भी मुलाकात की। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री सिंधिया बोले हैं कि जब भी 400 साल पुराने गुरु गोबिंद सिंह जी के 52 राजाओं को मुक्त कराने की घटना का दृश्य देखता हूं तो भावुक हो जाता हूं। आयोजन के संबंध में कहा यह बहुत ऐतिहासिक पर्व है। ग्वालियर, सिख समाज के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए बड़ा आयोजन है। यह सिख समाज के जो आदर्श है। उनके मूल्य और सिद्धांत हैं जनता पहले सेवा पहले,वहीं आज हमें इस कार्यक्रम में देखने को मिला है।

तीन दिवसीय विश्वस्तरीय महोत्सव गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ पर सोमवार से शुरू हुआ है। समारोह के पहले ही दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आने का कार्यक्रम था, लेकिन किन्ही कारणों के चलते यह मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री का आना रद्द हो गया था। पर महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार सुबह अचानक 4 बजे केन्द्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कार्यक्रम आया कि वह 8.30 बजे ग्वालियर पहुंच रहे हैं और सीधे वहां से गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ पहुंचेंगे। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर भी हलचल मच गई। जल्दी-जल्दी सिंधिया के आगमन की तैयारियां पूरी कर ली गईं। सुबह 9 बजे केन्द्रीय मंत्री सिंधिया गुरुद्वारा पहुंचे हैं। गुरुद्वारा पहुंचकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका और गुरु का आशीर्वाद लिया। इसके बाद वहां आई संगतों से मुलाकात की।

 ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद कोविड के बीच इतना बड़ा और व्यवस्थित आयोजन करने पर सिख समाज की तारीफ की। वह बोले यहां वैक्सीन लगाई जा रही है बिना मास्क के किसी को एन्ट्री नहीं दी जा रही है। इस तरह का कार्यक्रम करवाना ही अपने आप में तारीफ के काबिल हैं। इसके आलावा सिंधिया ने कहा है कि यह ऐतिहासिक कार्यक्रम है। यह ग्वालियर के लिए गौरव है। इसलिए ही मैं यहां आया हूं अपना सौभाग्य मानता हूं। साथ ही इस आयोजन के लिए सभी सिख समाज के भाई बहन को बधाई।

मीडिया ने सिंधिया से गुरुद्वारा और कार्यक्रम के संबंध में बात की तो उन्होंने खुलकर बात की, लेकिन जब मध्य प्रदेश में उपचुनाव या लखीमपुर खीरी पर बात करना चाहिए तो वह यह कहकर आगे निकल गए कि धार्मिक कार्यक्रम में आया हूं धार्मिक ही बात होगी। गुरुद्वारा से कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सिंधिया जयविलास पैलेस पहुंचे हैं।यहां से वह सीधे एयरपोर्ट जाएंगे और दिल्ली केलिए रवाना हो जाएंगे।

पहले दिन यह हुए कार्यक्रम

ग्वालियर किला स्थित गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ के 400 वर्ष पूरे होने पद तीन दिवसीय (4 से 6 अक्टूबर) महोत्सव शुरू हो चुका है। महोत्सव में देश के साथ ही विदेशों से भी सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ पर आए हैं। 4 अक्टूबर को कार्यक्रम की शुरूआत गुरु ग्रंथ साहिब पाठ सर्वधर्म सभा के साथ हुई। दिन में कीर्तन दरबार सजा और रात को कवि दरबार लगा। 

मंगलवार को दूसरे दिन के कार्यक्रमों की 

शुरूआत भी गुरु ग्रंथ साहिब पाठ से हुई। इसके बाद कीर्तन दरबार सजा। पूरे दिन प्रभु की कथा चलेगी। इतना ही नहीं मंगलवार को पांच तख्तों से आने वाले जत्थेदार गुरुवाणी की व्याख्या करेंगे और चरणवार गुरुओं के बारे में बताएंगे। इसके अलावा गुरुद्वारों के लिए लगातार सेवा करने वाले सेवादारों का सम्मान भी किया जाएगा। उनको सरोपे भेंट किए जाएंगे।

मुगल बादशाह जहांगीर ने ग्वालियर किले में 52 राजपूत राजाओं के साथ छठवें सिख गुरु हरगोविंद साहब को किले में कैद कर रखा था। पर उसके बाद जहांगीर की मानसिक हालत बिगड़ने लगी। सपने में उनको एक फकीर ने संदेश दिया कि गुरु हरगोबिंद सिंह जी को रिहा करने के बाद वह ठीक हो जाएंगे। जब सिख गुरु हरगोविंद सिंह जी को रिहा किया जा रहा था तो उन्होंने अपने साथ 52 राजाओं को रिहा करने की शर्त रखी थी। जिसके बाद उनके साथ सभी राजाओं को रिहा किया गया था। जब यह रिहा होकर अमृतसर पहुंचे तो वहां दीपमाला की गई थी। इस दिन को सिख पंथ दाता बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष दाताबंदी छोड़ दिवस को 400 साल पूरे हो गए हैं।

किले पर पहुंचने वाले ऐसे श्रद्धालु जिनके पास मास्क नहीं है उनको मास्क दिए जा रहे हैं। साथ ही वैक्सीनेशन कैंप पर भी सुबह से भीड़ लगी है। लोग पहले वैक्सीन लगवा रहे हैं और फिर गुरुद्वारा में मत्था टेक रहे हैं। यहां तीन दिन में हजारों लोगों के आने की संभावना है। हर एक घंटे में 3 से 4 हजार रोटियां बन रही हैं। आनंदपुर साहिब की संगत पूरी व्यवस्था संभाल रही है। 800 से ज्यादा लोग 24 घंटे मेगा किचन में काम कर रहे हैं।

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